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Karwa Chauth 2019: हाथों में पूजा की थाली... आई रात सुहागों वाली...

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नई दिल्ली। भारत परंपराओं का देश है, प्यार, श्रद्धा और समर्पण के इस देश में व्रत और पूजा-पाठ भी सच्चे और पवित्र प्रेम की कहानी कहते हैं। जिसका ताजा प्रमाण है करवा-चौथ का व्रत, इस परंपरगत त्योहार को हमारी मीडिया ने भी काफी हाईलाइट कर दिया है। इसी कारण ये त्यौहार आज उन लोगों में भी काफी लोकप्रिय है जो अपने आप को आधुनिक कहते हैं, यह भारत के पंजाब, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, और राजस्थान में मुख्य रूप से मानाया जाता है। यह कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है।

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Karva Chauth की परंपरा कब और कैसे शुरू हुई, व्रत एक कथाएं अनेक | वनइंडिया हिंदी
प्यार और समर्पण का सच्चा प्रमाण

प्यार और समर्पण का सच्चा प्रमाण

पति की सलामती और तरक्की के लिए पत्नियों की ओर से रखे जाना वाला यह वर्त पत्नी के प्यार और समर्पण का सच्चा प्रमाण है, महिलाएं इस व्रत का बेसब्री से इंतजार करती हैं। सुबह चार बजे उठकप महिलाएं सरगी खाती हैं और उसके बाद पूरे दिन बिना पानी के रहती हैं। शाम को पूजा करने के बाद चांद देखकर अपनी पति के हाथों पानी पीकर अपना व्रत खोलती हैं।

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ब्राह्मण की विवाहिता पुत्री वीरवती

ब्राह्मण की विवाहिता पुत्री वीरवती

धार्मिक किताबों के मुताबिक शाकप्रस्थपुर वेदधर्मा ब्राह्मण की विवाहिता पुत्री वीरवती ने करवा चौथ का व्रत किया था। नियमानुसार उसे चंद्रोदय के बाद भोजन करना था,परंतु उससे भूख नहीं सही गई और वह व्याकुल हो उठी। उसके भाइयों से अपनी बहन की व्याकुलता देखी नहीं गई और उन्होंने पीपल की आड़ में आतिशबाजी का सुंदर प्रकाश फैलाकर चंद्रोदय दिखा दिया और वीरवती को भोजन करा दिया।


करवा- चौथ पर फिर से जी उठा पति

पति व्रत से फिर से पाया पति परिणाम यह हुआ कि उसका पति तत्काल अदृश्य हो गया। अधीर वीरवती ने बारह महीने तक प्रत्येक चतुर्थी को व्रत रखा और करवा- चौथ के दिन उसकी तपस्या से उसका पति पुनः प्राप्त हो गया।

सोलह श्रृंगार

सोलह श्रृंगार

सोलह श्रृंगार भले ही पारंपरिक एक पूजा हो लेकिन इस व्रत ने फैशन का रूप धारण कर लिया है। स्त्रियां इस दिन भूखी-प्यासी रहकर सोलह श्रृंगार करती है। ताकि उनके पति उनके रूप और तपस्या को छोड़कर कहीं ना जाए।

सजना है मुझे सजना के लिए

अब तो महिलाएं और लड़कियां इस दिन के लिए महीनों से तैयारियां करती है. औरों से अलग दिखने की चाहत में महिलाएं आपको साड़ियों की, मेंहदी की, चूड़ियों की दुकानों पर भारी संख्या में नजर आएंंगी।

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English summary
On Karwa Chauth day, the women keep fast and at moon rise time go to the roof to worship the moon for the long life of their husbands.here is Interesting Fact about beautiful festival.
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