हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला से एक्सक्लूसिव बातचीत
'वन इंडिया' ने हरियाणा सरकार के कामकाज और प्रदेश की राजनीति को लेकर राज्य के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला से खास बातचीत की है...
चंडीगढ़। केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसान आंदोलन के बीच हरियाणा की राजनीति में भी उथल-पुथल मची हुई है। हाल ही में विपक्ष के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने मनोहर लाल खट्टर सरकार के खिलाफ हरियाणा विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव पेश किया और दावा किया कि सरकार बहुमत खो चुकी है। हालांकि हरियाणा सरकार ने सदन में कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव को गिरा दिया। इस बीच 'वन इंडिया' ने हरियाणा सरकार के कामकाज और प्रदेश की राजनीति को लेकर राज्य के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला से खास बातचीत की है।
सवाल: हरियाणा में निवेश और रोजगार बढ़ाने के लिए आपने क्या कदम उठाएं हैं और इस दिशा में आगे आपकी क्या प्लानिंग है?
जवाब: 'हरियाणा औद्योगिक एवं रोजगार नीति-2020', यह प्रदेश में रोजगार और निवेश दोनों को बढ़ाएगी। इस बार के बजट में हमने इस पर पूरा जोर दिया है। नीति के तहत हम अगले पांच साल में पांच लाख नौकरियां पैदा करने और एक लाख करोड़ रुपए से अधिक का निवेश आकर्षित करने का काम करेंगे। आगामी वित्त वर्ष में निजी क्षेत्र में 50 हजार युवाओं को रोजगार के अवसर दिए जाएंगे। यहां तक कि रोजगार सहायता केंद्र और आधुनिक रोजगार पोर्टल भी हमने स्थापित किए हैं। इस दिशा में एक और कदम आगे बढ़ाते हुए हम हरियाणा को ऑटो सेक्टर के साथ एयरोस्पेस और डिफेंस सेक्टर का हब बनाने के लिए जल्द नई पॉलिसी लेकर आएंगे।
सवाल: आपके हिसाब से निवेश के लिए उद्यमियों को आकर्षित करने में हरियाणा कितना कामयाब हुआ है?
जवाब: पूरा कामयाब हुआ है, इसे हम और भी कामयाब बनाएंगे क्योंकि आज हरियाणा सरकार ने प्रदेश में न केवल उद्योग के लिए अनुकूल माहौल बनाया है, बल्कि राज्य में नई इकाइयों की स्थापना के लिए एक छत के नीचे आवश्यक मंजूरी सहित अनेकों सुविधाएं भी प्रदान की हैं। पिछले सवा साल में करीबन साढ़े 17 हजार करोड़ रुपये का निवेश प्रदेश में हुआ है। निरंतर हमारे प्रयासों की वजह से आज हरियाणा में फ्लिपकार्ट, एमाजॉन, मारुति, एटीएल जैसी बड़ी कंपनियों निवेश के लिए आ रहीं है। आने वाले समय में ग्लोबल सिटी प्रोजेक्ट (सैंट्रल बिजनेस डिस्ट्रिक्ट), केएमपी एक्सप्रेस-वे के आस-पास "पंचग्राम" योजना, हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर'', हिसार में एविएशन हब, नारनौल में इंटीग्रेटेड लॉजिस्टिक हब आदि ऐसे बड़े प्रोजेक्ट उद्यमियों को हरियाणा की ओर खींचने का काम करेंगे।
सवाल: हरियाणा में निजी क्षेत्र की कंपनियों में 75 प्रतिशत आरक्षण बिल लाने का आइडिया आपके जेहन में कैसे आया ? क्यूं लगा कि यह हरियाणा के युवाओं के लिए जरूरी है?
