यमुना नदी समेत किसी भी सार्वजनिक स्थान पर नहीं होगा मूर्ति विसर्जन, DPCC ने जारी किए निर्देश
यमुना नदी समेत किसी भी सार्वजनिक स्थान पर नहीं होगा मूर्ति विसर्जन, DPCC ने जारी किए निर्देश
दिल्ली, 14 अक्टूबर: आगामी दुर्गा पुजा के दौरान यमुना नदी समेत किसी भी सार्वजनिक स्थान पर अब मूर्ति विसर्जन की अनुमित नहीं होगी। यह निर्देश दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) ने बुधवार को दिए है। इसी के साथ डीपीसीसी ने लोगों को बाल्टी या कंटेनर में मुर्ति विसर्जन करने की सलाह दी है। जो लोग इन आदेशों का पालन नहीं करेंगे उन्हें भारी जुर्माना देना होगा।
दुर्गा पूजा उत्सव से पहले दिल्ली प्रदूषण समिति (डीपीसीसी) ने बुधवार को कहा कि किसी भी जलाशय में मूर्ति विसर्जन ना करें। दरअसल, मूर्ति विसर्जन के चलते नदियों और झीलों में होने वाला प्रदूषण चिंता का विषय है। डीपीसीसी ने कहा कि मूर्ति विसर्जन अनुष्ठान घर में ही बाल्टी या कंटेनर में किया जा सकता है। जो लोग इन आदेशों का पालन नहीं करेंगे उन्हें भारी जुर्माना देना होगा। डीपीसीसी ने कहा है कि अगर कोई यमुना में मूर्ति विसर्जित करते हुए पकड़ा जाता है तो उस पर 50 हजार तक जुर्माना लगाया जा सकता है।
प्रदूषण नियंत्रण निकाय ने कहा कि मूर्ति विसर्जन के कारण पानी की गुणवत्ता में गिरावट को लेकर किए गए अध्ययनों से पता चलता है कि इससे पानी के संदर्भ में वाहकता, जैव रासायनिक ऑक्सीजन की मांग और भारी धातु एकाग्रता के संबंध में गुणवत्ता में गिरावट आती है। डीपीसीसी ने कहा है कि प्लास्टर ऑफ पेरिस (पीओपी) से मूर्ति बनाने के बजाय पारंपरिक मिट्टी जैसी प्राकृतिक सामग्री का उपयोग किया जाना चाहिए।
उसने कहा कि पीओपी से बनी मूर्तियों पर लगाए गए रसायनिक रंगों और पेंट के कारण जलीय जीवों के जीवन पर बेहद हानिकारक प्रभाव पड़ता है। डीपीसीसी ने कहा कि मूर्तियों को रंगे जाने के लिए केवल पानी में घुलनशील और गैर विषैले प्राकृतिक रंगों का उपयोग किया जाना चाहिए। डीपीसीसी ने इन निर्देशों के साथ ही संबंधित एजेंसियों को हर शुक्रवार को नियमों का उल्लंघनों करने वालों के खिलाफ की गई कार्रवाई की रिपोर्ट सौंपने को भी कहा है।