Himachal: बागियों को मनाने का जिम्मा मिला अनुराग ठाकुर को, हालत ऐसी कि न रो सकते, न ही हंस पा रहे...
हिमाचल प्रदेश (himachal pradesh) में भाजपा टिकट आवंटन के दौरान नए चेहरों को मौका देने की रणनीति के तहत पुराने चेहरों की बगावत पार्टी के लिए मुसीबत बनती जा रही है। आम सहमति के दावे हवा हवाई हो गए हैं और पार्टी में मौजूदा सीएम जयराम ठाकुर और संगठन मंत्री पवन राणा के खिलाफ गुस्सा देखा जा रहा है। इस सबसे केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर का चुनाव क्षेत्र भी अछूता नहीं रहा है। इसी के चलते पार्टी आलाकमान ने अनुराग ठाकुर को पार्टी से रूठों को मनाने हमीरपुर भेजा है।

खुद अनुराग ठाकुर के घर में ही इन दिनों सब कुछ ठीक नहीं है। उनके पिता पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल को पार्टी ने सुजानपुर से उनकी चाहत के बावजूद टिकट नहीं दिया है। तो वहीं, अनुराग ठाकुर के ससुर गुलाब सिंह को भी जोगिन्दर नगर से चुनावी मैदान में नहीं उतारा है। परिवार में इन दिनों मायूसी का आलम है। तो दूसरी ओर परिवार की भावनाओं को दरकिनार करते हुए अनुराग ठाकुर सुजानपुर से प्रत्याशी रणजीत सिंह का नामांकन कराने के बाद जनसभा को संबोधित करने लगे तो भावुक हो गये। अपने संबोधन के दौरान अनुराग ठाकुर अपने आपको रोक नहीं पाये, तो वहां धूमल समर्थकों ने भी जमकर नारेबाजी शुरू कर दी।
अनुराग ठाकुर की आंखें में आंसू आने लगे तो माहौल गमगीन हो गया। पंडाल में आंसुओं का सैलाब उमड़ पडा। अनुराग ठाकुर ने कहा कि वह हमीरपुर के लोगों का एहसान नहीं भुला सकते। आपने मेरे पिता को प्रदेश का दो बार सीएम बनाया और मुझे केंद्रीय मंत्री। इससे पहले उन्होंने भोरंज, हमीरपुर, बंगाणा और सुजानपुर के प्रत्याशियों के नामांकन भरने की प्रक्रिया में शिरकत की। पार्टी ने उन्हें बगावत कर रहे नेताओं को मनाने के लिए भेजा है।
2017 के चुनावों में भाजपा को हमीरपुर जिला की पांच में से दो सीटों पर ही जीत मिली थी। खुद प्रेम कुमार धूमल सुजानपुर से चुनाव हार गये थे। हमीरपुर जिले की नादौन, सुजानपुर और बडसर सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है। लेकिन, इस बार बागियों ने नया झमेला खडा कर दिया है। पार्टी सुजानपुर में बुरी तरह फंस गई है। यहां भले ही पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल का पत्ता काट कर रणजीत सिंह को प्रत्याशी बनाया हो। लेकिन धूमल समर्थक पार्टी के इस निर्णय को आसानी से मानने को तैयार नहीं है। खुद धूमल अभी जनता के बीच नहीं आए है। इसके चलते पार्टी ने अनुराग ठाकुर को भेजा, तो यहां नया बवाल खडा हो गया।
वहीं, हमीरपुर में पार्टी के कार्यकर्ता नरेंद्र ठाकुर का विरोध कर रहे हैं। कार्यकर्ता चाह रहे हैं कि नरेंद्र ठाकुर का टिकट काटकर प्रेम कुमार धूमल को एक बार फिर से मैदान में उतारा जाये। वहीं, बडसर और भोरंज में भी हालात ठीक नहीं हैं। नादौन में पूर्व विधायक विजय अग्निहोत्री को आरएसएस कार्यकर्ता वंदना योगी के कड़े विरोध का सामना करना पड़ रहा है। दलील दी जा रही है कि वंदना योगी को टिकट दिया जाता तो पार्टी चुनाव जीत सकती थी। अनुराग ठाकुर का चुनाव क्षेत्र हमीरपुर, बिलासपुर और उना जिला के अलावा कांगड़ा जिला के देहरा व जसवां चुनाव क्षेत्र में बांटा है। हमीरपुर जिला में उनके परिवार का प्रभाव रहा है। लेकिन पार्टी के इस बदलाव ने इलाके में नया झमेला खडा कर दिया है।
हिमाचल प्रदेश की 68 विधानसभा सीटों पर चुनाव हो रहे हैं। वर्तमान में राज्य में कुल 68 विधानसभा क्षेत्र हैं और सरकार बनाने के लिए 35 सीटें जीतने की दरकार होती है। राज्य में लोकसभा की कुल 4 सीटें हैं और प्रत्येक लोकसभा में 17-17 विधानसभा सीटें शामिल रहती हैं। हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में राज्य की 17 विधानसभा सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं। वहीं 3 विधानसभा क्षेत्र अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं। राज्य में 48 विधानसभा सीटों पर सामान्य वर्ग से कोई भी चुनाव लड़ सकता है।