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गुजरात के लोगों के लिए संजीवनी साबित हुई 108 एंबुलेंस सेवा

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गांधीनगर, 14 जून। 2007 में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस 108 एंबुलेंस सेवा की शुरुआत की थी आज वह राज्य के लोगों के लिए संजीवनी साबित हुई है। कभी 57 एंबुलेंस के साथ लोगों की जिंदगियां बचाने की शुरुआत करने वाली 108 सेवा अब आपात परिस्थितियों में राज्य के लोगों के लिए लाइफलाइन बन चुकी है।

ambulance

15 साल पहले शुरू हुई 108 एंबुलेंस सेवा आज 257 तालुका, 18,000 गांवों, 33 जनपदों और मेट्रो सिटी समेत पूरे राज्य में फैल चुकी है। आज यह इतनी बेहतरीन हो चुकी है कि घटना के बस कुछ ही मिनटों में 108 सेवा घटनास्थल पर पहुंच जाती है और घायलों, बीमार या पीड़ित को प्राथमिक चिकित्सा उपलब्ध कराती है।

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108 एंबुलेंस सेवा कैसे बनी मददगार

गुजरात में किसी भी जगह पर एक्सीडेंट होने की स्थिति में एंबुलेंस सेवा तत्काल घटनास्थल पर पहुंची है और घायल व्यक्ति को तुरंत इलाज मिलना शुरू हो जाता है। गर्भवती महिलाओं के लिए तो यह वरदान साबित हुई है। यह सेवा ऐसी महिलाओं को प्रसव के लिए तेजी से अस्पताल पहुंचा रही है जिससे गर्भवती को बड़ी मदद मिली है। एंबुलेंस सेवा ने राज्य में 1.16 लाख महिलाओं को सुरक्षित प्रसव कराने में भूमिका अदा की है।

108 एंबुलेंस सेवा के शुरू होने के बाद से अब तक राज्य में 1.32 करोड़ लोग इस सेवा का लाभ ले चुके हैं। 108 एंबुलेंस कर्मियों की द्वारा समय से दी जाने वाली सेवा के चलते 12.14 लाख लोगों की जिंदगी बचाई जा चुकी है जो गंभीर स्थिति में थे। अनुमानतः राज्य में एंबुलेंस सेवा में 3000 कर्मचारी दिन रात अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

108 सेवा में सहायक पारुल ठाकोर का कहना है-

"108 मोबाइल एम्बुलेंस वैन पीड़ित को तत्काल सेवा प्रदान करने के लिए उन्नत तकनीक, चिकित्सा उपकरण, दवाओं, मशीनों और वेंटिलेटर-ऑक्सीजन समेत प्रशिक्षित कर्मचारियों से लैस है और समय पर उपचार से किसी व्यक्ति की जान बचाई जा सकती है। फोन आते ही हम घटनास्थल पर पहुंचते हैं।"

जयेश भाई की जान एंबुलेंस सेवा के चलते बची थी। वे बताते हैं-

"दो साल पहले मैं और मेरे परिवार के सदस्य भयानक दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उस दौरान मेरे शरीर से बहुत खून बह रहा था। इस स्थिति में 108 एम्बुलेंस सेवा तुरंत प्राप्त हुई और हम समय पर प्राथमिक उपचार और अस्पताल में भर्ती होने के बाद जीवित हैं।"

रिजवान भाई 108 की सेवा को राज्य की बड़ी उपलब्धि बताते हुए कहते हैं-

"मुझे 108 के माध्यम से त्वरित प्राथमिक उपचार प्राप्त हुआ था क्योंकि कोरोना के दौरान ऑक्सीजन का स्तर तेजी से गिर गया था।"

एंबुलेंस सेवा को टेक्नोलॉजी के साथ जोड़ा गया है जिसके लिए 108 गुजरात मोबाइल ऐप बनाया गया है। सभी 108 सेवाओं की आपातकालीन निगरानी और प्रतिक्रिया अहमदाबाद से की जाती है। यहां रोजाना अनुमानित 6800 कॉल्स ली जाती हैं जिसे प्रशिक्षित लोग हैंडल करते हैं।

फिलहाल वर्तमान मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के प्रयासों से 108 एयर एंबुलेंस सेवा भी शुरू की गई है। मार्च में इसकी शुरुआत हो चुकी है। इस सेवा के तहत किसी बड़ी चिकित्सा आपात स्थिति के दौरान बहुत कम कीमत पर एयर एम्बुलेंस सेवा प्रदान की जाती है। वर्तमान में 108 एम्बुलेंस सेवा राज्य में स्वास्थ्य सेवा लोगों के लिए फरिश्ता साबित हुई है।

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English summary
Here is how Ambulance service 108 proven a boon for Gujarat people.
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