जवाब: देखिए, हरियाणा के युवाओं में प्रतिभा, कौशलता और परिश्रम की कोई कमी नहीं है। एक युवा होने के नाते हम खेल, शिक्षा, तकनीक में अव्वल रहने के बावजूद एक बेरोजगार हरियाणवी युवा का मर्म अच्छे से समझते हैं। सांसद होते हुए जब भी गांवों में या शहरी गरीब बस्तियों में गरीब व अनपढ़ बुजुर्गों एवं महिलाओं से उनकी समस्याओं के बारे में मिलता था तो सबसे पहली मांग व दर्द बेटा, बेटी व बहू के रोजगार की होती थी कि अपना पेट काटकर उनको पढ़ाया लिखाया परंतु कोई काम नहीं है। उनके आंसू छलक जाते थे, यही सच्चाई मुझे झकझोर देती थी। इसी दर्द को समझते हुए हमने चुनाव से पहले "रोजगार मेरा अधिकार" अभियान की शुरुआत की थी और चुनाव के समय में हमारा यह प्रमुख वादा था कि सरकार बनने पर राज्य के युवाओं की निजी क्षेत्र की नौकरियों में 75 प्रतिशत हिस्सेदारी सुनिश्चित करके उन्हें अपना हक दिलाएंगे। आज हमारा लक्ष्य है कि प्रदेश में कोई युवा बेरोजगार ना रहे और उसे रोजगार दिया जाए। इसी दिशा में हमने गंभीरता से यह मजबूत कदम उठाया है। युवाओं के रोजगार के लिए हम इसी अप्रैल माह में प्रदेशभर में बड़ा रोजगार अभियान भी चलाएंगे।
सवाल: हरियाणा के ग्रामीण क्षेत्र के विकास को लेकर आपकी क्या दूरगामी सोच है ? आपके अनुसार कैसे गांवों को विकास की ओर तेजी से अग्रसर किया जा सकता है?
जवाब: हमारा प्रयास है कि ग्रामीण क्षेत्र में तेजी से विकास के लिए छोटी सरकार कही जाने वाली पंचायतें अधिक पावरफुल व आत्मनिर्भर बने। ग्रामीण क्षेत्र के विकास के लिए कृषि क्षेत्र से जुड़े उद्योगों व काम धन्धों को बढ़ावा देने के लिए आधारभूत ढांचा मजबूत करना जरूरी है। इसके लिए हमने इस बार के बजट में 1500 करोड़ रुपये का अतिरिक्त प्रावधान किया हैं। हम गांवों में भी शहरों की तर्ज पर मॉडर्न कॉलोनियां स्थापित करने जा रहे है, जिनमें अलग पावर हाउस, कम्युनिटी सेंटर, स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स, अच्छी सड़कें होंगी। खेतों को जाने वाले सभी कच्चे रास्तों को भी पक्का किया जाएगा। इसके अलावा गांवों में बच्चों की शिक्षा के लिए मॉडर्न लाइब्रेरी बनाने जैसे काम सरकार कर रही है। ऐसे कदमों से ग्रामीण क्षेत्र में जो माहौल बनेगा, उससे अपने आप गांवों में ही तरक्की के द्वार खुलेंगे।
सवाल: इसी सवाल को थोड़ा आगे बढ़ाते हुए मेरा एक और ये सवाल है कि ऐसी कोई योजना जिससे ग्रामीण क्षेत्र के गरीब लोगों को आपने बड़ा फायदा पहुंचाया हो?
जवाब: जी हां, कोरोना महामारी के बाद एक दम से घर बैठे गरीब लोगों को काम देना हमारे लिये बड़ी चुनौती थी लेकिन हमने आपदा को अवसर में बदला। सरकार ने ग्रामीण आंचल को मजबूती देते हुए मनरेगा योजना के तहत प्रदेश के मजदूरों को पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष करीब ढाई गुणा ज्यादा कार्य दिया है। रोजगार देने के साथ-साथ हमने मनरेगा के तहत गरीब परिवारों के लिए पशु शेड, स्कूलों की चारदीवारी बनवाने, तालाबों, सिंचाई के लिए खालों आदि की सफाई के कार्य करवाए। यही नहीं देश में सबसे ज्यादा हरियाणा राज्य में मनरेगा मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी 309 रुपये दी जा रही है।
सवाल: ग्रामीण क्षेत्र के विकास से जुड़ा एक और महत्वपूर्ण सवाल आपसे हैं, सरकार गांवों को शहर से जोड़ने के लिए सड़कों की व्यवस्था बेहतर करने की दिशा में क्या कदम उठा रही है?
जवाब: मैं आपके माध्यम से ग्रामीण आंचल के लोगों को यह जरूर विश्वास दिलाना चाहूंगा कि प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र में सड़क तंत्र को मजबूत करने में कोई कोर कसर सरकार की तरफ से नहीं छोड़ी जाएगी। 'प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना' के तहत सड़कों के निर्माण व सुधारीकरण में हम सबसे आगे है। हाल ही में हमारे निरंतर प्रयास से पीएमजीएसवाई के तहत हरियाणा को केंद्र से 14 जिलों की 120 सड़कों को मिली मंजूरी है। हमने इससे पहले पिछली बार पीएमजीएसवाई के तहत 11 जिलों के लिए 670 किलोमीटर लंबाई की सड़कें मंजूर करवाई थी।
सवाल: हरियाणा के राजस्व विभाग का जिम्मा आप संभाल रहे हैं, इससे जुड़ा एक सवाल यह है कि कोरोना काल के समय प्रदेश के राजस्व पर कितना असर पड़ा और अब वापस इसे पटरी पर कैसे लाया जा रहा है?
