पेयजल संकट की वजह से खरुआ गांव के ग्रामीण कर गए पलायन, अब घरों पर लटके हैं ताले
भिंड का खरुआ गांव जल संकट की वजह से हो रहा है वीरान, घरों पर लटके हैं ताले।
भिंड, 17 मई। भिंड जिले का खरुआ गांव जल संकट की वजह से धीरे-धीरे वीरान होता जा रहा है। पीने का पानी उपलब्ध नहीं होने की वजह से इस गांव के ज्यादातर ग्रामीण पलायन कर चुके हैं और गांव में मौजूद घरों पर ताले लटके हुए हैं।
पीने
लायक
नहीं
है
गांव
का
पानी
खरुआ
गांव
के
निवासी
पप्पू
बताते
हैं
कि
उनके
गांव
का
पानी
बहुत
खारा
है
और
पीने
के
लायक
नहीं
है।
गांव
के
सभी
हैंडपंप
सूख
चुके
हैं
और
सभी
गांव
वाले
गांव
में
मौजूद
सिर्फ
एक
कुंए
पर
ही
निर्भर
हैं।
इस
कुएं
का
पानी
भी
इतना
गंदा
है
कि
उसे
पीने
से
पहले
कई
बार
छानना
पड़ता
है।
इसके
बाद
भी
यह
पानी
पीने
से
बीमारी
हो
जाती
है।
पप्पू
बताते
हैं
कि
गांव
का
पानी
बिल्कुल
भी
पीने
के
लायक
नहीं
है।
2
किलोमीटर
दूर
से
लाना
पड़ता
है
पीने
के
लिए
शुद्ध
पानी
इसी
गांव
के
निवासी
सियाराम
बताते
हैं
कि
वे
अपने
बचपन
से
ही
इस
गांव
में
पानी
का
संकट
झेल
रहे
हैं।
गांव
का
पानी
खारा
है
इसलिए
मीठा
पानी
लेने
के
लिए
गांव
के
लोगों
को
गांव
से
2
किलोमीटर
दूर
दूसरे
गांव
जाना
पड़ता
है।
वहां
से
साइकिल
और
अन्य
वाहनों
पर
रखकर
पीने
के
लिए
थोड़ा-थोड़ा
पानी
लेकर
गांव
आते
हैं।
इस
वजह
से
उन्हें
काफी
दिक्कतों
का
सामना
करना
पड़ता
है।
धीरे
धीरे
पूरा
गांव
हो
चला
है
वीरान
गांव
के
ही
बुजुर्ग
तुलाराम
बताते
हैं
कि
पानी
के
संकट
की
वजह
से
गांव
की
ज्यादातर
आबादी
गांव
छोड़कर
जा
चुकी
है।
गांव
के
ज्यादातर
घरों
पर
ताले
लटके
हुए
हैं
और
सड़कें
सुनसान
हैं,
धीरे-धीरे
पूरा
गांव
वीरान
हो
चला
है।
जनप्रतिनिधि
आकर
दे
जाते
हैं
आश्वासन
खरुआ
गांव
के
ग्रामीण
बताते
हैं
कि
जब
चुनाव
का
समय
आता
है
तो
जनप्रतिनिधि
यहां
पर
वोट
मांगने
के
लिए
आ
जाते
हैं।
हर
बार
होने
वाले
चुनाव
में
जनप्रतिनिधि
यह
आश्वासन
देकर
जाते
हैं
कि
वे
उनके
पानी
के
संकट
की
समस्या
को
जरूर
हल
कर
देंगे
लेकिन
चुनाव
निकल
जाने
के
बाद
कोई
भी
जीता
हुआ
प्रतिनिधि
वापस
लौटकर
नहीं
आता
है।