चीन बॉर्डर से सटे भारत के आखिरी गांव में कोरोना महामारी से कैसे हो रहा बचाव, देखें वीडियो
शिमला। हिमाचल में किन्नौर जिला स्थित नाको गांव में आमजन इन दिनों कड़ी बंदिशों से घिरे हुए हैं। यह गांव चीन की सीमा के नजदीक पड़ता है और ऐसा माना जाता है कि, यह इस इलाके में भारत का आखिरी गांव है। कोरोना महामारी से बचाव की कोशिशों के बीच केंद्र सरकार संपूर्ण देश में 'अनलॉक-1' की घोषणा कर चुकी है, जिसके जरिए लॉकडाउन फेज-4 की समाप्ति के बाद से बंदिशों में रियायत दी जा रही हैं, मगर हिमाचल के नाको गांव में अभी लोगों को ऐसी रियायतें नहीं दी जा रहीं।
संवाददाता ने बताया कि, किन्नौर के कई गांव अभी भी ऐसे हैं, जहां कोविड-19 के संक्रमण से बचाव का हवाला देकर लॉकडाउन के नियमों का पूरी तरह पालन कराया जा रहा है। इस काम में यहां के ग्रामीण भी अपने स्तर पर नियमों को फॉलो कर रहे हैं। लोगों ने अपने गांव में कोविड-19 कमेटी तक गठित कर ली। जिसके तहत निर्णय लिया कि, अगर आस-पड़ोस गांव के ग्रामीणों को भी उन के गांव में प्रवेश करना हो तो उन्हें मनाही है। यहां तक कि एचआरटीसी की बसों को भी गांव में प्रवेश करने पर मनाई है।
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इसी तरह ग्रामीणों ने धार्मिक पवित्र यात्रा (सोमंगस दर्शन) पर भी प्रतिबंध लगा दिया है और आगामी आदेश तक कोई भी बाहरी व्यक्ति सोमंगस बौद्ध धार्मिक स्थल की यात्रा नहीं कर पाएगा। ग्रामीणों ने नाको गांव के प्रवेश द्वार पर बैरियर स्थापित कर पैहरा भी लगा दिया है। गांववालों की केाशिश यह हैं कि, कोई भी बाहरी व्यक्ति गांव में प्रवेश न कर सके। यहा के ग्रामीणों ने इस वर्ष के अंत तक पर्यटन कारोबार पर प्रतिबंध लगा रखा है। इसी तरह किन्नौर जिला के लियो, शलखर , सुमरा , चांगो, पूह, मालिंग आदि कई गांवों ने भी सख्त व्यवस्था कर रखी हैं।