बहन ने भाई को किडनी देकर बचाई जान, जीवनदान पाकर भाई ने दिया यह वचन
गोंडल. गुजरात में गोंडल स्थित भगवतपरा में एक बहन ने भाई की खातिर अपने प्राण संकट में डाल दिए। यहां रहने वाले पातर परिवार के मनसुख भाई की किडनी सिकुड़ गई थी। उसका 21 बार डायलिसिस हुआ, पर कोई फायदा नहीं मिला। डॉक्टरों ने कहा- वो बच सकता है, जब हमें किडनी मिल जाए।' ऐसे में मनसुख की बड़ी बहन गीता ने उसके लिए अपनी किडनी दी। किडनी ट्रांसप्लांट होने के बाद मनसुख का जीवन बच गया। बहरहाल, दोनों भाई-बहन अस्पताल में भर्ती हैं।
1001 रुपए के साथ बहन ने किडनी डोनेट की
संवाददाता के अनुसार, भाई को किडनी के जरिए नया जीवन देने वाली उसकी बड़ी बहन को समाज के लोग दाद दे रहे हैं। जब मनसुख भाई की किडनी फेल हो गई, तो बहन गीता ने न केवल अपनी किडनी दी, बल्कि 1001 रुपए का दान भी दिया। राशि भले ही छोटी है, पर बहन का यह दान कभी बेकार नहीं जाएगा। इसका वचन दोनों भाइयों ने उसे दिया है।
बड़ा भाई बोला- मिलजुलकर रहता है परिवार
पीड़ित शख्स के भाई एडवोकेट दिनेशभाई पातर बताते हैं कि ''हम सभी शहर के भगवतपरा क्षेत्र में रहते हैं। दो भाइयों के परिवार में मनसुखभाई मुझसे छोटा है। हमारा परिवार मिल-जुलकर रहता है और सारे निर्णय हम मिलकर लेते हैं।''
हम पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा था
''जब मनसुखभाई की किडनी फेल होने का पता चला तो परिवार पर मानो मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा था। तभी बहन गीता आगे आई और उसने मनसुखभाई को किडनी दी।''
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