जहरीली शराब से गुजरात में हुईं थीं 150 मौतें, 10 साल बाद अदालत ने 10 दोषियों को दिया ऐसा दंड
Gujarat crime News in Hindi, गांधीनगर। गुजरात में वर्ष 2009 में जहरीली शराब से हुई 150 से ज्यादा मौतों के मामले में अहमदाबाद कोर्ट ने 10 लोगों को दोषी मानते हुए सजा सुनाई है। इन दोषियों में 7 महिलाएं शामिल हैं। जबकि, 12 अन्य को बरी कर दिया गया है।
मुख्य
आरोपी
को
10
साल
की
कैद,
दूसरे
को
7
साल
जेल
काटनी
होगी
जज
द्वारा
सुनाए
गए
फैसले
में
जहरीली
शराब
बेचने
वाले
मुख्य
आरोपी
को
10
साल
और
उसके
साथी
को
7
साल
की
जेल
किए
जाने
के
आदेश
दिए
गए
हैं।
इन
दोनों
के
अलावा
7
महिला
दोषियों
को
6-6
माह
जेल
काटनी
होगी।
मुख्य
आरोपी
की
पहचान
विनोद
डगरी
के
रूप
में
हुई
है,
जबकि
दूसरे
की
अरविंद
के
रूप
में
हुई
है।
बता
दें
कि
इस
मामले
में
कुल
22
आरोपियों
को
जेल
में
डाला
गया
था,
लेकिन
अब
अहमदाबाद
की
विशेष
अदालत
ने
उनमें
से
12
को
निर्दोष
करार
दिया
है।
उन्हें
मुक्त
किया
जाएगा।
बता दें कि, करीब 10 साल पहले राज्य में जहरीली शराब पीने के कारण सैकड़ों लोगों की मौत हो गई थी। इस घटना से सबक लेते हुए गुजरात सरकार ने इस समस्या के खिलाफ कड़े कानून बनाने का ऐलान किया था। राज्य में शराब का कारोबार करने वाले को उम्रकैद या फांसी तक की सज़ा दिए जाने का भी प्रावधान किया गया।
यह घटना तब की है, जब राज्य में नरेंद्र मोदी मुख्यमंत्री थे। बड़े पैमाने पर शराब से जानें जाने की उन्हें सूचना मिली तो उन्होंने शराबबंदी को लेकर ठोस निर्णय लिया। इसके लिए राज्य विधानसभा में नशाबंदी कानून में परिवर्तन का विधेयक पेश किया गया, जिसमें कहा गया था कि जहरीली शराब से सामूहिक मौत जैसे मामलों में शराब माफिया तथा बूटलेगर (देशी शराब विक्रेता) को फांसी अथवा आजीवन कारावास तक की सजा दी जा सकेगी। इसके अलावा शराब के कारोबार में शामिल या उन्हें शह देने वाले पुलिस अधिकारियों को भी जेल की हवा खानी पड़ सकती है। इस अवैध कारोबार में काम में लिए जाने वाले वाहनों को सरकारी संपत्ति के रूप में जब्त किया जा सकता है। राज्य में तब से ही शराब पर बैन है। हालांकि, फिर भी कुछ लोगों के शराब पीने की घटनाएं सामने आती रही हैं।