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CJI रमना ने कहा- विवेकानंद के शब्दों पर ध्यान देने की जरूरत, अंधविश्वास-कठोरता से ऊपर होना चाहिए धर्म

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हैदराबाद, 12 सितंबर: चीफ जस्टिस एनवी रमना हैदराबाद में विवेकानंद इंस्टीट्यूट ऑफ ह्यूमन एक्सीलेंस के 22वें स्थापना दिवस के कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने स्वामी विवेकानंद के ऐतिहासिक शिकागो संबोधन की 128वीं वर्षगांठ के कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत की। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि अंधविश्वास, कठोरता से ऊपर धर्म होना चाहिए। स्वामी विवेकानंद के शब्दों पर ध्यान देने की जरूरत है।

Chief Justice

मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने अपने संबोधन में कहा कि धर्म अंधविश्वासों और कठोरता से ऊपर होना चाहिए। इसके साथ ही जोर देते हुए कहा कि समाज में अर्थहीन और सांप्रदायिक संघर्षों से उत्पन्न खतरों के बारे में स्वामी विवेकानंद के शब्दों पर अब अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। सीजेआई ने बताया कि स्वामी विवेकानंद ने 1893 में शिकागो में आयोजित हुई धर्म संसद के दौरान अपने भाषण में सहिष्णुता और सार्वभौमिक स्वीकृति के विचार का प्रचार किया था।

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स्वामी जी के आदर्शों को करना चाहिए स्थापित

अपने संबोधन में मुख्य न्यायाधीश रमना ने कहा कि आज समकालीन भारत में 1893 में स्वामी विवेकानंद द्वारा बोले गए शब्दों पर ध्यान देने की ज्यादा जरूरत है। वह भविष्यवाणी करने वाले थे। उन्होंने धर्मनिरपेक्षता की वकालत की जैसे कि उन्होंने घटनाओं का पूर्वाभास किया। उन्होंने बताया कि अच्छाई और सहिष्णुता के सिद्धांतों के जरिए पुनरुत्थानशील भारत बनाने के सपने को पूरा करने के लिए हमें आज के युवाओं में स्वामी जी के आदर्शों को स्थापित करना चाहिए।

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युवाओं की शक्ति के बारे में सीजेआई ने कही ये बात

इसी के साथ युवाओं की शक्ति का हवाला देते हुए रमना ने कहा कि उन्हें इस बात से अवगत होने की आवश्यकता है कि उनके कार्य "राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया का एक हिस्सा" हैं। वहीं अपने बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि मैं एक ग्रामीण पृष्ठभूमि से आता हूं। हमने खुद को शिक्षित करने के लिए संघर्ष किया। आज संसाधन आपकी उंगलियों पर उपलब्ध हैं। आधुनिक समाज जिस अति जागरूकता की अनुमति देता है, सूचना के प्रवाह में आसानी के साथ छात्र अधिक सामाजिक और राजनीतिक रूप से जागरूक होते हैं। मुख्य न्यायाधीश ने सलाह देते हुए कहा कि समाधान खोजने और समाज में सार्थक बदलाव लाने की मानसिकता के साथ जागरूकता भी होनी चाहिए।

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English summary
Chief Justice NV Ramana speech on Swami Vivekananda Chicago address
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