DDU Result: परास्नातक प्रथम सेमेस्टर का परिणाम घोषित,यहां देखें रिजल्ट
दीनदयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय गोरखपुर ने परास्नातक प्रथम सेमेस्टर के का परिणाम घोषित कर दिया है।विद्यार्थियों को कई दिनों से इसका इंतजार था। परीक्षा परिणाम को विश्वविद्यालय की http://ddugu.ac.in पर देखा जा सकता है।
गोरखपुर,17अगस्त: दीनदयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय गोरखपुर ने परास्नातक प्रथम सेमेस्टर के का परिणाम घोषित कर दिया है।विद्यार्थियों को कई दिनों से इसका इंतजार था।परीक्षा परिणाम को विश्वविद्यालय की http://ddugu.ac.in पर देखा जा सकता है। वहीं बीएससी कृषि द्वितीय चतुर्थ और षष्टम सेमेस्टर की परीक्षाएं 22 अगस्त से आयोजित होंगी।
परीक्षा नियंत्रक राकेश कुमार ने बताया कि कुलपति के निर्देश के क्रम में एमए समाजशास्त्र, मनोविज्ञान, प्राचीन इतिहास, इतिहास, अर्थशास्त्र, राजनीति शास्त्र, हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत, दर्शनशास्त्र, उर्दू, शिक्षाशास्त्र, गृह विज्ञान, प्रौढ़ शिक्षा व सतत प्रसार कार्य, मंचकला, दृश्यकला, गणित एवं शारीरिक शिक्षा के प्रथम सेमेस्टर का परीक्षाफल 14 अगस्त को घोषित कर दिया गया है।
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय एवं संबद्ध महाविद्यालयों में पूर्व प्रचलित सेमेस्टर प्रणाली के अंतर्गत बीएससी कृषि द्वितीय, चतुर्थ एवं षष्टम सेमेस्टर सत्र 2021-22 की परीक्षाओं का कार्यक्रम संशोधित कर दिया गया है। अब इन विषयों की परीक्षाएं 22 अगस्त से प्रारंभ होगी। नई संशोधित समय सारिणी विश्वविद्यालय की वेबसाइट http://ddugu.ac.in पर अपलोड कर दी गई है। यह जानकारी परीक्षा नियंत्रक राकेश कुमार ने दी है।
प्रीपीएचडी सिनोप्सिस के अनुमोदन की प्रक्रिया शुरू
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के प्रीपीएचडी सत्र 2019-20 और 2020-21 के लिए पंजीकरण कराने वाले 824 शोधार्थियों के सिनोप्सिस के अनुमोदन की प्रक्रिया प्रशासनिक भवन स्थित कमेटी हाल में प्रांरभ हो गई है।
पहले दिन डिपार्टमेंट रिसर्च कमेटी की ओर से आयोजित फिजिक्स, केमिस्ट्री, बॉटनी एंड माइक्रोबॉयोलाजी, मैथमेटिक्स एंड स्टैटिस्टिक्स, जूलोजी और पर्यावरण विभाग के शोधार्थियों के प्री-पीएचडी अनुमोदन की प्रक्रिया बाहरी परीक्षकों की मौजूदगी में संपन्न हुई। 20 अगस्त तक विभिन्न विभागों के सिनोप्सिस अनुमोदन की प्रक्रिया जारी रहेगी।
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बैठक की समस्त प्रक्रिया संकायाध्यक्षों की अध्यक्षता में संपन्न हुई। विवि प्रशासन के मुताबिक सिनोप्सिस के अनुमोदन की प्रक्रिया उन्हीं शोधार्थियों की पूरी कराई जा रही है, जिन्होंने अपने सिनोप्सिस के प्रस्ताव का प्लेगरिज्म परीक्षण कराकर डीआरसी में जमा किया है।