हॉस्पिटल में आधी रात को जब आग लगी तो वार्डन खाली हाथ ही रहे बुझाते, कहा- 5 जानें न बचा पाने का अफसाेस रहेगा
राजकोट। गुजरात में राजकोट के उदय शिवानंद कोविड हॉस्पिटल में लगी आग से पांच मरीजों की जान चली गई थी। यह आग गुरुवार देर रात को लगी। उस वक्त आईसीयू में काफी मरीज भर्ती थे। जिनमें से कई मरीजों का धुएं से दम घुट गया था और कुछ जख्मी भी हो गए। इस अग्निकांड से जुड़ी एक बात अभी यह सामने आई है कि, हॉस्पिटल के संचालक डॉ. करमटा ने खुद भी उस रात कई लोगों को बचाने में मदद की थी। जब आग लगी थी तो वह खाली हाथ ही आग बुझाने लगे। हाथ के पंजे से उन्होंने फैलती आग को काबू करने की कोशिश की। इसी दरम्यान कई मरीज वहां से बाहर निकलने में कामयाब हो गए। हालांकि, कई मरीजों की मौत भी हो गई। इन मौतों परसंवेदना जताते हुए करमटा ने कहा कि, मैंने खाली हाथ ही आग बुझाने की कोशिश की थी। अब पांच मरीजों को नहीं बचा पाने का मुझे जिंदगीभर अफसोस रहेगा।'
डॉ. करमटा के मुताबिक, आग की सूचना मिलते ही वह हॉस्पिटल में सीधे आईसीयू की तरफ भागे और सभी मरीज पॉजिटिव होने की जानकारी के बावजूद बिना पीपीई किट पहने 5-6 मरीजों को खुद बाहर निकालकर लाए। उन्होंने कहा कि, वहां पर काफी ऑक्सीजन होने के कारण आग तेजी से फैल गई थी। तमाम कोशिशों के बाद भी पांच मरीजों को नहीं बचाया जा सका।''
आग लगने की क्या वजह थीं, इसको लेकर करमटा बोले कि, इलेक्ट्रिक वायरों में शॉर्ट सर्किट हुआ था, या वेंटिलेटर में ही शॉर्ट सर्किट हुआ.. यह पता किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि, अभी इसका सही कारण पता नहीं चल सका है। तीनों वेंटिलेटर बिल्कुल ठीक ही थे और उनमें किसी तरह की कोई खामी नहीं थी।'' हालांकि, एफएसएल की रिपोर्ट आने के बाद ही आग लगने के सही कारणों के बारे में कुछ कहा जा सकेगा।