भारतीय मछुआरों को PAK कर रहा था अगवा, BSF ने शुरू किया बड़ा ऑपरेशन- 6 पाकिस्तानी पकड़े
कच्छ। पाकिस्तानियों द्वारा भारतीय मछुआरों को लगातार अगवा किया जा रहा है। एक दिन पहले पाकिस्तान मरीन सिक्योरटी एजेंसी ने समुद्र में मछली पकड़ते कई मछुआरे कैद कर लिए। उसके बाद अब भारत की बॉर्डर सिक्योरटी फोर्स (बीएसएफ) ने भी पाकिस्तानियों के खिलाफ व्यापक स्तर पर तलाशी अभियान छेड़ दिया है। आज दोपहर बॉर्डर सिक्योरटी फोर्स (बीएसएफ) की ओर से बताया गया कि, भारतीय सुरक्षाबलों ने 6 पाकिस्तानी मछुआरे पकड़ लिए हैं। साथ ही एक दर्जन से ज्यादा पाकिस्तानी बोट जब्त कर ली गई हैं। कुछ ही देर पहले इस बारे में बीएसएफ द्वारा जानकारी दी गई है।
हरामीनाला में भारतीय सुरक्षाबलों की कार्रवाई
बॉर्डर सिक्योरटी फोर्स (बीएसएफ) के अधिकारी ने बताया कि, गुजरात के हरामी नाला में कल पाकिस्तानी मछली पकड़ने वाली नौकाओं को देखा गया। वहां के मछुआरों की घुसपैठ का पता चलने पर, गुजरात फ्रंटियर, बीएसएफ ने तत्काल 300 वर्ग किमी में फैले क्षेत्र में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू किया, जिसके परिणामस्वरूप अब तक 11 पाकिस्तानी मछली पकड़ने वाली नौकाओं को जब्त कर लिया गया है।
पाक ने 10 दिनों के भीतर 3 बार भारतीयों को पकड़ा
गौरतलब है कि, बीते जनवरी महीने के अंतिम सप्ताह में पाकिस्तानी सुरक्षाबलों ने गुजरात से मछली पकड़ने गए भारतीय मछुआरों को कैद कर लिया था। उसके बाद उन्हें पाकिस्तान की जेलों में ले जाया गया। बताया जा रहा है कि, 10 दिनों के भीतर ऐसा 3 बार हुआ जब, भारतीय मछुआरों को पाकिस्तानी सुरक्षाबलों ने पकड़ा। भारतीय मछुआरा संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि, वे पाकिस्तानियों द्वारा अगवा किए गए गुजरात के मछुआरों की सुरक्षित वापसी के लिए सरकार से गुहार लगा रहे हैं।
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मछुआरे रिहा तो होते हैं, मगर सामान वापस नहीं मिलता
आमतौर पर, दोनों देशों द्वारा एक-दूसरे के मछुआरों को एक प्रोटोकॉल के तहत वापस किया जाता है। यह समय आजादी की वर्षगांठ पर आता है। हाल में, गुजरात में एक स्थानीय मछुआरे के परिजन ने कहा कि, हमारे बंधु को पाकिस्तानियों ने पकड़ लिया था और कराची ले गए। उसने कहा कि, मैं मछुआरों की असल जिंदगी के बारे में बात करने वाला व्यक्ति हूं, लेकिन हम निश्चित रूप से इससे बेहतर कर सकते हैं। आम मछुआरे, दोनों देशों के सबसे गरीब व पीड़ित लोग हैं, और क्योंकि सरकारें समुद्री सीमा के मुद्दों को हल नहीं कर सकती हैं। ऐसे में उन्हें बंदी नहीं बनाया जाना चाहिए। कुछ सालों बाद मछुआरों की रिहाई तो होती है, लेकिन उनकी नावें या और जरूरी सामान जो साथ होता है, उसे वापस नहीं किया जाता।'