Aarushi Hemraj murder case:आखिर असली हत्यारा है कौन! जानिए अनसुलझे रहस्य के तमाम पहलू...
इलाहाबाद। देश के सबसे बड़े हत्याकांड में से एक आरुषि-हेमराज मर्डर केस में आज एक बड़ा फैसला आया है, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने डॉ. राजेश और नूपुर तलवार को बरी कर दिया है। तलवार दंपति ने सीबीआई कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की थी। 26 नवंबर, 2013 को उनको सीबीआई कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी। तलवार दंपति इस समय गाजियाबाद के डासना जेल में सजा काट रहे हैं। कोर्ट ने कहा कि सीबीआई जांच में कई तरह की खामियां है इसलिए संदेह के आधार पर तलवार दंपति को सजा देने की बात सही नहीं है। लेकिन कुछ सवालों के जवाब अब हर किसी के दिल में कौंध रहा है कि आखिर आरूषि का हत्यारा है कौन?
15-16 मई 2008
आरुषि-हेमराज हत्याकांड भारत का सबसे जघन्य व रहस्यमय हत्याकाण्ड था जो 15-16 मई 2008 की रात नोएडा के सेक्टर 25 (जलवायु विहार) में हुआ। पेशे से डाॅक्टर दंपति ने अपनी एकमात्र संतान आरुषि (14 वर्ष) के साथ अपने घरेलू नौकर हेमराज (45 साल) की हत्या कर दी और सबूत मिटा दिये।
हेमराज के नाम एफआईआर दर्ज कराई
यह हत्याकाण्ड उस समय हुआ जब आरुषि के माता-पिता दोनों ही अपने फ्लैट में मौजूद थे। आरुषि के पिता ने बेटी को जान से मारने का शक अपने नौकर पर बताते हुए पुलिस में हेमराज के नाम एफआईआर दर्ज कराई। पुलिस हेमराज को खोज ही रही थी कि अगले दिन उसी फ्लैट की छत पर हेमराज का शव बरामद हुआ।
कब-कब... क्या-क्या हुआ-
- 16 मई 2008- दन्त चिकित्सक राजेश तलवार की 14 साल की बेटी आरुषि व उनके घरेलू नौकर हेमराज की हत्या
- 17 मई 2008- पड़ोसी की छत से हेमराज का शव बरामद।
- 23 मई 2008- आरुषि के पिता राजेश तलवार गिरफ़्तार।
- 24 मई 2008- यूपी पुलिस ने राजेश तलवार को मुख्य अभियुक्त माना।
- 29 मई 2008- मुख्यमन्त्री मायावती ने सीबीआई जांच की सिफारिश की।
- जून 2008- सीबीआई ने जांच शुरू कर एफ़आईआर दर्ज़ की।
- 12 जुलाई 2008- सबूतों के अभाव में राजेश तलवार को रिहा किया गया।
- सितम्बर 2008- सबूतों के अभाव में राजेश तलवार के सहायक और दो नौकरों को भी रिहा कर दिया गया।
- 9 फ़रवरी 2009- तलवार दम्पति पर हत्या का मुकदमा दर्ज।
- जनवरी 2010- राजेश और नूपुर के नार्को टेस्ट की इजाजत मिली।
- दिसम्बर 2010- 30 महीने तक चली जाँच के बाद सीबीआई ने अदालत को क्लोज़र रिपोर्ट सौंपी।
- 25 जनवरी 2011- नए सिरे से जांच की मांग को लेकर राजेश तलवार पर कोर्ट परिसर में हमला हुआ।
- 12 अप्रैल 2011- नूपुर की जमानत पर सुनवाई से उच्चतम न्यायालय ने मना कर दिया।
- 6 जनवरी 2012- उच्चतम न्यायालय ने तलवार दम्पति पर मुक़दमा चलाने का आदेश दिया।
- 30 अप्रैल 2012- नूपुर तलवार को भी गिरफ़्तार किया गया।
- जून 2012- अदालत के निर्देश पर फिर से सुनवाई शुरू हुई।
- 25 सितम्बर 2012- नूपुर तलवार की रिहाई का आदेश जारी हुआ।
- 24 अप्रैल 2013- सीबीआई ने राजेश तलवार पर हत्या का आरोप लगाया।
- 11 जून 2013- गवाहों के बयान दर्ज होना शुरू किये गये।
- 12 नवम्बर 2013- मुकदमें की अन्तिम सुनवाई पूर्ण हुई।
- 25 नवम्बर 2013- नूपुर एवं राजेश तलवार को अपनी पुत्री आरुषि और नौकर हेमराज की हत्या का दोषी करार दिया गया।
- 26 नवम्बर 2013- नूपुर एवं राजेश तलवार को उम्रक़ैद की सजा।
- 6 जनवरी 2012- उच्चतम न्यायालय ने तलवार दम्पति पर मुक़दमा चलाने का आदेश दिया।
- 30 अप्रैल 2012- नूपुर तलवार को भी गिरफ़्तार किया गया।
- जून 2012- अदालत के निर्देश पर फिर से सुनवाई शुरू हुई।
- 25 सितम्बर 2012- नूपुर तलवार की रिहाई का आदेश जारी हुआ।
- 24 अप्रैल 2013- सीबीआई ने राजेश तलवार पर हत्या का आरोप लगाया।
- 11 जून 2013- गवाहों के बयान दर्ज होना शुरू किये गये।
- 12 नवम्बर 2013- मुकदमें की अन्तिम सुनवाई पूर्ण हुई।
- 25 नवम्बर 2013- नूपुर एवं राजेश तलवार को अपनी पुत्री आरुषि और नौकर हेमराज की हत्या का दोषी करार दिया गया।
- 26 नवम्बर 2013- नूपुर एवं राजेश तलवार को उम्रक़ैद की सजा।
- 7सितंबर, 2017: इलाहाबाद उच्च न्यायालय की पीठ ने माता-पिता की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा और 12 अक्तूबर को फैसले की तारीख दी।
- 12 अक्टूबर, 2017: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने आरुषि के माता-पिता को बरी किया।
सबूतों के अभाव
नूपुर एवं राजेश तलवार को उम्रक़ैद
आरुषि के माता-पिता को बरी किया