Rani Mukerji Norway से जुड़ी फिल्म के कंटेंट से विवादों में घिरीं, राजदूत ने जताई आपत्ति, जानिए पूरा मामला
रानी मुखर्जी लंबे समय के बाद सिल्वर स्क्रीन पर दिखेंगी। अपकमिंग मूवी मिसेज चटर्जी बनाम नॉर्वे के प्रोमोशन में बिजी रानी मुखर्जी को आलोचना का सामना भी करना पड़ रहा है। नॉर्वे के राजदूत ने फिल्म के कंटेंट पर टिप्पणी की।
Rani Mukerji Norway से जुड़ी फिल्म के कंटेंट से विवादों में घिरीं। नॉर्वे के राजदूत Hans Jacob Frydenlund ने रानी की अपकमिंग फिल्म पर बयान दिया है। उन्होंने एक ऑटोबायोग्राफी पर आधारित फिल्म के निर्माता-निर्देशक को आड़े हाथों लिया और कहा कि सांस्कृतिक मतभेदों को गलत तरीके से दिखाने से बचना चाहिए। दूतावास की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि इस फिल्म के "कुछ सामान्य तथ्यों को ठीक करना चाहिए।"
बता दें कि शाहरुख खान की फिल्म पठान पर हुए विवाद के बावजूद बॉक्स ऑफिस बिजनेस के मामले में बॉलीवुड के बाजीगर की मूवी ने कई नए कीर्तिमान बना डाले। अब उनकी दोस्त रानी मुखर्जी की फिल्म पर विवाद हो रहा है। रानी मुखर्जी नॉर्वे के कंटेंट के कारण विवाद का सामना कर रही हैं। जानिए क्या है पूरा माजरा, क्यों नॉर्वे के राजदूत ने मिसेज चटर्जी बनाम नॉर्वे फिल्म की तीखी आलोचना की है।
कंटेंट पर आपत्ति! राजदूत ने कहा-"काल्पनिक प्रतिनिधित्व"
रानी मुखर्जी की नवीनतम फिल्म 'मिसेज चटर्जी बनाम नॉर्वे' भारत में नार्वे के राजदूत के बयान से विवाद में आ गई है। फिल्म पर भड़के नॉर्वे के राजदूत हैंस जैकब फ्रायडेनलंड ने एक स्पेशल स्क्रीनिंग के दौरान फिल्म देखी। इसके बाद कंटेंट पर आपत्ति जताते हुए उन्होंने कहा, मूवी में उठाया गया मामला "काल्पनिक प्रतिनिधित्व" है।
पूरा विवाद क्या है?
रानी मुखर्जी की अपकमिंग फिल्म सागरिका चक्रवर्ती की आत्मकथा 'द जर्नी ऑफ ए मदर' पर आधारित है। यह एक महिला की अपने बच्चे की कस्टडी के लिए लड़ाई की कहानी है। सरकार ने कथित तौर पर संस्कृति में अंतर के कारण 2011 में नॉर्वेजियन चाइल्डकैअर सिस्टम (बार्नवेर्नेट) के आधार पर मां और बच्चे को अलग कर दिया था।
मिसेज चटर्जी बनाम नॉर्वे में ऐसा क्या है
फिल्म की स्पेशल स्क्रीनिंग के बाद नॉर्वे के दूतावास की तरफ से बयान जारी किया गया। इसमें कहा गया कि मूवी में दिखाए गए सांस्कृतिक मतभेदों के आधार पर बच्चों को उनके परिवारों से कभी दूर नहीं किया जाएगा। अपने हाथों से भोजन करना या बच्चों का अपने माता-पिता के साथ बिस्तर पर सोना बच्चों के लिए हानिकारक नहीं माना जाता है। सांस्कृतिक रूप से अलग होने के बावजूद नॉर्वे में यह असामान्य नहीं है।
मां और बच्चे के रिश्ते पर बनी फिल्म का विवाद!
