अगस्त से 67 करोड़ लोगों को मिलने लगेगा वन नेशन-वन राशन कार्ड का फायदा, बजट में ही हो गया था ऐलान
नई दिल्ली- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज आत्मनिर्भर भारत पैकेज की दूसरी कड़ी के बारे में जो विस्तृत ब्योरा देने आईं, उसमें मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना वन नेशन-वन राशन कार्ड भी शामिल है। इस तरह के राशन कार्ड का सबसे बड़ा फायदा ये होगा कि प्रवासी मजदूर और प्रवासी कामगारों इसका भरपूर लाभ उठा सकेंगे। क्योंकि, यह एक पोर्टिबिलिटी व्यवस्था होगी, जिसमें लोग जहां भी जाएंगे, वहीं पर राशन ले पाएंगे और वह वहीं पर इससे पब्लिक डिस्ट्रब्यूशन सिस्टम से सस्ता राशन खरीद सकेंगे।
वित्त मंत्री ने कहा है कि पीडीएस से जुड़े 23 राज्यों के 67 करोड़ लाभार्थियों को इसका फायदा अगस्त से ही मिलना शुरू हो जाएगा। जो कि पीडीएस की कुल आबादी के 83 फीसदी हैं। जबकि अगले साल मार्च तक यह सभी राज्यों में लागू हो जाएगा। तब तक सभी राज्य की उचित मूल्य की दुकानें ऑटोमेशन के दायरे में आ जाएंगी।
बता दें कि वन नेशन वन-राशन कार्ड का प्रस्ताव बजट घोषणा में ही शामिल था और अब तक यह शुरू भी हो गया होता। लेकिन, कई राज्यों ने अभी तक इसके लिए आवश्यक राशन कार्ड की डिजिटाइशन की प्रक्रिया पूरी नहीं की है, जिसके चलते इसे फौरन नहीं शुरू करने में अड़चनें आ रही हैं। यही नहीं बजट पेश होने के बाद देश में ऐसा कोरोना प्रकोप शुरू हो गया कि राज्यों के लिए भी इस प्रक्रिया को पूरा करने में देरी हुई है। बता दें कि सरकार ने पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर पिछले साल तेलंगाना और आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात के बीच राशन कार्ड की पोर्टेबिलिटी शुरू की थी।
इस बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि उन 8 करोड़ प्रवासी मजदूरों को जिनके पास केंद्र या राज्य सरकारों में से किसी का पीडीएस कार्ड नहीं है, उन्हें अगले दो महीने तक मुफ्त राशन दिया जाएगा। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से कहा था कि वह देखे कि क्या अस्थाई तौर पर वन नेशन वन-राशन कार्ड की व्यवस्था शुरू की जा सकती है, जिससे कि लॉकडाउन में फंसे प्रवासी मजदूरों और आर्थिक रूप से कमजोर तबके को उचित मूल्य पर अनाज मुहैया कराई जा सके। वित्त मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि प्रवासी मजदूरों के राशन का इंतजाम करने के लिए 3,500 करोड़ रुपये का अलग से प्रावधान किया गया है और उसका सारा खर्च केंद्र सरकार उठाएगी।