नीट-पीजी काउंसलिंग को लेकर विरोध प्रदर्शन तेज, सड़क पर उतरे दिल्ली एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर्स
नई दिल्ली, 20 दिसंबर। देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पिछले कई दिनों से जारी डॉक्टरों की हड़ताल और विरोध प्रदर्शन से स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा सी गई है। एक तरफ जहां अस्पताल पहुंचने वाले मरीज दर-दर भटकने को मजबूर हैं, वहीं नीट-पीजी 2021 काउंसलिंग में देरी को लेकर रेजिडेंट डॉक्टरों ने अपने विरोध प्रदर्शन को तेज कर दिया। सोमवार को भी लगातार चौथे दिन अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के रेजिडेंट डॉक्टरों ने विरोध प्रदर्शन किया। इस वजह से मरीजों के अस्पताल में उपचार के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
गौरतलब है कि कोरोना वायरस काल में ओमिक्रॉन के खतरे के बीच रेजिडेंट डॉक्टरों का ये विरोध प्रदर्शन आम जनता पर काफी भारी पड़ रहा है। स्थिति यह है कि दिल्ली में केंद्र के अंतरगत आने वाले सफदरजंग सहित तमाम बड़े अस्पतालों से अब मरीज छुट्टी लेकर जाने को मजबूर हैं। वहीं सोमवार को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के रेजिडेंट डॉक्टरों ने भी हाथ में पोस्टर और कैंडल लेकर अपना विरोध दर्ज कराया। इसके अलावा आज डॉक्टरों ने स्वास्थ्य मंत्रालय के ठीक सामने आठ घंटे तक विरोध प्रदर्शन किया।
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इस बीच सोमवार देर शाम जब डॉक्टरों का विरोध प्रदर्शन खत्म नहीं हुआ तो दिल्ली पुलिस को स्वास्थ्य मंत्रालय के सामने से जगह खाली कराना पड़ा। प्राप्त जानकारी के मुताबिक दिल्ली एम्स के अलावा सफदरजंग अस्पताल, मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज के पांच अस्पताल और जीटीबी अस्पताल के कई रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर हैं। हालात इतने बुरे हैं कि मरीजों को अपीडी के अलावा अब इमरजेंसी में भी इलाज नहीं मिल पा रहा है। कई ऐसे मरीजों की स्थिति बेहद खराब हो गई है, जो गंभीर रूप से बीमार हैं और उन्हें इलाज की सख्त जरूरत है।