अब खुलकर घूमिए शिमला, सरकार के इस कदम से खत्म होगा बंदरों का खौफ
शिमाल। आप यदि शिमला गए हों तो आपको मालूम होगा कि यहां की सड़कों पर चल रहे पर्यटकों के लिए बंदर हमेशा बड़ा खतरा रहे हैं। चाहे शहर के अंदर की व्यस्त सड़क हो या फिर शहर से लगे हुए हिल स्टेशन। बंदर ना सिर्फ खाने का सामान छीनने का प्रयास करते हैं बल्कि उनके काटने की भी खबरें आती रही हैं। अब इस खतरे से पर्यटकों को राहत मिलने वाली है। हिमाचल सरकार ऐसी योजना बनाने जा रही है जिससे इन बंदरों से पूरी तरह से निजात मिल सके।
बंदरों में मिलेगा जल्दी छुटकारा
वन, परिवहन, युवा सेवाएं एवं खेल मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि शिमला शहर में उत्पात मचा रहे बंदरों से जल्द लोगों को छुटकारा मिलेगा। उन्होंने कहा कि बंदरों के उत्पातों से निजात पाने के लिए कार्य योजना तैयार की। जिसके तहत शिमला शहर में बंदरों को पकड़ने तथा नसबंदी के लिए 14 जुलाई चार दलों का गठन किया गया था। इस दल ने शहर के 34 वार्डों में 1700 से अधिक बन्दरों की संख्या दर्ज की है।
250 बंदरों की हो गई है नसबंदी
शिमला में बंदर पकड़ने वाले तीन दलों के साथ कार्य कर रहा है जिन्होंने अभी तक करीब 250 बंदरों को पकड़ कर नसबंदी केन्द्रों तक पहुंचा दिया हैI शिमला तथा आसपास के क्षेत्रों में एक बंदर अभ्यारण्य स्थापित करने के लिए सरकार प्रयास कर रही है जिससे नसबन्दी के उपरान्त बन्दरों को इस अभ्यारण्य में पुनर्वासित कर सकें।
तैनात किए गए कर्मचारी
वहीं, दूसरी और सरकर ने शहर के सभी सार्वजानिक स्थानों पर जगह-जगह निगम कर्मचारियों की तैनाती करने का फैसला लिया है। इसके हाथ में निगम गुलेल और डंडा थमाएगा। नगर निगम ने बंदरों और कुत्तों का स्थाई समाधान निकलने के बजाय कर्मचारी की सहायता से बंदरों से निपटने की योजना बनाई है। जो कितनी कारगर होगी, उसका परिणाम कुछ ही दिनों में दिख जाएगा।
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