दिल्ली: 10 सेकेंड में गायब हुआ 1 साल का बच्चा 10वें जन्मदिन पर लौटा
दिल्ली। एक साल की उम्र में दिल्ली में जहांगीरपुरी के एक हॉस्पिटल से गायब हुआ बच्चा 9 साल बाद 10 साल की उम्र में अपने मां बाप को मिला है। जिस दिन बच्चा मां बाप से मिला उस दिन उसका दसवां जन्मदिन था। राजधानी में बच्चों के गायब होने और फिर परिवार से मिलने के मामलों में यह केस अनोखा है।
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खोने पाने की फिल्मी कहानी जैसा है यह केस
जहांगीरपुरी थाना क्षेत्र के भलसवा की रहने वाली फरीदा 14 नवंबर 2007 को अपने एक साल के बेटे शहाब को टीका लगवाने के लिए बाबू जगजीवन राम हाॉस्पिटल ले गई। उस दिन बाल दिवस था।
उस दिन को याद करते हुए फरीदा कहती हैं, 'मैं बच्चे को टीका लगवाने के लिए बाबू जगजीवन राम हॉस्पिटल ले गई। मैंने उसको बेंच पर बिठाया और पर्ची के लिए लाइन में लग गई। 10 सेकेंड के लिए मेरा ध्यान बच्चे पर से हटा और उस 10 सेकेंड में मेरी जिंदगी ही बदल गई। मेरा बच्चा बेंच पर से गायब था।'
फरीदा ने हॉस्पिटल स्टाफ और आसपास के लोगों से बच्चे के गायब होने की बात कही। पूरा हॉस्पिटल छान मारा गया लेकिन बच्चा नहीं मिला। इसके बाद फरीदा अपने पति अफसर के साथ कृष्णानगर थाने में बच्चे के खोने की रिपोर्ट दर्ज कराई।
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2009 में पुलिस ने बंद कर दी केस की फाइल
रिपोर्ट दर्ज होने के बाद पुलिस को बहुत दिनों तक बच्चे का कोई सुराग नहीं मिला। आखिरकार पुलिस ने 2009 में इस केस की फाइल बंद कर दी।
बच्चे के पिता अफसर आगे की कहानी कहते हैं, 'मैं और फरीदा रोज कम से कम चार घंटे खोए बच्चे को खोजने में बिताते थे। शहाब की एक फोटो मेरे पास थी जिसे यह सोचकर मैं हमेशा साथ लेकर चलता था कि क्या पता कब कोई मेरे बच्चे को पहचान ले।' और ऐसा ही हुआ।
लकी साबित हुआ शहाब का फोटो
शहाब की जिस फोटो को उसके पिता अफसर हमेशा साथ लेकर चलते थे वही इस साल 15 मई को लकी साबित हुआ।
फरीदा और अफसर एक रिश्तेदार की शादी में ओल्ड सीलमपुर गए थे। वहां उन्होंने एक रिश्तेदार से अपने गायब बच्चे की बात की और उनको वो फोटो दिखाई। उस फोटो को देखते ही रिश्तेदार चौंक गए और कहा कि शहाब के चेहरे से मिलते जुलते एक बच्चे को उन्होंने अपने पड़ोस में देखा है।
इसके बाद उस इलाके को फरीदा और अफसर ने काफी छाना लेकिन उनको शहाब नहीं मिला तो उसके बाद वो फिर इस नई सूचना के साथ पुलिस से मिले।
पुलिस ने बच्चे को खोजने के लिए आसपास के इलाके के स्कूलों में छापा मारना शुरू किया और शनिवार को आखिरकार उनको सफलता मिला। शहाब की फोटो से मिलता जुलता एक बच्चा उन्हें मिल गया। इसके बाद पुलिस ने दो दिन तक उस बच्चे का पीछा किया और जहां वह रहता था उस घर को खोज लिया।
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पुलिस ने नकली मां बाप को दबोचा
सोमवार को पुलिस ने शहाब को पाल रहे नकली मां बाप नरगिस और मोहम्मद शमीम को धर दबोचा। पहले तो दोनों पुलिस को कहते रहे कि उन्होंने बच्चे को गोद लिया है लेकिन अपनी बात को साबित करने के लिए वे कोई कागजात नहीं दे पाए।
पुलिस को यह भी पता चला कि पड़ोसियों ने जब नरगिस और शमीम के पास बच्चा देखा था तो पूछने पर दोनों ने यह कहा था कि उनका बच्चा गांव में दादा-दादी के पास रह रहा था। पुलिस ने जब और छानबीन की तो नरगिस और शमीम ने बच्चे को किडनैप करने की बात कबूल कर ली।
नरगिस और शमीम ने पुलिस से कहा कि उनका कोई बच्चा नहीं था इसलिए गोद लेने के कानूनी लफड़े से बचने के लिए उन्होंने बच्चा किडनैप किया।
9 साल बाद खोए बेटे से उसके 10वें जन्मदिन पर मिले मां बाप
सोमवार को फरीदा और अफसर 9 साल पहले खोए बेटे शहाब से मिले। संयोग से उस दिन शहाब का 10वां जन्मदिन था।
पुलिस ने बताया कि नरगिस और शमीम को गिरफ्तार कर लिया गया है और मानवीय तस्करी में उनकी भूमिका की जांच भी की जा रही है। इसकी भी छानबीन की जा रही है कि क्या दोनों ने और बच्चों को भी किडनैप किया है? शहाब के असली मां बाप फरीदा और अफसर हैं कि नहीं, इस बात को साबित करने के लिए डीएनए टेस्ट किया जा चुका है और इसके रिजल्ट का इंतजार है।