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कोटखाई गैंगरेप: CBI जांच में सामने आई पुलिस की एक-एक लापरवाही

इसी आधार पर पुलिस वाले फंसते चले गए। जिससे इस मामले को निपटने में पुलिस का रवैया हैरान करने वाला है। सीबीआई को कई ऐसे सबूत हाथ लगें है कि सारी लापारवाही जानबूझकर की गई।

By Gaurav Dwivedi
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शिमला। कोटखाई गैंगरेप मर्डर मामले में सीबीआई की आरे से गठित एसआईटी ने हिमाचल पुलिस जांच के तौर तरीकों में कई तरह की खामियां पाई हैं। सीबीआई जांच के मुताबिक पुलिस ने सबूतों को नष्ट कर दिया गया था, उसी आधार पर पुलिस वाले फंसते चले गए। जिससे इस मामले को निपटने में पुलिस का रवैया हैरान करने वाला है। सीबीआई को कई ऐसे सबूत हाथ लगें है कि सारी लापारवाही जानबूझकर की गई।

 CBI reveal Police misaction on Kotkhai Gangrape Murder case

सीबीआई की ओर से आज इस मामले में गिरफ्तार हुए पुलिस कर्मियों में आईजी जैदी, डीएसपी ठियोग मनोज जोशी, कोटखाई के एसएचओ राजेंद्र सिंह, एएसआई दीप चंद, एक कांस्टेबल रंजीत सिंह व तीन हेड कांस्टेबल सूरत सिंह, मोहन लाल, रफीक अली शामिल हैं। जिससे हिमाचल पुलिस ही नहीं सरकार भी विवादों के घेरे में आ गई है।

 CBI reveal Police misaction on Kotkhai Gangrape Murder case

सीबीआई जांच में पता चला है कि पुलिस ने स्कूली छात्रा के शव का पोस्टमॉर्टम कराने के बाद अस्पताल से फॉरेंसिक लैब तक नमूने पहुंचाने में चार दिन लगाए, जबकि आईजीएमसी शिमला से स्टेट फॉरेंसिक साइंस लैब जुन्गा तक गाड़ी पर जाने का रास्ता मात्र एक घंटे का है। उस समय दो दिन का अवकाश होने के चलते अधिकारी शायद छुट्टियां बीतने का इंतजार करते रहे। उसके बाद भी दूसरे वर्किंग-डे को नमूने लैब पहुंचे। इससे फॉरेंसिक लैब में इन नमूनों से सुराग ढूंढने में मुश्किल आई।

 CBI reveal Police misaction on Kotkhai Gangrape Murder case

जांच में पता चला है कि 7 जुलाई को आईजीएमसी के फॉरेंसिक विभाग के विशेषज्ञ डॉक्टरों ने जब स्कूली छात्रा का पोस्टमॉर्टम किया, उस दौरान पुलिस के जांच अधिकारी मौके पर थे। जिस स्टेट फॉरेंसिक लैब जुन्गा में आगामी जांच होनी थी, वहां से विशेषज्ञ मौके पर नहीं बुलाए गए। जो विशेषज्ञ 6 जुलाई को दांदी जंगल में था, उसे बुलाने की भी जरूरत महसूस नहीं की गई। फॉरेंसिक निदेशालय के विशेषज्ञ के हिसाब से स्कूली छात्रा के शरीर का विसरा और अन्य जरूरी हिस्सों को लैब में भेजा जाता तो जांच और आसान हो जाती।

सीबीआई सूत्रों ने बताया कि 8 जुलाई को दूसरे शनिवार की छुट्टी थी और 9 को रविवार था। 10 जुलाई को सोमवार वर्किंग डे था। बावजूद इसके स्कूली छात्रा के शरीर से निकाले गए तमाम नमूने 11 जुलाई को लैब में पहुंचाए गए। पुलिस चाहती तो अधिकांश नमूने शुक्रवार को नहीं तो शनिवार को तो प्रयोगशाला में पहुंचा सकती थी। विशेष परिस्थितियों में प्रयोगशाला में अवकाश वाले दिन भी जांच होती है। फॉरेंसिक विशेषज्ञों की मानें तो इतने वक्त में नमूने अपने नेचर को बदल भी सकते हैं। इससे सही रिजल्ट नहीं आ सकता है। इसी से फॉरेंसिक विशेषज्ञों को काफी मुश्किल आई।

 CBI reveal Police misaction on Kotkhai Gangrape Murder case

दरअसल, 6 जुलाई आठ बजे के करीब स्कूली छात्रा की लाश उसके दोनों मामा ने दांदी जंगल में देखी। 11 बजे पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचने लगे थे। पुलिस के पहुंचने के बाद जुन्गा लैब से फॉरेंसिक विशेषज्ञ के पहुंचने में 5 घंटे लग गए। वहीं दूसरी ओर दोपहर बाद और शाम के वक्त फॉरेंसिक विशेषज्ञ ने स्पॉट से नमूने एकत्र करने शुरू किए। तब तक स्पॉट के आसपास की जगह काफी खुर्द-बुर्द हो चुकी थी। पुलिस के पहुंचने से पहले ही परिजनों और अन्य लोगों की मूवमेंट चल रही थी।

करीब आठ घंटे की देरी के बाद सबूत जुटाने पर पुलिस ने किसकी मदद की होगी, ये समझा जा सकता है। इस क्षेत्र में फॉरेंसिक विशेषज्ञ के पहुंचने तक पुलिस ने घेराबंदी करने के बजाय अपने तरीके से छानबीन जारी रखी। छानबीन का कायदा ये था कि फॉरेंसिक विशेषज्ञ के पहुंचने तक पुलिस इस पूरे घटनास्थल को सील किए रखती और उसी के मार्गदर्शन में तमाम नमूने एकत्र करती। दिन बीतने को कुछ ही घंटे बचे थे। ऐसे में फॉरेंसिक विशेषज्ञ पड़ताल को बहुत वक्त भी नहीं दे पाया। दूसरे दिन भी पुलिस और फॉरेंसिक विशेषज्ञ की छानबीन में तालमेल की कमी रही।

 CBI reveal Police misaction on Kotkhai Gangrape Murder case

ये है मामला

4 जुलाई को कोटखाई की छात्रा स्कूल से लौटते वक्त लापता हो गई थी। इसके बाद 6 जुलाई को कोटखाई के जंगल में बिना कपड़ों के उसकी लाश मिली थी। हालांकि छात्रा की गैंगरेप के बाद हत्या कर दी गई थी। मामले में 6 आरोपी पकड़े गए थे। इनमें राजेंद्र सिंह उर्फ राजू, हलाइला गांव, सुभाष बिस्ट (42) गढ़वाल, सूरज सिंह (29) और लोकजन उर्फ छोटू (19) नेपाल और दीपक (38) पौड़ी गढ़वॉल के कोटद्वार से है। इनमें से सूरज की कोटखाई थाने में 18 जुलाई को हत्या कर दी गई थी। सीबीआई ने इन दोनों मामलों में केस दर्ज किया है।

 CBI reveal Police misaction on Kotkhai Gangrape Murder case

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English summary
CBI reveal Police misaction on Kotkhai Gangrape Murder case
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