हिमाचल प्रदेश चुनाव 2017: सीट नंबर 20 बैजनाथ (आरक्षित अनूसचित जाति) विधानसभा क्षेत्र के बारे में जा
शिमला। बैजनाथ विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र हिमाचल प्रदेश विधानसभा में सीट नंबर 20 है। कांगड़ा जिला में स्थित यह निर्वाचन क्षेत्र अनूसूचित जाति के लिये आरक्षित है। 2012 में इस क्षेत्र में कुल 75,322 मतदाता थे। 2012 के विधानसभा चुनाव में किशोरी लाल इस क्षेत्र के विधायक चुने गए। बैजनाथ अपने शिव मंदिर के लिये जाना जाता है। तैरहवीं शताब्दी में बने शिव मंदिर बैजनाथ अर्थात वैद्यनाथ जिसका अर्थ है- चिकित्सा अथवा ओषधियों का स्वामी, को वैद्य+नाथ भी कहा जाता है। इसका पुराना नाम कीरग्राम था, परन्तु समय के साथ यह मंदिर के नाम से प्रसिद्ध होता गया और नाम बैजनाथ पड़ गया। मंदिर के उत्तर-पश्चिम छोर पर बिनवा नदी बहती है, जो की आगे चल कर ब्यास नदी में मिलती है। तो दूसरी ओर धौलाधार के अगोश में बसी बीड़ बिलिंग की सुंदर पहाडिय़ां पैरागलाईडिंग के शौकीनों के लिये विशव का बेहतरीन स्थान बनकर उभरा है।
पांडवों के अज्ञातवास का गवाह है बैजनाथ
द्वापर युग में पांडवों के अज्ञातवास ने दौरान इस मंदिर का निर्माण करवाया गया था। स्थानीय लोगों के अनुसार इस मंदिर का शेष निर्माण कार्य आहुक एवं मनुक नाम के दो व्यापारियों ने 1204 ई. में पूर्ण किया था और तब से लेकर अब तक यह स्थान शिवधाम के नाम से उत्तरी भारत में प्रसिद्ध है। बैजनाथ शिव मंदिर दूर-दूर से आने वाले लोगों की धार्मिक आस्था के लिए महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यह मंदिर साल भर पूरे भारत से आने वाले भक्तों, विदेशी पर्यटकों और तीर्थ यात्रियों की एक बड़ी संख्या को आकर्षित करता है।
राजनैतिक तौर पर देखा जाये तो बैजनाथ डिलिमिटेशन के बाद 2012 में अनूसूचित जाति के लिये आरक्षित चुनाव क्षेत्र बना। लेकिन इससे पहले यहां स्वर्गीय कांग्रेस नेता पंडित संत राम व उनके परिवार का ही दबदबा रहा। उनके बेटे सुधीर शर्मा भी यहां से दो बार विधायक रहे। बैजनाथ में इस समय अनूसूचित जाति के ही मतदाता हैं। व यहां गद्दी समुदा के मतदाता भी हँ जो अनूसूचित जनजाति में आते हैं। पिछले चुनावों में पहली बार ही यह क्षेत्र रिजर्व हुआ। व कांग्रेस नेता कियाोरी लाल भाजपा प्रत्याशी के आगे कहीं ज्यादा लोकप्रिय थे। व चुनाव जीत गये। उन की इस जीत को जातिगत समीकरणों से जोडक़र नहीं देखा जा सकता। लेकिन आने वाले चुनावों में जरूर यह देखना होगा कि उनकी कार्यशैली लोगों को पसंद आई भी है कि नहीं। यहां तिब्बतह मतदाता भी हैं। वहीं राजपूत मतदाताओं के बाद ब्राहम्ण मतदाता आते हैं। बैजनाथ मंदिर की वजह से जहां लोकप्रिय पर्यटक स्थल बनकर उभरा है। वहीं पैरागलाईङ्क्षडग जैसे साहसिक खेलों का केन्द्र भी बैजनाथ है। इलाके के बड़ा भंगाल व छोटा भंगाल जैसे दुर्गम इलाके विकास से कोसों मील दूर आज हैं। जहां आज लोग पैदल चलते हैं। व इलाका छह छह महीने तक बर्फबारी से प्रभावित रहता है। आजादी के 70 साल बाद भी बैजनाथ को विकास के पथ पर लंबा सफर तय करना बाकी है।
बैजनाथ से अभी तक चुने गये विधायक
वर्ष
चुने
गये
विधायक
पार्टी
संबद्धता
2012
किशोरी
लाल
कांग्रेस
2007
सुधीर
शर्मा
कांग्रेस
2003
सुधीर
शर्मा
कांग्रेस
1998
संत
राम
कांग्रेस
1993
संत
राम
कांग्रेस
1990
दुलो
राम
भाजपा
1985
संत
राम
कांग्रेस
1982
संत
राम
कांग्रेस
1977
संत
राम
कांग्रेस
किशोरी लाल जमीन से जुड़ा हुआ एक विधायक
बैजनाथ के सत्तर वर्षीय विधायक किशोरी लाल का एक बेटा व तीन बेटियां हैं। उनकी लंबी चौड़ी राजनैतिक पृष्ठभूमि नहीं रही। हालांकि पंचायती राज में दखल के चलते वह अपनी पंचायत के प्रधान कई बार रहे। व कांग्रेस पार्टी में भी विभिन्न पदों पर रहे। पहला चुनाव लड़ा व आसानी से अपने मिलनसार स्वभाव की वजह से जीत भी गये।