दिल्ली को फिलहाल प्रदूषण से राहत नहीं, केजरीवाल सरकार ने फिर से कंस्ट्रक्शन के कामों पर लगाई रोक
नई दिल्ली, 25 नवंबर। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर कम होने का नाम नहीं ले रहा है। इसकी वजह से राजधानी में कंस्ट्रक्शन के काम को भी नुकसान झेलना पड़ रहा है। बिते दिनों सुप्रीम कोर्ट ने अपनी सुनवाई में केंद्र और दिल्ली सरकार को प्रदूषण नियंत्रण करने के लिए उचित कदम उठाने के निर्देश दिए थे। इसी क्रम में गुरुवार को दिल्ली सरकार ने निर्माण और ढांचों को ध्वस्त करने की गतिविधियों पर फिर से बैन लगा दिया है। दिल्ली में गुरुवार को फिर एयर क्वॉलिटी खराब श्रेणी में पहुंच गई।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने इसकी जानकारी देते हुए कहा, 'पिछले 3-4 दिनों से प्रदूषण का स्तर कम हो रहा था, लेकिन आज फिर से प्रदूषण के स्तर में बढ़ोतरी दिख रही है। इसके मद्देनजर आज से कंस्ट्रक्शन का काम रोका जा रहा है। साथ ही मजदूरों को आर्थिक मदद दी जाएगी। इसके लिए एक रूपरेखा तैयार की जा रही है।' बता दें कि दिल्ली-एनसीआर में दिल्ली का AQI 339 है , जो कि खराब स्थिति में आता है। कल की तुलना में ये आज काफी खराब है, बुधवार को AQI 280 था। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने ये जानकारी दी है। SAFAR के मुताबिक अगले दो दिनों में हल्की हवा चलने से सुधार हो सकता है।
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सिर्फ
CNG-इलेक्ट्रिक
वाहनों
की
एंट्री
कहा
जा
रहा
है
कि
बीते
24
घंटों
में
पंजाब
में
91,
हरियाणा
में
59,
उत्तर
प्रदेश
में
186
जगहों
पर
पराली
जलाया
गया
है
और
इस
वजह
से
दिल्ली
की
हवा
दम
घोंटू
हुई
है।
इसी
के
मद्देनजर
दिल्ली
सरकार
ने
एक
और
बड़ा
फैसला
लेते
हुए
27
नवंबर
से
दिल्ली
में
पेट्रोल-डीजल
वाले
वाहनों
की
एंट्री
को
पूरी
तरह
बंद
करने
का
ऐलान
किया
है।
दिल्ली
सरकार
ने
वायु
प्रदूषण
की
स्थिति
को
देखते
हुए
27
नवंबर
से
सिर्फ
सीएनजी
और
इलेक्ट्रिक
वाहनों
को
ही
राजधानी
में
एंट्री
देने
का
फैसला
किया
है।
बाकी
सभी
वाहनों
के
दिल्ली
में
3
दिसंबर
तक
एंट्री
पर
रोक
रहेगी।
इस
बीच
29
नवंबर
से
दिल्ली
में
स्कूल-कॉलेज
खोलने
का
फैसला
किया
गया
है
और
सरकारी
कर्मचारियों
को
भी
दफ्तर
आकर
काम
करने
को
कहा
गया
है।