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Chhattisgarh में शेर भालूओं ने की वन्य जीवों के संरक्षण की अपील, हर साल सड़क हादसे के होते हैं शिकार

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Chhattisgarh के बालोद जिले में जंगल के जानवर ही वन्य जीवों को बचाने की मुहिम चला रहे हैं। आपको यह सुनकर भले ही आश्चर्य लग रहा होगा, लेकिन बालोद जिले में वन्य प्राणी संरक्षण सप्ताह पर कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला। जब भालू और टाइगर को हांथों में वन्य जीवों के संरक्षण का संदेश लिए लोगों ने देखा, तोे थोड़ी देर के लोग भी आश्चर्यचकित हो गए।

balod forest

बालोद में मनाया गया वन्य प्राणी संरक्षण सप्ताह
दरअसल बालोद जिले के सघन वन वाले क्षेत्रों में कई रास्ते जंगलों से होकर गुजरते हैं। इसके साथ साथ वन्य जीव और मानव संघर्ष की घटनाएं भी होती है। इन घटनाओं में हर साल लगभग 30 से अधिक वन्य जीवों की मौत हो जाती है। सड़को को पार करते समय भी जंगली जानवर सड़क हादसे का शिकार हो जाते हैं। इसलिए बालोद जिले में हर साल वन विभाग की ओर से वन्य प्राणी संरक्षण सप्ताह मनाया जाता है।

balod forest

जिले में हाथियों का उत्पात, किसान परेशान
इसके साथ ही 5 साल में हाथी प्रभावित गांवों में हाथी और मानव के बीच संघर्ष जारी है। जिसमें लगभग 7लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं जंगली हाथियों ने अब तक 50 से अधिक ग्रामीणों के घरों को उजाड़ा है। लगभग 400 किसानों के फसलों को रौंदा है। हाथी की जिला मुख्यालय तक पहुंच से वन विभाग ने जंगल के नजदीक इलाकों में हाथियों की चारे की व्यवस्था की है यहां दो लाख पीपल की नर्सरी तैयार की जा रह है। उनके भोजन व पानी की व्यवस्था की जा रही है। इसके बावजूद हाथी गांवों तक पहुंच रहें हैं। इस दौरान वन विभाग मुनादी करवाकर लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाता है।

balod forest animal

ग्रीन कमांडों ने की अपील, वन्य जीवों का करें संरक्षण
सघन वन और हाथी प्रभावित जिले में 2 अक्टूबर से शुरू हुए वन्य प्राणी संरक्षण सप्ताह में ग्रीन कमांडो के सदस्यों ने शेर, लोमड़ी व भालू की पोषाक पहनकर सड़कों पर लोगों से अपील करते नजर आए। ग्रीन कमांडो के सदस्य शनिवार को इसी तरह वन्य जीवों के रूप में हाथों में जागरूकता संदेश लिए नजर आए। ग्रीन कमांडो ने अपील किया कि मार्ग वन्य प्राणी दिखें तो पहले उन्हें सड़क पार करने दें। संरक्षण सप्ताह का समापन शनिवार को हुआ। जिला मुख्यालय में वन विभाग के अफसरों व कर्मचारियों ने बाइक व पैदल रैली निकालकर लोगों को जागरूक किया।
भोजन कि तलाश में इन गांवों में पहुंचते है वन्य जीव
बालोद जिले में जंगल से होकर गुजरने वाले सड़को में प्रमुख रूप से बालोद - दल्लीराजहरा मुख्य मार्ग में हर माह वन्य जीव हादसे का शिकार होते हैं। इसके साथ ही जंगलों के किनारे बसे गांव आदमाबाद, जुर्रीपारा, दैहान, तांदुला जलाशय, दानीटोला, तालगांव में प्रमुख रूप से वन्य प्राणियों के लिए खतरा बना हुआ है। जिसका प्रमुख कारण पानी व भोजन की तलाश में जानवर जंगल से बाहर ग्रामीण व शहरी इलाके में पहुंचते है। इस दौरान सड़क हादसे का शिकार हो जाते है। तेंदुआ और भालूओं की आमद दल्लीराजहरा, डौंडीलोहरा रेंज में आम बात हो चुकी है।

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English summary
Chhattisgarh, lion bears appeal for protection of wildlife, every year there are victims of road accidents
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