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DDA की कार्रवाई पर सख्त हुआ दिल्ली हाईकोर्ट, कहा-बिना नोटिस के किसी को बेघर नहीं कर सकते

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नई दिल्ली, 04 अगस्त: दिल्ली हाईकोर्ट ने बिना नोटिस जारी किए बुलडोजर से घर तोड़ने के दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) के फैसले को गलत ठहराया है। दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा है कि नोटिस जारी किए किसी को बुलडोजर से जबरन बेघर नहीं किया जा सकता है। दिल्ली हाईकोर्ट की ये टिप्पणी शकरपुर इलाके में रातोंरात झुग्गियां हटाने की डीडीए की कार्रवाई पर आई है।

DDA Can’t Be Evicted With Bulldozer at Doorstep Without Notice: Delhi High Court

रातों-रात झुग्गियां हटाने की डीडीए की कार्रवाई पर सख्त टिप्पणी करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि लोगों को पूर्व सूचना या नोटिस जारी किए बगैर सुबह या देर शाम को बुलडोजर नहीं चलाया जा सकता। वे पूरी तरह से आश्रयहीन हैं, उन्हें वैकल्पिक स्थान प्रदान किया जाना चाहिए। डीडीए को इस तरह के किसी भी उद्यम को शुरू करने से पहले डीयूएसआईबी के परामर्श से कार्य करना होता है।

जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद ने अपने फैसले में कहा, कार्रवाई से लोगों का अपना पक्ष रखने, जरूरी सामान और दस्तावेज निकालने के लिए उचित समय दिया जाना चाहिए। तोड़फोड़ से पहले लोगों को रहने के लिए अस्थायी आवास भी प्रदान किया जाना चाहिए। अदालत ने शकरपुर स्लम यूनियन द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि इसमें झुग्गी-झोपड़ी और शहर के शकरपुर जिले की मलिन बस्तियां शामिल हैं।

दिल्ली हाईकोर्ट में याचिकाकर्ता ने दावा किया था कि डीडीए के अधिकारी बिना किसी नोटिस के इलाके में पहुंचे और करीब 300 झुग्गियों को ध्वस्त कर दिया। विध्वंस तीन दिनों तक चला। जिन लोगों की झुग्गियां तोड़ी गईं उनमें से कई लोग अपना सामान भी नहीं ले पाए। डीडीए के अधिकारियों के पुलिस बल की मदद से लोगों को उस इलाके से निकल दिया। चिका में कहा गया था कि जब तक कि सभी निवासियों का सर्वेक्षण और डीयूएसआईबी नीति के अनुसार पुनर्वास नहीं किया जाता तब तक कार्यवाही नहीं की जा सकती।

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दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद हाईकोर्ट ने कहा कि डीडीए द्वारा एक व्यक्ति, जिसे वे एक अतिक्रमणकर्ता होने का दावा करते हैं,उसके आवास से रातोंरात हटाने की कार्रवाई नहीं कर सकता है। डीडीए को इस तरह के किसी भी उपक्रम को शुरू करने से पहले डीयूएसआईबी के परामर्श से कार्य करना होगा। अदालत ने यह भी जोर दिया कि ऐसे व्यक्तियों को एक उचित अवधि दी जानी चाहिए और किसी भी विध्वंस गतिविधियों को शुरू करने से पहले उन्हें अस्थायी स्थान प्रदान किया जाना चाहिए।

English summary
DDA Can’t Be Evicted With Bulldozer at Doorstep Without Notice: Delhi High Court
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