जामनगर: अहीर उम्मीदवारों को चुनाव लड़ा रहीं भाजपा-कांग्रेस, ये ऐसी सीट जहां होता रहा है पार्टी परिवर्तन
Gujarat News in Hindi, गांधीनगर। गुजरात के इंडस्ट्रियल इलाके की जामनगर लोकसभा सीट पर चुनाव इस बार दल नहीं बल्कि अहीर समाज के दो उम्मीदवारों की प्रतिष्ठा के तौर पर लड़ा जा रहा है। ये ऐसी सीट रही है जहां किसी पार्टी का वर्चस्व नहीं रहा, बल्कि हर बार परिवर्तन देखा गया है। मसलन, अब तक 8 बार कांग्रेस यहां जीती, जबकि 6 बार भाजपा जीती। 2 बार एक अन्य पार्टी ने इस सीट को कब्जाया। अब यहां भाजपा ने अपनी महिला सांसद को दुबारा चुनाव में उतारा है तो कांग्रेस ने मुलु कंडोरिया को उम्मीदवार बनाया है।
यहां 8 बार कांग्रेस यहां जीती, जबकि 6 बार भाजपा
2014 में मोदी लहर में कांग्रेस गुजरात की कोई भी सीट नहीं जीत पाई थी, मगर इस बार उसे उम्मीद है कि उसके उम्मीदवार मुलु कंडोरिया भाजपा की पूनम माडम को अच्छी टक्कर देंगे। वैसे, कई स्थानीय जानकारों का कहना है कि पूनम माडम ने इस क्षेत्र में विकास के काम किए हैं, इसलिए पार्टी की सूची में केवल एक ही नाम जामनगर के लिए आया, वो खुद पूनम थीं। पार्टी के अलावा, जामनगर के लोगों ने पूनम माडम के नाम को स्वीकार कर लिया है। 2014 में सांसद बनने से पहले, पूनम माडम गुजरात विधानसभा की सदस्य थीं। भाजपा ने उन्हें लोकसभा का टिकट दिया।
जामनगर लोकसभा क्षेत्र में 7 विधानसभा सीटें
2017 में जामनगर लोकसभा क्षेत्र की सात विधानसभा सीटों में से कांग्रेस को चार और भाजपा को तीन सीटें मिली थी। भाजपा के पबुभा माणेक की जीत द्वारका की सीट पर हुई थी, लेकिन नामांकन पत्र में गलती के कारण उच्च न्यायालय ने द्वारका का परिणाम रद्द कर के उपचुनाव के लिये आदेश दे दिए। जामनगर सीट पर 16 लाख से अधिक मतदाता हैं, जिनमें पाटीदार और मुस्लिम मतदाता अधिक हैं। हालांकि, इन दोनों समुदायों के कोई उम्मीदवार नहीं हैं। इसके अलावा, जामनगर में आहीर, राजपूत, दलित और ब्राह्मण सहित विभिन्न जातियों के लोग रहते हैं।
पूनम माडम कांग्रेस नेता की ही बेटी हैं
भाजपा उम्मीदवार पूनम माडम कांग्रेसी नेता हेमंत माडम की बेटी हैं, जहां हेमंत माडम विधानसभा के चुनावों में निर्दलीय उम्मीदवार रहे थे और तीन बार चुनाव निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर जीते थे। पूनम माडम का ये दूसरा टर्म है। महिला मतदाताओं में उनकी छवि लोकप्रिय है। दूसरी ओर मूलु कंडोरिया भी शिक्षित हैं। अहीर समुदाय में उनका वर्चस्व है। सामूहिक विवाह की योजना में जामनगर में उनका बड़ा नाम है। वह एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं, इसलिए वह कांग्रेस के उम्मीदवार हैं और पूनम माडम के सामने चुनाव लड़ रहे हैं।
30 वर्षों से कांग्रेस में सक्रिय हैं कंडोरिया
पाटीदार मतदाताओं को देखते हुए, कांग्रेस ने इस सीट के लिए पाटीदार आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल का नाम पसंद किया था, लेकिन हार्दिक पटेल के खिलाफ अदालत में मामले दर्ज होने के कारण, अदालत ने उन्हें लोकसभा चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं दी, कांग्रेस ने आखिरकार इस सीट पर आहीर समाज के उम्मीदवार को चुना। कंडोरिया 30 वर्षों से कांग्रेस में सक्रिय हैं और अहीर समाज के अलावा व्यापारी वर्ग में भी वह काफी जाने-माने व्यक्ति हैं।
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