अहमदाबाद एयरपोर्ट रूट पर लगे अदाणी के बोर्ड, सरदार पटेल की अनदेखी पर कांग्रेस ने उठाए सवाल
अहमदाबाद। गुजरात में अहमदाबाद अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे को 50 वर्षों के लिए अदाणी ग्रुप को सौंप दिया गया है। इस कारण इस घरेलू हवाई अड्डे पर जगह-जगह अदाणी ग्रुप के पोस्टर लगाए गए हैं। संवाददाता ने बताया कि, अदाणी ग्रुप के पास हवाई अड्डे के संचालन, प्रबंधन और विकास-कार्यों का अधिकार होगा। इससे प्राप्त आय पर भी उनका अधिकार होगा। यह एयरपोर्ट सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा के नाम से जाना जाता है। मगर, इसके आस-पास अदाणी एयरपोर्ट के नाम के बोर्ड लगाए गए हैं और सरदार वल्लभभाई पटेल का नाम कहीं भी नजर नहीं आता।
कांग्रेस ने सवाल उठाए
अदाणी ग्रुप के इस कदम पर तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं। राज्य के विपक्षी दल कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अमित चावड़ा ने ट्वीट कर भाजपा पर हमला बोला। चावड़ा ने ट्वीट कर लिखा ''सरदार विरोधी, अदानी प्रेमी भाजपा सरदार पटेल के नाम पर सिर्फ अपने राजकाज को चमकाने वाली भ्रष्ट भाजपा सरकार ने अपने उद्योगपति मित्र की खिदमत में गुजरात के अहमदाबाद एयरपोर्ट से देश के लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल का नाम गायब कर के अदाणी एयरपोर्ट कर दिया। #बेशर्म_भाजपा।'
अहमदाबाद हवाई अड्डे का निजीकरण कर दिया
बता दिया जाए कि, फरवरी 2019 में केंद्र सरकार ने 6 बड़े हवाई अड्डों का निजीकरण करने का फैसला लिया था। जिनमें लखनऊ, अहमदाबाद, जयपुर, मैंगलोर, तिरुवनंतपुरम और गुवाहाटी हवाई अड्डे शामिल हैं। गुजरात में पिछले 28 वर्षों से सत्ता में रही भारतीय जनता पार्टी सरदार वल्लभभाई पटेल के नाम पर चुनाव में वोट मांगते हुए नजर आ रही थी। इतना ही नहीं, मोदी सरकार ने विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का भी निर्माण कराया था। मोदी सरकार ने अहमदाबाद हवाई अड्डे का निजीकरण कर दिया और इसे 50 साल के लिए अदाणी को सौंप दिया।
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सरकार की नीतियों पर सवाल उठने लगे
पर्यटकों की संख्या के लिहाज से सरदार वल्लभभाई पटेल हवाई अड्डा भारत का आठवां सबसे व्यस्त हवाई अड्डा माना जाता है। रोजाना औसतन 250 विमान यहां से उड़ान भरते हैं। वर्ष 2014-15 में, 48 लाख पर्यटकों ने इस हवाई अड्डे की सेवा का उपयोग किया था। ऐसे में सरदार पटेल का नाम गायब होने से न सिर्फ भारत बल्कि, विश्वभर में सरकार की नीतियों पर सवाल उठने लगे हैं।