भाजपा की जमीनी हकीकत का जायजा लेने हिमाचल पहुंचे बीएल संतोष, मौजूदा विधायकों का टिकट कटने का बना हुआ है संशय
भाजपा की जमीनी हकीकत का जायजा लेने हिमाचल पहुंचे बीएल संतोष, मौजूदा विधायकों का टिकट कटने का बना हुआ है संशय
शिमला, 13 अगस्त: हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों की तैयारियों में सत्तारूढ़ दल भाजपा कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। इसलिए पार्टी की जमीनी हकीकत को जानने के लिए पार्टी ने राष्ट्रीय महासचिव बीएल संतोष को भेजा है। अपने हिमाचल प्रवास के दौरान बीएल संतोष संगठन व सरकार की स्थिति का आकलन करने के साथ-साथ नेताओं और कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर रहे हैं। उनके इस दौरे को भाजपा की चुनावी तैयारी के तौर पर भी देखा जा रहा है।
दरअसल, हिमाचल भाजपा में इन दिनों सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। कई नेताओं के पार्टी छोड़ने की खबरें इस सामने आ रही हैं। हाल ही में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष खीमी राम ने कांग्रेस ज्वाइन कर ली थी। खीमी राम के कांग्रेस पार्टी ज्वाइन करने के बाद उनके खेमे के कुछ और नेता भाजपा का साथ छोड़ कांग्रेस ज्वाइन कर सकते हैं। पार्टी में मची इस भगदड़ को काबू करने के लिए ही राष्ट्रीय महासचिव बीएल संतोष मैदान में उतरे हैं। प्रदेश में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए राजनीतिक माहौल अभिषेक गरमा गया है।
बता दें कि हिमाचल प्रदेश में भाजपा और कांग्रेस पार्टी बारी-बारी से सत्ता में काबिज होते रही हैं, लेकिन इस बार आम आदमी पार्टी के मैदान में कूदने से दोनों ही दलों को बेचैनी बढ़ गई है। दरअसल, भाजपा आलाकमान हाल ही में प्रदेश के दो दौर का सर्वेक्षणों कराया था, जिसके नतीजों से वो डरे हुए है। इन नतीजों में एंटी इनकंबेंसी और मौजूदा विधायकों और कुछ मंत्रियों के खिलाफ लोगों में पनप रहे असंतोष के चलते चुनावों में हार मिलने का अंदेशा जताया गया है। भाजपा के सर्वेक्षण में कुछ मंत्रियों के खिलाफ लोगों में गहरी नाराजगी की बात सामने आई है।
इसके आधार पर ही कुछ मौजूदा विधायकों के टिकट काटने की तैयारी भाजपा ने कर ली है। इसी तरह पिछला चुनाव हार चुके 23 भाजपा नेताओं के दोबारा चुनाव मैदान में उतारने को लेकर भी संशय बना हुआ है। ऐसा बताया जा रहा है कि सर्वेक्षण की रिपोर्ट के आने के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने सीएम जयराम ठाकुर से बात की है। व टिकट काटे जाने की सूरत में प्रभावित होने वाले इलाकों में नए चेहरे तलाशने को कहा गया है। यही वजह है कि बी एल संतोष के दौरे के चलते सियासी माहौल गरमा गया है और टिकट के दावेदार खुलकर सामने आ रहे हैं।
भाजपा के लिए आने वाले चुनाव में जीत हासिल करना ही एकमात्र मकसद है। पार्टी को एकजुट करने के लिए राष्ट्रीय बीएल संतोष को उतारना पडा है। कांगड़ा जिला के बाद आज उन्होंने हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में विभिन्न बैठकों में शिरकत की। आपको बताते चले कि बीते साल प्रदेश की एक लोकसभा और तीन विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में भाजपा को मिली हार के बाद पार्टी अबकी बार कोई भी जोखिम लेना नहीं चाहती। इन सीटों पर भाजपा को हराने के बाद कांग्रेस के हौसले बुलंद हैं। वहीं आम आदमी पार्टी की एंटरी के बाद भाजपा को दोहरे मोर्चे पर जूझना पड़ रहा है।
बताया जा रहा है कि भाजपा ने भावी चुनौती को देखते हुए अपनी चुनावी तैयारियों को चाक चौबंद करना शुरू कर दिया है। हर विधानसभा क्षेत्र की समीक्षा की जा रही है और हर भाजपा विधायक के रिपोर्ट कार्ड पर पैनी नजर रखी जा रही है। टिकट काटने से लेकर टिकट तय करने में हर क्षेत्र के सामाजिक व राजनीतिक समीकरणों को ध्यान में रखा जाएगा। इस बीच, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव संगठन बीएल संतोष ने ऊना में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप और भाजपा के राज्य सह प्रभारी संजय टंडन के साथ हर घर तिरंगा यात्रा कार्यक्रम के तहत प्रभात फेरी में भाग लिया। उसके बाद हमीरपुर आईटी और सोशल मीडिया टीम के साथ बैठक हुई।