कोरोना पॉजिटिव होने की जानकारी छिपाकर गुजरात में घूमती रही डॉक्टर, पुलिस ने की FIR
भुज। मुंबई की रहने वाली एक 22 वर्षीय महिला डॉक्टर जो कि कोरोना पॉजिटिव थी, बिना बताए गुजरात चली आई। पता चलने पर भुज पुलिस ने उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। महिला डॉक्टर पर आरोप हैं कि मुंबई में हुई कोरोना वायरस की जांच के दौरान वह कोरोना वायरस पाजिटिव पाई गई थी। उस डॉक्टर की जांच रिपोर्ट 4 मई को आई थी, लेकिन उसने गुजरात प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग से यह सूचना छिपाई।
पुलिस ने बताया कि वह 5 मई को भुज पहुंची थी। उसके 3 दिन बाद यानी 8 मई को उसने जिला प्रशासन से संपर्क किया और बताया कि उसकी मुंबई में कोविड-19 की जांच हुई थी और वह पाजिटिव आई। उसने डॉक्टरों को बताया कि उसकी रिपोर्ट 8 मई को आई है। यह सुनकर डॉक्टरों ने उसकी जांच की तो उन्हें संदेह हुआ कि उसकी रिपोर्ट 8 मई को नहीं आई होगी। तब डॉक्टरों ने संदेह के आधार पर पुलिस को जांच करने को कहा।
इस मामले में पुलिस ने मुंबई स्वास्थ्य विभाग से महिला डॉक्टर की रिपोर्ट मांगी तो पता चला कि उसकी रिपोर्ट 8 मई को नहीं, बल्कि 4 मई को कोरोना वायरस पाजिटिव आई थी। कच्छ के एसपी सौरभ तोलंबिया ने कहा, 'वह खुद एक डॉक्टर है। वह आज की परिस्थितियों से अच्छी से वाकिफ भी है। इतना कुछ जानने के बाद भी कि वह एक कोविड-19 की मरीज है तो भी उसने जानकारी छिपाई। वह मुंबई से भुज आई और तीन दिनों तक घूमती रही। इसलिए अब उसके खिलाफ केस दर्ज किया गया है।'
वहीं, कच्छ के डीडीओ प्रभव जोशी ने भी कहा कि वह महिला डॉक्टर कोरोना पॉजिटिव थी और यह जानकारी उसने पहले ही हमें नहीं दी थी। जब पूरे मामले की जांच हुई तो उसका झूठ पकड़ा गया। अब उसकी रिपोर्ट निगेटिव आएगी, तो भी दस दिनों तक हॉस्पिटल में ही रखा जाएगा। एसपी सौरभ तोलंबिया ने कहा कि महिला डॉक्टर जेजे हॉस्पिटल में ही ट्रेनी डॉक्टर है। वह कच्छ में बिना वैध अनुमित के आई थी।
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