Chhattisgarh का इकलौता उप स्वास्थ्य केंद्र जहां टेलीमेडिसिन की सुविधा, अब केंद्र से मिलेगी सहायता
National Quality Assurance Standard छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले का अमलेश्वर का हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर राज्य का पहला राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन सर्टिफाइड उप स्वास्थ्य केंद्र बन गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से पाटन के अमलेश्वर और रायपुर के निसदा उप स्वास्थ्य केंद्र का चयन कई मानकों के आधार पर किया गया है। इस बड़ी घोषणा के साथ ही अमलेश्वर के वेलनेस सेंटर को 3 साल तक केंद्र की सहायता मिलेगी जिससे यहां बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाओं में और भी मजबूती आएगी।
केंद्रीय
स्वास्थ्य
मंत्रालय
की
टीम
ने
देखी
थी
सुविधाएं
बीएमओ
पाटन
डॉ
आशीष
शर्मा
ने
बताया
कि
केंद्र
की
टीम
ने
सभी
हेल्थ
एंड
वैलनेस
सेंटर
का
निरीक्षण
किया
था।
यहां
सुविधाएं
देखी।
हेल्थ
वैलनेस
सेंटर
में
दी
जा
रही
सेवाओं
की
गुणवत्ता
का
परीक्षण
किया।
डॉ
शर्मा
ने
बताया
कि
यहां
टीम
ने
मरीजों
से
बात
की
और
स्वास्थ्य
सुविधाओं
की
जानकारी
ली।
इसके
साथ
ही
उन्होंने
अस्पताल
की
ओपीडी
की
जानकारी
ली।
यहां
आवश्यक
उपकरणों
की
स्थिति
देखी
तथा
व्यापक
रूप
से
अमलेश्वर
के
निवासियों
से
भी
बातचीत
की।
केंद्र
की
तीन
मुख्य
सुविधाओं
के
कारण
अमलेश्वर
को
यह
सम्मान
मिल
पाया।
12 मानकों के आधार पर होता है चयन
केंद्रीय टीम द्वारा इस साल जुलाई में इन असप्तालों का निरीक्षण किया गया था। हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर उप स्वास्थ्य केंद्रों का राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक सर्टिफिकेशन 12 मानकों के आधार पर तय किया जाता है। पाटन के अमलेश्वर रायपुर जिले के निसदा हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर को भैतिक निरीक्षण और मूल्यांकन के बाद राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन सर्टिफिकेट दिया गया है। गुणवत्ता के मामले में अस्पताल का स्कोर 94 प्रतिशत और निसदा को 93 प्रतिशत अंक प्राप्त हुए।
1.
केंद्र
में
टेलीमेडीसीन
और
कंसल्टेशन
की
सुविधा
दरअसल
उपस्वास्थ्य
केंद्र
अमलेश्वर
में
खासतौर
पर
टेलीमेडिसिन
की
सुविधा
उपलब्ध
है।
इसके
माध्यम
से
न
केवल
स्थानीय
स्तर
पर
बीमारियों
का
परीक्षण
किया
जाता
है।
बल्कि
टेली
कॉन्फ्रेंसिंग
के
माध्यम
से
बड़े
अस्पताल
से
कनेक्ट
कर
मरीजों
का
चिकित्सकीय
परीक्षण
किया
जाता
है।
उदाहरण
के
लिए
मानसिक
बीमारियों
के
मामले
में
देश
के
देश
की
मानी
हुई
संस्थान
निमहंस
बेंगलुरु
के
विशेषज्ञ
जुड़ते
हैं।
इसी
तरह
से
अन्य
बीमारियों
में
भी
स्वास्थ्य
केंद्रों
से
लगातार
संपर्क
बना
रहता
है।
2.
हर
दिन
40
ओपीडी,
संस्थागत
प्रसव
की
सुविधा
उप
स्वास्थ्य
केंद्र
होने
के
बाद
भी
अस्पताल
में
35
से
40
तक
होती
है।
सही
इलाज
की
सुविधा
के
कारण
लोग
यहां
पहुंचते
हैं
और
दिल
की
बीमारी,
कैंसर
आदि
बीमारियों
को
आरंभिक
रूप
से
ही
चिन्हांकित
करने
में
मदद
मिलती
है।
इसके
साथ
ही
यहां
संस्थागत
प्रसव
की
सुविधा
भी
उपलब्ध
है।
अप्रैल
महीने
से
अब
तक
यहां
21
सुरक्षित
डिलीवरी
कराई
गई
है।
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3.
अस्पताल
के
संचालन
में
ग्रामीणों
का
भी
योगदान
स्वास्थ्य
मंत्रालय
हेल्थ
एंड
वैलनेस
सेंटर
की
उपयोगिता
का
बड़ा
मानदंड
यह
भी
रखता
है
कि
इसे
संचालित
करने
में
स्थानीय
समुदाय
की
कैसी
भूमिका
है।
अमलेश्वर
के
संबंध
में
अच्छी
बात
यह
हुई
कि
यहां
ग्राम
पंचायत
ने
अस्पताल
के
संचालन
में
काफी
रूचि
ली।
अस्पताल
मुरूम
खदान
के
निकट
की
भूमि
में
था।
इसके
चारों
ओर
बाउंड्री
वाल
अपने
खर्च
पर
पंचायत
ने
खड़ी
की।
इसमें
लगभग
5
लाख
रुपये
की
राशि
लगी।
अस्पताल
के
विकास
के
लिए
पंचायत
का
हमेशा
योगदान
रहा
है।
जानिए NQAS सर्टिफिकेशन का उद्देश्य
प्रदेश के 57 अस्पतालों को अब तक गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण पत्र प्रदान किया जा चुका है इसमें 10 जिला अस्पताल, सात सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, 26 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और 12 शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और दो उप स्वास्थ्य केंद्र शामिल हैं। राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक सर्टिफिकेशन का उद्देश्य अस्पतालों की सुविधाओं को सुदृढ़ करते हुए आम जनता तक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधा पहुंचाना है।