मां और बच्चे के रिश्ते पर बनी फिल्म के कंटेंट पर आपत्ति जताते हुए नॉर्वे के राजदूत ने कुछ सामान्य तथ्यों को ठीक करने पर जोर दिया। दूतावास की तरफ से बयान में दावा किया गया है कि नॉर्वे एक लोकतांत्रिक, बहुसांस्कृतिक समाज है। उन्होंने कहा, नॉर्वे में, हम विभिन्न पारिवारिक प्रणालियों और सांस्कृतिक प्रथाओं को महत्व देते हैं और उनका सम्मान करते हैं, भले ही हम इसके आदी न हों। पालन-पोषण में शारीरिक दंड के अलावा किसी भी तरह की हिंसा के प्रति नॉर्वे में जीरो टॉलरेंस है।
सांस्कृतिक अंतर को गलत तरीके से दिखाया गया
दूतावास ने कहा कि बच्चों को वैकल्पिक देखभाल के लिए तभी भेजा जाता है जब वे उपेक्षा का सामना करते हैं या "हिंसा या किसी तरीके के दुर्व्यवहार के शिकार होते हैं।" नॉर्वे की सरकार ने पहले दावा किया था कि मां ने अपने हाथों से अपने बच्चों को खाना खिलाया था और दंपती पर अपने बच्चों को पीटने का आरोप भी लगा था। राजदूत के अनुसार, "फिल्म सांस्कृतिक अंतर को प्राथमिक कारक के रूप में पेश करती है, जो पूरी तरह से गलत है। इस विशेष मामले का पूरा विवरण जाने बिना ऐसा किया गया है।
निखिल आडवाणी ने राजदूत की खिंचाई की
राजदूत ने कहा, मैं स्पष्ट रूप से इनकार करता हूं कि हाथों से खाना खिलाना और एक ही बिस्तर पर सोने के आधार पर बच्चों को वैकल्पिक देखभाल के लिए भेजा गया।" उन्होंने स्पष्ट किया कि न तो इस मामले में ऐसा किया गया है और न ही किसी अन्य मामले में ऐसी कार्रवाई की गई है। इस बयान के बाद फिल्म निर्माता निखिल आडवाणी ने कहा, मूवी की कहानी देखने के बाद राजदूत जैकब ने "दो मजबूत महिलाओं को धिक्कारा।" उन्होंने कहा कि अतिथि देवो भव! भारत की सांस्कृति है। प्रत्येक भारतीय को हमारे बुजुर्ग ऐसा सिखाते हैं। पिछली शाम हमने नॉर्वे के राजदूत की मेजबानी की और स्वेच्छा से उन्हें अपनी फिल्म 'मिसेज चटर्जी बनाम नॉर्वे' दिखाई।
निर्माता का दो टूक- हम अपने मेहमानों का अपमान नहीं करते
निर्माता निखिल ने कहा कि मूवी की स्क्रीनिंग के बाद, वे चुपचाप बैठे राजदूत को दो मजबूत महिलाओं को डांटते हुए देख रहे थे, जिन्होंने इस महत्वपूर्ण कहानी को बताने का फैसला लिया। मैं चुप था क्योंकि सागरिका चक्रवर्ती की तरह, उन्हें उनके लिए लड़ने के लिए मेरी जरूरत नहीं है और 'सांस्कृतिक' रूप से हम अपने मेहमानों का अपमान नहीं करते हैं। बकौल निखिल आडवाणी, जहां तक स्पष्टीकरण का सवाल है वे वीडियो शेयर कर रहे हैं।
नीचे देखिए सागरिका की VIDEO
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राजदूत पर सागरिका के गंभीर आरोप
निर्माता निखिल आडवाणी ने अपने ट्विटर हैंडल- @nikkhiladvani पर Mrs Chatterjee Vs Norway मूवी को भारत का आंतरिक मामला बताते हुए हैशटैग #DeshKaMatter भी लिखा। उन्होंने सागरिका चक्रवर्ती की वीडियो शेयर की जिसमें सागरिका राजदूत पर" बिना किसी शालीनता के" बोलने का आरोप लगाती सुनी जा सकती हैं। उन्होंने ये भी आरोप लगाया कि नॉर्वे सरकार उनके बारे में लगातार 'झूठ फैला' रही है। बता दें कि रानी मुखर्जी की लीड एक्टिंग वाली इस फिल्म में को आशिमा चिब्बर ने डायरेक्ट किया है। इस फिल्म में अनिर्बान भट्टाचार्य, जिम सर्भ, नीना गुप्ता और अन्य कलाकार हैं।
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