हाथरस पीड़िता के गांव को पुलिस ने किया सील, आने जाने पर लगाई पाबंदी, फोन भी छीने
हाथरस। 19 वर्षीय युवती के साथ हैवानियत के बाद हुई मौत और पुलिस-प्रशासन द्वारा अंतिम संस्कार किए जाने की वारदात से पूरे देश में गुस्सा है। हालांकि, इस मामले के चार आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन गैंगरेप की बात को गलत करार दिया है। अब देश में दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग हो रही है, लेकिन इस बीच स्थानीय प्रशासन की ओर से कई तरह की सख्ती बरती जा रही है।
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खबरों के मुताबिक, पुलिस-प्रशासन द्वारा गांव में मीडिया की एंट्री पर रोक लगा दी गई, किसी नेता को जाने नहीं दिया जा रहा है। इतना ही नहीं, पुलिस ने पूरे गांव को सील कर दिया है। गांव को छावनी में बदल दिया गया है। गांव के घरों में पुलिस ने ताला लगाया है। यहां पर लोगों को उनके घरों में कैद कर दिया गया है। लोगों को बाहर निकलने नहीं दिया जा रहा है। हाथरस जिले में फोर्स के साथ ही पीएसी को भी मुस्तैद कर दिया गया है। हाथरस के पीड़ित परिवार को किसी से भी मिलने की इजाजत नहीं है, किसी रिश्तेदार को भी उसके पिता, माता या भाई से मिलने नहीं दिया जा रहा है।
गुड़िया के चचेरे भाई का आरोप है कि डीएम प्रवीण कुमार लक्षकार ने घर के सभी लोगों का मोबाइल फोन अपने कब्जे में ले लिया है और ताऊ के साथ मारपीट भी की है। मीडिया रिपोर्ट् के मुताबिक, पुलिस ने घर पर चारों तरफ पहरा लगाकर इनको कैद में रखा गया है। गांव की हर कच्ची पक्की गली में पुलिस का सख्त पहरा है। पीड़िता के घर के चारों तरफ पुलिस तैनात है। ऐसे में खेतों के रास्ते गांव से बाहर निकलकर आए मृत गुड़िया के चचेरे भाई ने मीडिया के समक्ष आप बीती सुनाई। उसने बताया कि प्रशासन ने परिवार की घेरीबंदी कर रखी है। आलम तो यह है कि मारपीट कर उन्हें धमकाया जा रहा हैं। हमारे मोबाइल भी छीन लिए हैं। इन आरोपों के बाद कोई भी प्रशासनिक अधिकारी कुछ भी कहने से बच रहा हैं।
चचेरे भाई ने बताया कि वह शुक्रवार को पशुओं के लिए चारा लाने का बहाना कर छिपते हुए बाहर तक आया हैं। मकान की छतों व गलियों में पुलिस का पहरा हैं। उसके ताऊ यानी गुड़िया के पिता के साथ अधिकारियों ने मारपीट की हैं, जिस कारण ताऊ की हालत खराब हैं। उसने स्वजनों के दहशत में होने की बात कहते हुए प्रशासन पर धमकाने का आरोप लगाया हैं। पीड़िता का चचेरा भाई खेतोंके रास्ते गांव के बाहर आया। उसने बताया कि पुलिस ने चारों ओर से घर की घेराबंदी कर ली है।
डीएम प्रवीण कुमार लक्षकार ने तीन पुलिसकर्मियों के कोरोना संक्रमण के लक्षण होने का हवाला देते हुए गांव में किसी को भी जाने की इजाजत नहीं दी है। गांव में चप्पे-चप्पे पर फोर्स तैनात हैं। अमानवीय कृत्य का शिकार हुई गुड़िया के गांव बूलगढ़ी में फोर्स तैनात है। स्वजन दो दिन में घर में कैद हैं। घर के अंदर आज भी किसी को नहीं जाने दिया जा रहा। आज सुबह पीड़िता का चचेरा भाई पुलिस से छिप कर खेतों के रास्ते गांव के बाहर आ गया। उसने बताया कि पुलिस हमें घर से बाहर नहीं आने दे रही। धमकाया जा रहा है। स्वजन घर में ही कैद हैं। सभी के फोन बंद करा दिए हैं। हम सब से मिलना चाहते हैं।
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