जवाब: मैं आपको यह स्पष्ट कर दूं कि प्रदेश के राजस्व में कोई कमी नहीं हुई है। प्रदेश में नये प्रयास किये गये, जिससे राजस्व संग्रह, आबकारी एवं जीएसटी संग्रह के जरिये करोड़ों रुपये राजस्व के रूप में प्राप्ती हुई है। कोरोना महामारी के बावजूद आबकारी विभाग ने अतिरिक्त राजस्व जुटाया है। पिछले पूरे आबकारी-वर्ष में जो राजस्व संग्रह हुआ था उसका 97 प्रतिशत इस वर्ष के थर्ड-क्वार्टर तक पूरा हो चुका है। राजस्व बढ़ाने के साथ-साथ हम प्रदेश की जनता की परेशानियों को भी दूर कर रहे है। हम जमीनों की रजिस्ट्री के मामले में ऐसा मॉडल स्थापित कर रहे है, जो कि नागरिकों के लिए परेशानीमुक्त व पारदर्शी है।
सवाल: लंबे समय से चल रहे किसान आंदोलन पर आपकी क्या प्रतिक्रिया हैं ? आखिर कब और कैसे खत्म होगा यह आंदोलन?
जवाब: समाधान के लिए बातचीत का होना जरूरी है और इस आंदोलन को आंदोलनरत किसान संगठन के नेताओं और केंद्र सरकार द्वारा ही आपसी चर्चा द्वारा सुलझाना एकमात्र विकल्प है। मैं बार-बार किसानों नेताओं से आग्रह कर रहा हूं कि किसानी के हित में वे आगे आकर सरकार से दोबारा चर्चा करें। इसके लिए केंद्र सरकार तैयार है। कानून में जो कमियां है उसे संवाद स्थापित कर दूर किया जा सकता है।
सवाल: आंदोलन से थोड़ा हटकर बात करें तो आज वास्तव में किसानों को मजबूत बनाने के लिए आपके हिसाब से क्या-क्या कदम सरकार को उठाने चाहिए?
जवाब: "किसानों के हरे भरे खेत हो, फिर फसलों के अच्छे भाव हो, और इस सफर में सरकार उनके साथ हो", आज देश में किसानों को खुशहाल बनाने के लिए यही चाहिए। आपको बता दूं कि आज देश में सबसे ज्यादा फसलों को एमएसपी पर खरीदने वाली हरियाणा प्रदेश की सरकार है। हम न केवल किसानों को बेहतर दाम दिलाने के लिए एमएसपी सिस्टम को मजबूत कर रहे है बल्कि उन्हें मंडियों में फसल बेचने में कोई परेशानी न हो इसकी भी बेहतर व्यवस्था कर रहे है। इस बार आढ़ती द्वारा जे फॉर्म कटने के 48 घंटे में किसानों का भुगतान सीधा उनके बैंक खातों में किया जाएगा। इसके अलावा हमारे द्वारा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश में कृषि व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे है। कुछ समय पहले मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर हरियाणा में टेक्सटाइल पार्क बनाने की कवायद पर जोर दिया था। इस पार्क से प्रदेश के किसानों और कोटन इंडस्ट्री को बढ़ावा मिलेगा।
सवाल: रबी सीजन की गेहूं व अन्य फसलों की खरीद को लेकर हरियाणा सरकार की क्या तैयारियां है?
