कौन हैं Panchayat सीरीज के 'प्रह्लाद', जिन्होंने 10वीं पास करने में लगाए 5 साल, MBA की फीस मौज में उड़ाई
मुंबई, 10 मई। ओटीटी प्लेटफॉर्म पर लोकप्रिय सीरीज पंचायत का दूसरा सीजन जल्द ही आने वाला है। दूसरे सीजन को लेकर फैंस में काफी उत्साह है। जिस तरह से पहले सीजन को लोगों ने काफी पसंद किया उसके बाद दर्शक दूसरे सीजन को लेकर काफी उत्साहित हैं। लोग देखना चाहते हैं कि क्या सेक्रेटरी रिंकी के प्यार में गांव में टिकेंगे और क्या रिंकी के प्यार के चलते उनका गांव में फिर से मन लगेगा। यह सीरीज उत्तर प्रदेश के फुलेरा गांव की कहानी को दर्शाती है। यहां अभिषेक जोकि सेक्रेटरी के किरदार में हैं, लोगों ने उन्हें काफी पसंद किया है। अभिषेक के अलावा सीरीज क हर किरदार को लोगों ने काफी पसंद किया है। लेकिन इस सीरीज में फैसल मलिक के प्रहलाद के किरदार को लोगों ने काफी पसंद किया है।
आसान नहीं रहा है फिल्म इंडस्ट्री का सफर
फैसल मलिक ने सीरीज में प्रह्लाद का किरदार निभाया है। फैसल मलिक को गैंग्स ऑफ वासेपुर में पुलिसवाले के किरदार में लोगों ने काफी पसंद किया था और यहीं से उन्हें एक अलग पहचान मिली थी। गैंग्स ऑफ वासेपुर में उनके किरदार को लोग भूल नहीं पाए हैं। कुछ इसी तरह का बेहतरीन किरदार फैसल मलिक ने पंचायत में निभाया है, जिसे लोगों ने काफी पसंद किया है। फैसल पंचायत में उपप्रधान के किरदार में नजर आते हैं। फैसल का फिल्मी सफर काफी मुश्किलभरा रहा है। खुद फैसल बताते हैं कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि वह एक्टिंग करेंगे।
एक्टिंग से काफी डरते हैं
पंचायत को लेकर फैसल मलिक ने कहा कि मैं एक्टिंग नहीं करता हूं। वो कहते हैं कि मैं एक्टिंग से डर जाता हूं, इससे मुझे बहुत डर लगता है। जब दोस्त यार हो तो मैं कर लेता हूं, लेकिन जब कोई चिल्लाकर कहता है कि ओय ये क्या कर रहा है तो मैं डर जाता हूं। जब मैंने पंचायत की स्क्रिप्ट सुनी तो मैंने सोचा ये सच में बनेगी, आखिर कौन इस तरह की सीरीज बनाता है। आखिर क्यों कम एक्टिंग करते हैं इसपर मलिक कहते हैं कि मैंने चार रायता फैला रखा है, मैं खुद सीरीज बनाता हूं, उसमे व्यस्त रहता हूं। एक्टिंग करके आप सिर्फ एक्टिंग ही कर सकते हैं और कुछ नहीं कर सकते हैं।
मेरा चेहरा देखकर पब्लिक डर जाती है
फैसल मलिक ने कहा कि मेरा चेहरा देखकर पब्लिक डर जाती है, मेरे साथ सीधा है कि काला-मोटा-गंदा आदमी चाहिए तो मुझे बुला लो। मैं 2002 में बॉम्बे आया था कुछ करने,पढ़ाई हो नहीं पा रही थी, पापा ने एमबीए करने भेजा था, सारा पैसा खा गया था, लाइफ में कुछ पता ही नहीं था क्या करना है। एक ने कहा एक्टिंग कर लो, मैंने 4-6 महीने की तो मैंने कहा यह तो बहुत कठिन है। फिर मैंने कमाने खाने के लिए काम शुरू किया। पहली नौकरी में मैं टेप लगाता था। रात में मैं मशीन को सीखता था। फिर मैं एडिटर बन गया, प्रोड्यूसर बन गया। मैं उस वक्त सहारा चैनल में था। जहां काम मिलता रहा मजदूर की तरह काम करता रहा
