एक और लापरवाही, स्कूल वैन में 6 साल के मासूम को किया बंद, दम घुटने से मौत
नई दिल्ली। महज एक छोटी सी गलती की वजह से 6 साल के मासूम बच्चे की मौत का मामला सामने आया है। मध्य प्रदेश के होशंगाबाद जिले में छह साल का बच्चा स्कूल की कार में बंद रह गया। जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी मृत्यु हो गई। यह घटना साईं इंटरनेशनल स्कूल की है,जहां मासूम नैतिक गौड़ की मृत्यु हो गई। घटना के बाद बच्चे को अगले दिन भोपाल के अस्पातल में 20 मार्च को भर्ती कराया गया है था। जहां बच्चे की रविवार को मृत्यु हो गई।
स्कूल
प्रशासन
पर
लगाया
आरोप
बच्चे
के
पिता
सुरेंद्र
गौड़
ने
आरोप
लगाया
है
कि
स्कूल
प्रशासन
ने
मेरे
बेटे
को
मारा
है,
इन
लोगों
ने
मेरे
बेटे
को
चार
घंटे
तक
कार
में
छोड़
दिया,
उनकी
लापरवाही
की
वजह
से
मेरा
बेटा
मर
गया।
वहीं
स्कूल
के
डायरेक्टर
नितिन
गौड़
ने
कहा
कि
स्कूल
के
भीतर
अटेंडेंट
बच्चे
को
लेकर
आती
थी,
लेकिन
उस
दिन
वह
उसे
लाना
भूल
गई।
दरअसल
स्कूल
की
वैन
नहीं
आने
की
वजह
से
स्कूल
के
डायरेक्टर
ही
कुछ
बच्चों
और
टीचर
को
अपनी
कार
से
लेकर
स्कूल
आए
थे।
कार
में
ही
भूल
गए
बच्चे
को
स्कूल
में
बच्चों
और
टीचर्स
को
छोड़ने
के
बाद
नितिन
कार
को
लॉक
करके
होशंगाबाद
चले
गए।
वहीं
सुरेंद्र
गौड़
ने
कहा
कि
नैतिक
को
जब
लाया
गया
तो
वह
बेहोश
था।
इसके
बाद
उसे
होशंगाबाद
के
अस्पताल
ले
जाया
गया,
लेकिन
जब
हालत
काफी
खराब
हो
गई
तो
बाद
में
उसे
भोपाल
के
रेंबो
अस्पताल
में
भर्ती
कराया
गया।
वहीं
अस्पताल
के
डॉक्टर
का
कहना
है
कि
बच्चा
सदमे
में
था
और
वह
सही
से
सांस
नहीं
ले
पा
रहा
था,
उसकी
स्थिति
काफी
गंभीर
थी।
जिसके
बाद
हमने
उसे
ऑक्सीजन
लगाया,
लेकिन
हम
उसे
बचा
नहीं
सके।
पिता
बोले,
मैं
इंसाफ
के
लिए
लड़ुंगा
बच्चे
के
पिता
का
कहना
है
कि
स्कूल
के
डायरेक्टर
मेरे
रिश्तेदार
हैं,
लेकिन
मैं
इस
घटना
को
नहीं
भूल
सकता
हूं,
मैं
इंसाफ
के
लिए
लड़ुंगा,
अगर
पुलिस
कुछ
नहीं
करती
है
तो
मैं
सीबीआई
जांच
की
मांग
करुंगा।
भोपाल
टीटी
नगर
पुलिस
स्टेशन
के
हेड
कॉन्स्टेबल
रमाकांत
पांडेय
ने
कहा
कि
हमने
इस
मामले
को
संबंधित
थाने
को
भेज
दिया
है।
इस
मामले
में
जीरो
एफआईआर
दर्ज
की
गई
है।
जीरो
एफआईआर
के
तहत
किसी
भी
थाने
में
शिकायत
दर्ज
कराई
जा
सकती
है,
जिसे
बाद
में
संबंधित
थाने
में
स्थानांतरित
कर
दिया
जाता
है।
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