ECI Gujarat Election में सार्वजनिक अवकाश पर नामांकन स्वीकार नहीं करेगा, भाजपा की याचिका खारिज
ECI Gujarat Election में सार्वजनिक अवकाश पर नामांकन स्वीकार नहीं करेगा। आयोग ने भाजपा की याचिका खारिज कर दी है। ECI Gujarat Election no nominations on public holiday plea of BJP rejected
ECI Gujarat Election में सार्वजनिक अवकाश पर नामांकन स्वीकार नहीं करेगा। आयोग ने भाजपा की याचिका खारिज कर दी है। गुजरात में भाजपा के प्रवक्ता यमल व्यास ने इस मामले पर टिप्पणी करने से इनकार करते हुए कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक भारत के चुनाव आयोग (ECI) ने 12 नवंबर को सार्वजनिक अवकाश पर गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन स्वीकार करने के सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के अनुरोध को खारिज कर दिया है।
इस मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने कहा कि ऐसा करना कानून के खिलाफ है। एक अधिकारी ने नाम न छापने का अनुरोध करते हुए कहा, "यह नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट के खिलाफ है।
एक अधिकारी ने नाम न छापने का अनुरोध करते हुए कहा, "यह नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट के विपरीत है। कानून के तहत घोषित किया गया है कि सार्वजनिक अवकाश के दिन नामांकन स्वीकार नहीं किए जाएंगे। चुनाव आयोग ने नोट किया कि दूसरे और चौथे शनिवार को इसी अधिनियम के तहत सार्वजनिक अवकाश हैं और इन दिनों विधानसभा चुनाव प्रत्याशियों के नामांकन स्वीकार नहीं किए जाएंगे।
बता दें कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 33 के अनुसार सार्वजनिक अवकाश के दिन कोई नामांकन पत्र दाखिल नहीं किया जा सकता है। गुजरात में भाजपा के प्रवक्ता यमल व्यास ने इस मामले पर टिप्पणी करने से इनकार करते हुए कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा, "ईसीआई के फैसले के बारे में यह जानकारी अब तक मेरे पास नहीं आई है।"
बता दें कि गुजरात में 1 और 5 दिसंबर को मतदान होना है, जबकि वोटों की गिनती 8 दिसंबर को होगी। भाजपा राज्य में लगातार सातवीं बार सत्ता में लौटने की कोशिश कर रही है। चुनाव कार्यक्रम की घोषणा पिछले हफ्ते की गई थी। चुनाव आयोग ने कहा था कि 68 सीटों वाली हिमाचल प्रदेश विधानसभा के लिए 12 नवंबर को चुनाव होंगे। विपक्षी दलों ने 15 अक्टूबर को हिमाचल प्रदेश के साथ गुजरात में चुनाव की घोषणा नहीं करने के चुनाव आयोग के कदम के पीछे तर्क पर सवाल उठाया था। उन्होंने आरोप लगाया कि यह भाजपा को चुनाव पूर्व और अधिक रियायतों की घोषणा करने में मदद करने के लिए किया गया था।