बिना प्लानिंग के मुंबई आया
फिर मैंने कुछ टीवी किया, फिल्म किया ताकि अपनी जिंदगी को बचा सकूं। इसके बाद मैंने फैसला लिया कि कंपनी खोलूंगा। मैंने काफी काम किया, अच्छे और बुरे दोनों लोग मिले। अब मैं अपनी कंपनी चला रहा हूं। जब मैं मुंबई में आया था तो 22 साल का था, कुछ भी प्लान करके नहीं आया था, प्लानिंग करने के लिए पैसे की जरूरत होती है। कैलाश खेर और दीपक डोबरियाल मेरे पुरान जानने वाले थे, हम काम के बाद शाम को मिलते थे। आपको पता ही है शाम को क्या होता है।
पांच साल में दसवीं पास हुआ, माता-पिता ने बहुत झेला
फैसल ने कहा कि मैं इलाहाबाद में पढ़ता था, टीचर्स डे पर एक्टिंग करता था। मैं 10वीं में पांच साल बाद पास हुआ। जब मैं 10 में पास हुआ तो खुद रोना आ गया कि क्या मैं सच में पास हो गया। इसके बाद 12वीं किया, लखनऊ से बीकॉम किया। फिर घर वालों ने कहा एमबीए कर लो, लेकिन मैं कोचिंग का पैसा खा गया। मेरे माता-पिता सीधे लोग हैं, मैं दानव पैदा हुआ वो मुझे झेल रहे थे। मैं सोचता हूं कि वो बेचारे मुझे बहुत झेलते थे। मेरे पापा एक बार पान पराग खाकर छुट्टी लेकर सो गए थे। अब लगता है कि ऐसा नहीं होना चाहिए था।
मुझे यकीन नहीं हुआ था पंचायत की स्टोरी पर
पंचायत के बारे में बात करते हुए कहा कि मैंने अभी तक जितना भी काम किया है उसकी तुलना में मुझे इससे बहुत कुछ सीखने को मिला है। फिल्म के प्रोड्यूसर, डायरेक्टर और स्टोरी लिखने वालों ने बेहतरीन काम किया है। एक तरफ जहां आधी दुनिया टीवी पर मर्डर कर रहा है, अवैध संबंध दिखाए जा रहे हैं। ऐसे में इस सीरीज को सुनकर मैंने पूछा था कि क्या ये बनेगी। शो को निर्माताओं को पता था कि वो क्या बनाना चाहते हैं। इस शो की सफलता का कोई असल हकदार है वह राइटर, डायरेक्टर और प्रोड्यूसर हैं। अपने जीवन के बारे में हल्के अंदाज में बात करते हुए फैसल ने कहा कि ये दुनिया बहुत खराब है, ये आपको बहुत परेशान करेगी। ये हमेशा आपके लिए दिक्कत लेकर आएगी। लिहाजा इससे डरना नहीं है।
पंचायत की टीम जबरदस्त
पहले सीजन की शूटिंग की यादों को साझा करते हुए फैसल ने कहा कि टीम में माहौल काफी अच्छा था, हल्ला नहीं होता था, सभी बहुत ही साधारण थे। वासेपुर में मेरे किरदार को देखकर ही मुझे इस शो में काम करने का मौका मिला था। मैंने स्टोरी सुनकर कहा कि क्या सच में ये शो बन रहा है। इस टीम में काफी जुझारू लोग हैं, ये लोग समय से काम करते हैं। फिल्मों और वेब सीरीज से फैसल को काफी लगाव है। वो कहते हैं कि मैं हर रोज एक फिल्म या सीरीज देखता हूं, मेरे पास 10 टीवी सीरीज है। मेरे पास बहुत सीरीज है। इंटरनेट आने से पहले मैंने ये करता था। फोर ब्लॉक्स, मैक माफिया, वायर जैसी सीरीज की तारीफ करते हुए फैसल ने कहा कि यह काफी बेहतरीन हैं।