कुंभ मेला 2021: कोविड-19 और एसओपी का उल्लंघन करना पड़ सकता है महंगा, बिना पास नहीं मिलेगी हरिद्वार में एंट्री
हरिद्वारा। हरिद्वार में आयोजित होने वाला कुंभ मेला 2021 अब 30 दिनों की बजाए 28 दिनों का होगा। यह फैसला उत्तराखंड सरकार ने कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए लिया है। इतना ही नहीं, कुंभ मेरे में कोविड-19 और एसओपी का उल्लंघन करना श्रद्धालुओं को मंहगा पड़ा सकता है। दरअसल, उत्तराखंड के मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने बयान जारी करते हुए कहा है कि कोविड-19 और एसओपी का उल्लंघन करने वाले लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।

मुख्य सचिव ने कुंभ मेला 2021 को लेकर जारी की गई गाइडलाइन में स्पष्ट किया है कि मेला में आने वाले यात्रियों को 72 घंटे के भीतर कराई गई आरटीपीसीआर जांच की नैगेटिव रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी। इस रिपोर्ट को उन्हें एंट्री प्वाइंट पर प्रस्तुत करना होगा। साथ ही, कुंभ मेले में आने वाले सभी श्रद्धालुओं को https://www.haridwarkumbhmela2021.com/ या https://haridwarkumbhpolice2021.com/ वेबसाइट के माध्यम से पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। पंजीकरण के बाद उन्हें जो ई-पास या ई-परमिट मिलेगा, उसी से लोग हरिद्वार की सीमा में प्रवेश कर सकेंगे।
हरिद्वार कुंभ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को आपस में छह फीट की दूरी और मास्क का प्रयोग करना होगा। इस बात पर उत्तराखंड सरकार ने खासा जोर दिया है। इतना ही नहीं, विदेश से आने वाले यात्रियों को भी स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से तय गाइडलाइन का पालन करना होगा। एसओपी का उल्लंघन पर आपदा प्रबंधन एक्ट और आईपीसी की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया जाएगा। सरकार ने यह भी साफ किया है कि उक्त प्रतिबंध सिर्फ मेला क्षेत्र में मेला अवधि के दौरान ही लागू होंगे।
इससे पहले उत्तराखंड सरकार ने हरिद्वार रेलवे स्टेशन को केंद्रीय कंट्रोल रूम बनाया है। इस कंट्रोल रूम से पूरे कुंभ मेले के साथ-साथ रेलवे स्टेशनों पर नजर रखी जाएगी। दरअसल, केंद्रीय कंट्रोल रूम को आसपास के सभी रेलवे स्टेशनों के सीसीटीवी कैमरे से जोड़ा गया है। जिससे रेलवे स्टेशनों पर आने जाने वालों पर भी नजर रखी जा सके। साथ ही कंट्रोल में एक टेलीफोन लाइन भी स्थापित की गई है।