कोरोना को हल्के में ले रही गुजरात सरकार? कम संख्या में हो रहे टेस्टों पर हाईकोर्ट करेगा सुनवाई
अहमदाबाद। अहमदाबाद नर्सिंग होम एसोचैम कार्यकारी समिति के सदस्य एवं धवानी अस्पताल के सीईओ डॉ. वसंत पटेल राज्य में कोरोना के संक्रमण को लेकर सरकार की खामियां गिनाईं। उन्होंने बढ़ते संक्रमण के मामलों पर चिंता जताते हुए कहा कि, राज्य सरकार के पास कोविड-19 से निपटने की स्पष्ट पॉलिसी नहीं हैं। गुजरात में विशेष रूप से अहमदाबाद के गैर-कोविड हॉस्पिटलों में प्राइवेट डॉक्टरों को कोरोना वायरस के लक्षणों वाले कई रोगी मिलते हैं। गुजरात सरकार के पास यह परखने की कोई पॉलिसी नहीं है कि हम किसे (व्यक्ति को) संक्रमित पा सकते हैं। उन्होंने आज कहा कि, कल मैंने एक मरीज की डिलीवरी के लिए अप्लाई किया था, लगभग 24 घंटे हो गए हैं और मुझे अभी भी कोरोना टेस्ट के लिए अनुमति प्राप्त करनी है।'
'कोरोना
टेस्ट
को
हल्के
में
ले
रही
सरकार'
बकौल
डॉ.
वसंत
पटेल,
''अहमदाबाद
में
लगभग
सभी
डॉक्टर
इसी
तरह
की
स्थिति
का
सामना
कर
रहे
हैं।
इसके
कारण
मरीजों
का
बुरा
हाल
है।
यह
गुजरात
की
सरकार
की
पॉलिसी
पैरालिसिस
है।
वसंत
पटेल
ने
यह
भी
कहा
कि
आईसीएमआर
के
अनुसार,
किसी
भी
सर्जरी
से
पहले
कोविड-19
का
टेस्ट
अनिवार्य
है।
लेकिन
गुजरात
सरकार
कोरोना
के
परीक्षणों
को
बहुत
हल्के
में
ले
रही
है।'
हाईकोर्ट
में
कल
होगी
सुनवाई
'यहां
कम
संख्या
में
परीक्षण
क्यों
हो
रहे
हैं,
अभी
भी
लोग
और
डॉक्टर
यह
समझ
नहीं
पा
रहे
हैं।
ऐसी
परिस्थिति
में,
कोविड-19
के
कम
टेस्ट
होने
की
संख्या
को
लेकर
अहमदाबाद
मेडिकल
एसोच
ने
एक
जनहित
याचिका
दायर
की
है।
अहमदाबाद
नर्सिंग
होम
एसोचैम
भी
पीआईएल
में
शामिल
हो
गया
है।
अब
कल
इसे
गुजरात
हाईकोर्ट
में
सुना
जाएगा।'