जवाब: हरियाणा सरकार और प्रदेश के किसान दोनों फसल खरीदने और बेचने के लिए पूरी तरह तैयार है। इस बार हम छह फसलों- गेहूं, सरसों, दाल, सूरजमुखी, चना व जौ की एमएसपी पर खरीद करेंगे और पिछले साल के मुकाबले इस बार जल्दी एक अप्रैल से फसल खरीद प्रक्रिया शुरू होगी। किसानों की फसल खरीदने और उसके भुगतान में उन्हें किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो इसके लिए सरकार ने कई ऐतिहासिक निर्णय लिए है। पहले किसानों की फसल का मंडियों से उठान में देरी होने के कारण किसानों को भुगतान के लिए परेशान होना पड़ता था। हमने इस समस्या को देखते हुए समय सीमा निर्धारित करते हुए जुर्माने का प्रावधान किया है, अगर किसी ट्रांसपोर्टर ने 48 घंटे में मंडी से फसल का उठान नहीं किया तो उस पर जुर्माना लगाया जाएगा। इसी तरह हमने यह जिम्मेदारी भी सुनिश्चित की है कि यदि किसानों की अदायगी में देरी होती है तो लगभग 9 प्रतिशत ब्याज के साथ उनका भुगतान किया जाएगा। मैं विश्वास के साथ ये कहना चाहूंगा कि हमारी नई खरीद प्रक्रिया और उसके भुगतान से राज्य के किसान खुश है। हमारी किसान हितैषी इस प्रणाली को अन्य राज्यों को भी अपनानी चाहिए। अगर इस बारे में किसान हित में कोई राज्य अपने कदम आगे बढ़ाना चाहता है तो हम उनकी मदद के लिए भी तैयार है।
सवाल: आपके घोषणा पत्र में बुढ़ापा पेंशन को लेकर बड़ा वादा किया गया था। हाल ही में हरियाणा सरकार ने पेंशन में 250 रुपये की बढ़ोतरी की है ? इसे आप कैसे देखते है?
जवाब: हरियाणा में बुजुर्गों के सम्मान में दी जाने वाली बुढ़ापा पेंशन देश में सर्वाधिक है। कोविड-19 महामारी के बावजूद हमारी गठबंधन सरकार ने सवा साल के दौरान 500 रूपये की रिकॉर्ड वृद्धि कर इसे 2500 रुपये तक पहुंचाया है जबकि अन्य राज्यों में यह पेंशन पंजाब में 1500, राजस्थान में 1000 और दिल्ली में 2000 रुपये तक मुश्किल से पहुंची है। हमारी सरकार जननायक स्व. चौधरी देवीलाल जी के बुजुर्गों के सम्मान के विजन को आगे ले जाने का ऐतिहासिक कार्य कर रही है।
सवाल: अभी विधानसभा बजट सत्र के दौरान गठबंधन सरकार के खिलाफ कांग्रेस अविश्वास प्रस्ताव लेकर आई थी, कांग्रेस के इस अविश्वास के आपने क्या मायने निकाले है?
जवाब: कांग्रेस की फ्रस्ट्रेशन का नतीजा अविश्वास प्रस्ताव था। कांग्रेसियों की मंशा अविश्वास प्रस्ताव के जरिये किसानों के हित में कतई नहीं थी बल्कि ये तो इस प्रस्ताव के जरिए सत्ता पाने का हसीन सपने देख रहे थे लेकिन सदन में सब दूध का दूध और पानी का पानी हुआ। सदन में खुद कांग्रेसियों ने भी माना कि ये काले कानून नहीं और न ही इन्हें रद्द करवाने का उनका कोई लक्ष्य था। खुद कांग्रेस नेताओं ने माना कि जिन कृषि कानूनों को बहाना बनाकर अविश्वास प्रस्ताव लाए हैं, वे उन कानूनों पर कोई बात नहीं करेंगे।
सवाल: महिलाओं से जुड़ा एक सवाल आपसे है क्योंकि महिलाओं की स्थिति को मजबूत बनाने के लिए महिला सशक्तिकरण की दिशा में सरकार को कई बड़े कदम उठाने की जरूरत है। आपने क्या-क्या बड़े कदम उठाएं है?
जवाब: आपने ये बहुत अच्छा सवाल पूछा है क्योंकि महिला सशक्तिकरण से ही सशक्त समाज और राष्ट्र का निर्माण संभव है। इस दिशा में हमारी सरकार निरंतर बड़े कदम उठा रही है और आगे भी उठाती रहेगी। हमने जहां गांव स्तर पर महिलाओं के हित में पंचायतों में महिलाओं की 50 प्रतिशत हिस्सेदारी सुनिश्चित की है, वहीं उनके सम्मान में पंचायती राज संस्थाओं की उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिला प्रतिनिधियों को स्कूटी से सम्मानित करने का काम किया है। इसी तरह महिला दिवस पर प्रदेश के सभी डिपो संचालन में महिलाओं की 33 प्रतिशत भागीदारी सुनिश्चित करने का बड़ा ऐलान किया है।
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