आर्टिकल-370 पर खालिद जहांगीर नाम के कश्मीरी ने पाकिस्तान को UNHRC में बेनकाब किया तो क्या हुआ? जानिए
नई दिल्ली- जिस समय संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के प्रमुख मिशेल बैचलेट ने जम्मू-कश्मीर में जारी कुछ पाबंदियों के बहाने वहां की हालत पर अपनी गहरी चिंता जताई है, उसी समय भारत ने अपना पक्ष रखने के लिए एक कश्मीरी को ही जिनेवा में तैनात कर दिया है। सबसे बड़ी बात है कि कश्मीर के मुद्दे पर खालिद जहांगीर ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर जिस तरह से अपने देश की बात रखी है, उससे पाकिस्तान के मुंह पर बहुत तगड़ा तमाचा लगा है। जहांगीर ने एक-एक करके कश्मीर में मानवाधिकार की चिंता करने वालों की आशंकाओं को न सिर्फ दूर कर दिया है, बल्कि उन्होंने अपने तर्कों और तथ्यों से पाकिस्तान के असली चेहरे को भी उजागर कर दिया है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में बताया है कि वह सिर्फ धर्म के आधार पर कश्मीर में अशांति कायम रखना चाहता है, लेकिन आम कश्मीरी अब उसके मंसूबे को समझ चुके हैं और उसकी दाल अब नहीं गलने वाली है।
पाकिस्तानी प्रोपेगेंडा की हवा निकाल रहे हैं जहांगीर
इंडियन फाउंडेशन से जुड़े खालिद जहांगीर ने बताया है कि वे संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के चालू सत्र में किस तरह से पाकिस्तानी प्रोपेगेंडा की हवा निकाल रहे हैं। जहांगीर से न्यूज18 ने फोन पर बात की है और इस दौरान उन्होंने वहां अबतक जो कुछ भी कहा है, वह सब बयां करने की कोशिश की है। उन्होंने बताया कि वे पिछली बार 1999 में जिनेवा गए थे। तब वे एक छात्र नेता थे। इस बार उन्हें काफी समय बाद अपने पुराने सहयोगियों से मिलने का मौका मिला है। उनका वहां जिस तरीके से शानकार स्वागत किया गया है, वे उससे बेहद खुश हैं। उन्हें इस बात की बेहद खुशी है कि उन्हें कश्मीर के मौजूदा हालात पर दुनिया भर के लोगों के साथ बातचीत करने का अवसर मिल रहा है। उन्होंने ये भी बताया है कि हाउडी मोदी में मोदी के मंच पर डॉनल्ड ट्रंप की मौजूदगी से विश्व समुदाय को एक अच्छा संदेश मिला है और इसके कारण पाकिस्तानी प्रोपेगेंडा को नाकाम करने में मदद मिली है।
धारा-370 हटने से बेहतर हुआ जीवन- जहांगीर
उन्होंने बताया है कि वे मुख्य तौर पर जिनेवा में पाकिस्तानी प्रोपेगेंडा का पर्दाफाश करने ही गए हैं। क्योंकि, आर्टिकल-370 हटने के बहाने पाकिस्तान झूठ फैला रहा है कि इससे कश्मीरियों के अधिकार खत्म किए गए हैं। जबकि, जहांगीर दुनिया को बता रहे हैं कि असल में इससे हर कश्मीरी को अपने जीवन में बेहतरी के लिए आगे बढ़ने का मौका मिला है। हमें अपनी संस्कृति, अपनी विरासत, अपने पर्यावरण को सुरक्षित रखने का अधिकार है, जिसे पिछले कुछ दशकों से हमारा पड़ोसी तबाह करने का प्रयास कर रहा है।
पाकिस्तानी प्रोपेगेंडा में नहीं फंसे कश्मीरी
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद को उन्होंने बताया कि पाकिस्तान हमेशा से भारत के खिलाफ धर्म का कार्ड खेलता रहा है, जिसका कश्मीरियों ने हमेशा विरोध किया है। उनके मुताबिक आप लोगों के खिलाफ धर्म का इस्तेमाल नहीं कर सकते। हर कश्मीरी यह जानता है कि हम भारत में पूरी तरह से शामिल हो चुके हैं। अब हमें पूरे देश के साथ जुड़ने की बहुत सारी सुविधाएं मिल गई हैं। पूरे देश से नया संवाद और नई सूचनाओं एवं आइडिया का आदान-प्रदान हो रहा है। हमारे पास इंटरनेट है, जिसने दुनिया छोटी कर दी है। उनके अनुसार, 'मैंने कहा कि कश्मीरी आगे बढ़ रहे हैं, बजाए इसके कि पाकिस्तानी प्रोपेगेंडा में बह जाएं।'
पोल खुलने से पाकिस्तानानियों में हड़कंप
जब जहांगीर से ये सवाल किया गया कि संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में उनके विचारों को सुनकर पाकिस्तानियों की क्या प्रतिक्रिया है। तब उन्होंने बताया कि उनकी बातें सुनकर पाकिस्तानियों में इस बात के लिए हड़कंप मच गया कि एक कश्मीरी मुसलमान ही उसके प्रोपेंगेंडा की कलई खोल रहा है। पाकिस्तान की लॉबी में शामिल हर शख्स के चेहरे सूख गए। मुझे लगता है कि वहां पर मौजूद लोग हमारे विचारों को समझते हैं। उनके मुताबिक, 'पाकिस्तान ने झूठी कहानी बनाने की कोशिश की थी कि 370 हटाना हमारे धर्म पर हमला है, इस्लाम पर हमला है। हम दुनिया को बताने की कोशिश कर रहे हैं कि धारा-370 का धर्म से कोई लेना-देना नहीं है। अगर कुछ है तो पाकिस्तान की हरकतें गैर-इस्लामी हैं। जिस तरह से 1989 में उन्होंने ऑपरेशन टोपैक शुरू किया, वे हम पर हिंसा का आरोप लगाते हैं......जिसका नरेंद्र मोदी की सरकार जवाब देने की कोशिश कर रही है।' गौरतलब है कि खालिद जहांगीर बीजेपी से भी जुड़े हैं और पिछले लोकसभा चुनाव में वे श्रीनगर से पार्टी के उम्मीदवार भी थे।
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