छत्तीसगढ़ न्यूज़ के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
Oneindia App Download

Tomato Prize: सस्ता हुआ टमाटर, सुधरेगा किचन का बजट, धमधा और पत्थलगांव में हो रही बम्पर पैदावार

Google Oneindia News

छत्तीसगढ़ में टमाटर की कीमतों में अब कमी देखी जा रही है। मानसून की देरी से बिदाई और बारिश के चलते टमाटर की कीमतें कम होने के नाम नहीं ले रही थी। वहीं प्रदेश के किसानों द्वारा लगाए गए टमाटर की मार्केट में आवक से अब गृहणियों के बजट में सुधार होगा। 80 से 100 रुपये प्रति किलो तक बिकने वाला टमाटर अब 15 से 20 रुपये तक पहुंच गया है। इन दिनों छत्तीसगढ़ के जशपुर और दुर्ग के टमाटर ने अन्य राज्यों से टमाटर की निर्भरता खत्म कर दी है।

tomato

जशपुर के पत्थलगांव में खेती के अनुकूल है वातावरण
जशपुर के पत्थलगांव क्षेत्र में किसान बहुतायत संख्या में टमाटर की खेती करते हैं। इसके अलावा लुड़ेग बागबाहर, तमता, कोतबा इलाके से टमाटर की अच्छी आवक हो रही है। जशपुर का पत्थलगांव क्षेत्र टमाटर के लिहाज से अनुकूल वातावरण वाला क्षेत्र माना जाता है। इसके अलावा इस क्षेत्र के अम्लीय होने की वजह से टमाटर की अच्छी फसल होती है। यहां से टमाटर अन्य राज्यों में भी भेजे जाते हैं। उद्यानिकी विभाग के आंकड़ों के अनुसार जिले में 3000 से अधिक किसानों द्वारा लगभग 5000 हेक्टेयर भूमि पर टमाटर की फसल ली जाती है।

chhattisgarh tomato

ट्रैक्टर की ट्रॉली में टमाटर लादते व्यक्ति का वीडियो वायरल, तरीका देख आप भी हो जाएंगे हैरानट्रैक्टर की ट्रॉली में टमाटर लादते व्यक्ति का वीडियो वायरल, तरीका देख आप भी हो जाएंगे हैरान

टमाटर की बम्पर पैदावार ने घटाई कीमत
छत्तीसगढ़ के किसानों के खेतों में टमाटर की बम्पर पैदावार और स्थानीय मंडियों में टमाटर की बिक्री की वजह से दाम घटने शुरू हुए हैं। इसके अलावा किसानों को बीते साल इसी सीजन में टमाटर के दाम अच्छे मिले थे। जिसके कारण इस बार ज्यादातर किसानों ने टमाटर की फसल लगाई है। ग्राम मोहतरा में सब्जियों की खेती करने वाले किसान संतोष पटेल ने बताया कि इस बार टमाटर की तुड़ाई में तेजी लाई गई है। क्योंकि इस सीजन में दाम तेजी से गिरते हैं। इस बार बारिश के कारण फसल लेने में दिक्कत हुई है। बारिश से टमाटर के फूल झड़ रहें थे। फलों में बिमारियां लग रही थी।

'ईरानी टमाटर नहीं चाहिए', बलूचिस्तान में टमाटरों के आयात का क्यों हो रहा है विरोध?'ईरानी टमाटर नहीं चाहिए', बलूचिस्तान में टमाटरों के आयात का क्यों हो रहा है विरोध?

धमधा क्षेत्र के 5000 किसान करते हैं टमाटर की खेती
इसी तरह दुर्ग जिले का धमधा ब्लॉक टमाटर की खेती के लिए मशहूर है। यहां के अधिकतर किसान उद्यानिकी फसलों के रूप में खेतों में टमाटर की खेती करते है। कृषि विभाग के अनुसार दुर्ग जिले में छोटे बड़े 5000 किसान लगभग 9500 हेक्टेयर में टमाटर की खेती करते हैं। हर साल लगभग एक लाख मीट्रिक टन टमाटर का उत्पादन होता है। यहां के टमाटर की डिमांड दिल्ली, मुम्बई, मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल और यूपी के सब्जी मंडियों में बनी रहती है।
20 रुपये किलों तक पहुंचा टमाटर , और गिरेंगे दाम
बीते साल दिसंबर व जनवरी के महीने में टमाटर 40 से 50 रुपये प्रति किलो तक बिका था। वहीं अब किसानों के खेतों से दलाल 10 रुपये किलों में टमाटर खरीद रहें हैं। एक माह पहले तक टमाटर 50 रुपये किलो तक बना रहा। स्थानीय मंडियों में इन टमाटर की आवक ने बाजारों में टमाटर की कीमतें कम हुई है। धमधा क्षेत्र में टमाटर की अधिक पैदावार और गिरते दाम की वजह से किसानों को उचित दाम नहीं मिल पाते जिसकी वजह से उन्हें टमाटर तोड़कर फेंकना पड़ता है। इतना ही नहीं उन्हें तुड़ाई के का खर्चा भी नहीं निकल पाता है।

Comments
English summary
Tomato Prize: Tomato becomes cheaper, kitchen budget will improve, bumper production is being done in Dhamdha and Pathalgaon
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X