नीलम के बाद इलाज के अभाव में गाजियबाद की ममता ने एंबुलेंस में तोड़ा दम, NCR के अस्पतालों में चक्कर काटते रहे परिजन
गाजियाबाद। गाजियाबाद के खोड़ा कालोनी की रहने वाली एक और महिला की इलाज के अभाव में मौत का मामला सामने आया है। बीमार महिला को लेकर उसके परिजन नोएडा, दिल्ली और गाजियाबाद के अस्पतालों के चक्कर काटते रहे, लेकिन सभी ने बीमार महिला को भर्ती करने से ही इनकार कर दिया। नतीजा ये हुआ कि समय पर इलाज ना मिलने से महिला ने एंबुलेंस में ही दम तोड़ दिया। बता दें, इससे पहले भी खोड़ा की गर्भवती महिला की इलाज ना मिलने पर मौत हो गई थी। मामले में जांच के आदेश दिए गए हैं।
ममता को हो रही थी सांस लेने में दिक्कर और सीने में दर्द
जानकारी के अनुसार, प्रताप सिंह अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ गाजियाबाद की खोड़ा कॉलोनी के प्रताप विहार इलाके में रहते हैं। प्रताप सिंह की पत्नी ममता को अचानक ही सांस लेने में परेशानी हुई और सीने में दर्द शुरू हुआ। उन्होंने ममता को अस्पताल ले जाने के लिए एंबुलेंस को कॉल किया, लेकिन कोई भी एंबुलेंस नहीं मिल पाई। प्रताप सिंह ने पुलिस कंट्रोल रूम 112 नंबर पर भी कॉल किया, लेकिन उन्हें कोई रिस्पांस नहीं मिला। आखिरकार यह जानकारी खोड़ा के चेयरमैन के प्रतिनिधि को मिली तो उन्होंने किसी तरह एंबुलेंस की व्यवस्था कराई, जिसके बाद ममता के परिजन उसे लेकर नोएडा के कई अस्पतालों में पहुंचे, लेकिन किसी भी अस्पताल ने देखने से इनकार कर दिया।
तड़प-तड़प कर एंबुलेंस में तोड़ा दम
परिजन ममता को लेकर दिल्ली पहुंचे, कई अस्पतालों के चक्कर काटे, लेकिन किसी ने भी ममता को भर्ती नहीं किया। अंत में परिजन ममता को लेकर गाजियाबाद जिला अस्पताल पहुंचे, जहां उसे भर्ती करने से इनकार करते हुए मेरठ मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया गया।परिजन ममता को मेरठ लेकर जा ही रहे थे कि ममता की हालत बिगड़ने लगी। रास्ते में एंबुलेंस में ही ममता ने दम तोड़ दिया। रिश्तेदार दीपा ने कहा कि उन्हें ये तक नहीं बताया गया कि आखिर ममता को अस्पतालों में किस कारण भर्ती नहीं किया।
गर्भवती नीलम ने भी ऐसे ही तोड़ा था दम
बता दें, इससे पहले भी एक ऐसा ही मामला सामने आया था वो भी खोड़ा कॉलोनी का ही मामला था, जहां पर एक गर्भवती महिला को इलाज ना मिलने के कारण उसकी मौत हो गई। 28 वर्षीय गर्भवती नीलम को इलाज नहीं मिलने की वजह से एंबुलेंस में 6 जून को मौत हो गई थी। इस मामले में गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने जिला अस्पताल में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक के पद पर तैनात डॉ. वंदना शर्मा को यहां से स्थानांतरित करने और स्टाफ नर्स राजबाला और वॉर्ड आया अनीता के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति की है। इसके अलावा सभी सात निजी अस्पतालों को कारण बताओ नोटिस जारी कर सीएमओ को उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के निर्देश दिए गए हैं।