छत्तीसगढ़ः संगठन में बच्चे पैदा करने की अनुमति और प्रमोशन न मिलने पर खूंखार नक्सली ने पत्नी के साथ किया सरेंडर
सुकमा। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में जिला पुलिस और सीआरपीएफ की 74वीं बटालियन को एक बड़ी सफलता मिली है। खूंखार और लाखों के इनामी दंपत्ति ने सरेंडर कर दिया। इस दौरान कोंटा एलजीए कमांडर पोड़ियम गंगा उर्फ रघु और उसकी पत्नी मुचाकि लिखे ने आत्मसमर्पण किया। इसके अलावा सोड़ी रमेश और हेमला भीमा ने भी सरेंडर कर दिया। बता दें कि पति-पत्नी पर 5 और 3 लाख रुपये का इनाम रखा गया था। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों ने संगठन पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं।
कई अहम पदों पर रह छुका है नक्सली रघु
पुलिस और सीआरपीएफ के अधिकारियों ने चार नक्सलियों को प्रोत्साहन राशि भी दी। इस मौके पर एसपी शलभ सिन्हा, एएसपी सिद्धार्थ तिवारी, संदीप कुमार, लोकेश मेहतो और प्रतीक चतुर्वेदी मौजूद थे। सरेंडर करने वाला रघु नक्सल संगठन में कई अहम पदों पर रहकर काम करता रहा। साल 2005 में उसे पोलमपल्ली क्षेत्र में प्लाटून नंबर 4 कमांडर सिघन्ना के माध्यम से संगठन में बाल संघम के रूप शामिल हुआ था। इसके बाद रघु एक साल तक संगठन में बाल संघम के तौर पर काम करता रहा।
कई हमलों को दे चुका है अंजाम
फिर साल 2008 से 2010 तक सीआरसी 01 कंपनी में सेक्शन बी सदस्य और साल 2011 से साल 2013 तक 1 कंपनी सेक्शन बी का डिप्टी कमांडर पद पर काम किया। इसके बाद रघु ने साल 2016 में कोंटा एलजीएस कमांडर के पद पर काम किया। रघु ने ओडिशा और छत्तीसगढ़ में की बड़े हमले को अंजाम दे चुका है। लेकिन सबसे प्रमुख ओडिशा के तेलराई के पास लैंड माइन्स गाड़ी पर विस्फोट और फायरिंग की घटना है। साथ ही उसने दामजोड़ी में पुलिस पार्टी पर भी फायरिंग की वारदात को अंजाम दे चुका है।
बच्चे पैदा करने की नहीं मिल रही थी अनुमति
नक्सली रघु ने बताया कि पिछले कई सालों से वह नक्सल संगठन के लिए काम कर रहा है। लेकिन न तो उसे संगठन में प्रमोशन मिला और न ही उसके पद को लेकर सम्मान। इसके अलावा उसने बताया कि संगठन में बड़े नक्सली अपने-अपने बच्चे पैदा कर रहे हैं और उनका पालन कर रहे हैं। लेकिन हमें बच्चे पैदा करने और परिवार को आगे बढ़ाने की अनुमति नहीं मिलती थी। इन्हीं सब कारणों से परेशान होकर उसने आत्मसमर्पण करने का फैसला किया।
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