सरगुजा संभाग के जिलों में कम बारिश से किसान परेशान, विधायकों ने सीएम को चिठ्ठी लिखकर की अपील
छत्तीसगढ़ के सरगुजा संभाग में इस साल बारिश की कमी देखी जा रही है, जिसके चलते किसान धान की बुआई में पिछड़ गए हैं तो कहीं खेत पानी को तरस रहे हैं। सरगुजा संंभाग के तीन जिलों पर सूखे का असर अब स्थानीय राजनीति पर भी पड़ने लगा ह
सरगुजा, 01 अगस्त। छत्तीसगढ़ के सरगुजा संभाग में इस साल बारिश की कमी देखी जा रही है, जिसके चलते किसान धान की बुआई में पिछड़ गए हैं तो कहीं खेत पानी को तरस रहे हैं। सरगुजा संंभाग के तीन जिलों पर सूखे का असर अब स्थानीय राजनीति पर भी पड़ने लगा है। इस बात को लेकर स्थानीय विधायको ने चिंता जाहिर करते हुए मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखी है। जिसमें लिखा है कि संभाग के तीन जिलों को सूखा घोषित कर दिया जाए।
कांग्रेस
के
स्थानीय
विधायकों
ने
मुख्यमंत्री
को
लिखा
पत्र
सीएम
भूपेश
बघेल
को
पत्र
लिखकर
सरगुजा,
जशपुर
और
बलरामपुर-रामानुजगंज
जिले
को
सूखा
प्रभावित
घोषित
करने
की
मांग
करते
हुए
रामानुजगंज
विधायक
बृहस्पत
सिंह
ने
मुख्यमंत्री
को
एक
पत्र
लिखा
है।
इस
पत्र
पर
कुनकुरी
विधायक
यूडी
मिंज
और
भरतपुर-सोनहत
विधायक
गुलाब
कमरो,
लुंड्रा
विधायक
प्रीतम
राम
के
भी
हस्ताक्षर
हैं।
जिसमें
जिले
में
औसत
से
कम
बारिश
पर
राहत
कार्य
शुरू
करने
की
मांग
की
गई
है।
क्या
लिखा
है
पत्र
में
जानिए
सरगुजा
संभाग
के
चारो
विधायकों
ने
अपने
इस
पत्र
के
माध्यम
से
सीएम
से
कहा
है
कि
30
जुलाई
तक
सरगुजा
संभाग
के
तीन
जिलों
बलरामपुर,
जशपुर
और
अंबिकापुर
में
औसतन
40%
से
कम
वर्षा
हुई
है।
किसानों
की
फसल
खेतों
में
सुख
चुके
है।
गांवों
में
किसानों-मजदूरों
के
लिए
किसी
मद
में
कोई
काम
संचालित
नहीं
हो
रहा
है।
रोजगार
गारंटी
का
भी
काम
नहीं
चल
रहा
है।
अतः
सरगुजा
संभाग
के
तीनों
आदिवासी
बाहुल्य
जिले
,
बलराम
पुर
अम्बिकापुर,
जशपुर
को
सूखा
घोषित
किया
जावे
रोजगार
मूलक
कार्य
प्रारम्भ
करने
की
अपील
विधायकों
ने
तीनों
जिलों
को
सूखा
प्रभावित
घोषित
कर
फसलों
का
मुआवजा
देने
की
मांग
की
है।
उनकी
मांग
है
कि
गांवाें
में
रोजगार
पैदा
करने
वाले
और
राहतकार्य
रोजगार
गारंटी
वाले
काम
भी
शुरू
कराए
जाएं।
सरगुजा
क्षेत्र
को
सूखाग्रस्त
घोषित
कर
क्षेत्र
में
तत्काल
किसानों
को
मुआवजा
देने
और
रोजगार
मूलक
राहत
कार्य
प्रारंभ
करने
की
मांग
विधायक
ने
मुख्यमंत्री
से
की
है।
कोरिया
व
सूरजपुर
कहा
नही
किया
जिक्र
विधायको
द्वारा
लिखे
गए
इस
पत्र
में
संभाग
के
दो
जिलों
का
नाम
ही
नही
है
जबकि
सूरजपुर
और
कोरिया
जिले
में
भी
औसत
से
कम
बारिश
हुई
है।
इन
जिलों
में
भी
42
प्रतिशत
कम
बारिश
हुई
है।
छत्तीसगढ़
के
पांच
और
जिलों
में
हालात
चिंताजनक
बने
हुए
हैं।
बिलासपुर
संभाग
के
कोरबा
में
26%
कम
और
दुर्ग
संभाग
के
बेमेतरा
में
25%
कम
बारिश
है।
रायपुर
जिला
भी
इसी
संकटग्रस्त
जिले
में
है।
यहां
32%
तक
कम
पानी
बरसा
है।
प्रदेश
के
11
जिलों
में
सामान्य
बरसात
है।
विपक्ष
ने
बोला
हमला
विधायकों
की
इस
मांग
पत्र
के
वायरल
होते
ही
पर
विपक्ष
भी
हमलावर
है।
नेता
प्रतिपक्ष
धरमलाल
कौशिक
ने
कहा
है,
कांग्रेस
विधायकों
के
इस
पत्र
से
साफ
है
कि
छत्तीसगढ़
के
गांव
में
किसानों
और
मजदूरों
के
लिए
रोजगार
मूलक
कार्य
किसी
मद
में
संचालित
नहीं
हो
रहा
है।
साथ
ही
रोजगार
गारंटी
के
काम
भी
नहीं
हो
रहे
हैं।
छत्तीसगढ़
में
हो
रही
खण्ड
वर्षा,
किसान
परेशान
छत्तीसगढ़
में
मानसून
सक्रिय
होने
के
बर्फ
से
खंड
वर्षा
हो
रही
है
जिससे
सरगुजा
संभाग
प्रभावित
है।
उत्तर
छत्तीसगढ़
में
न
के
बराबर
वर्षा
हुई
है।
वास्तविक
रुप
से
औसत
वर्षा
से
भी
काफी
कम
बारिश
हुई
है।
किसानों
में
इससे
अत्यधिक
हताशा
और
निराशा
है।
किसान
कर्ज
लेकर
खेती
किसानी
का
कार्य
प्रारंभ
करना
चाहते
थे
लेकिन
आज
तक
वर्षा
नहीं
होने
से
भीषण
सूखे
की
स्थिति
निर्मित
ही
रही
है।
मौसम
विभाग
के
आंकड़ों
के
मुताबिक
एक
जून
से
31
जुलाई
तक
छत्तीसगढ़
में
579.2
मिलीमीटर
तक
बरसात
हो
चुकी
है।
यह
सामान्य
औसत
569
मिमी
से
2%
अधिक
है।
इस
बीच
सरगुजा
संभाग
के
तीन
जिले
सबसे
सूखे
रह
गए
है।