काला चावल : देश-विदेश में भारी डिमांड से खूब लाभ कमा रहे हैं किसान, शुगर और हार्ट पेशेंट के लिए फायदेमंद है यह धान
कोरबा। चावल की तमाम किस्में आपने देखी होंगी। खाई भी होंगी, मगर अधिकांश किसान सफेद रंग के चावल की ही पैदावार कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ के किसानों ने चावल की लीक से हटकर खेती की है। काले चावल (ब्लैक राइस) की खेती का नतीजा यह निकला है कि किसान रातों-रात मालामाल हो रहे हैं। देश ही नहीं बल्कि विदेश से भी डिमांड आ रही है।
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शुरुआत करतला ब्लॉक से
बता दें कि छत्तीसगढ़ में अब तक किसान धान की परम्परागत खेती करते आ रहे थे। दो साल पहले समाजसेवी संस्था बुखरी गांव विकास शिक्षण समिति ने इस दिशा में प्रयास शुरू किए। शुरुआत छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के करतला ब्लॉक से हुई। यहां के चुनिंदा किसानों ने दस एकड़ में ब्लैक राइस की फसल लगाई। पहले ही साल में किसानों के काले चावल हाथों-हाथ सफेद चावल से दोगुनी कीमत पर बिक गए। ऐसे में किसानों का काले चावल की खेती में रुझान बढ़ता गया।
112 किसान 250 एकड़ में कर रहे ब्लैक राइस की खेती
यही वजह है कि अगले साल कोरबा में काले चावल की खेती का दायरा सौ एकड़ तक फैल गया। करीब 25 टन ब्लैक राइस का उत्पादन हुआ। इसे कोलकाता की एक ट्रेडिंग कंपनी ने खरीद लिया था। इससे कोरबा के किसान बेहद उत्साहित हैं। लिहाजा, अब 112 किसान करीब 250 एकड़ में ब्लैक राइस की खेती की जा रही। इससे 50 टन ब्लैक राइस का उत्पादन होगा।
400 रुपए प्रतिकिलो में बिक रहे काले चावल
समाजसेवी संस्था बुखरी गांव विकास शिक्षण समिति के अध्यक्ष सूर्यकांत सोलखे ने बताया कि नाबार्ड से मिली श्री पद्धति की ट्रेनिंग के बाद किसानों ने काले चावल की खेती शुरू की है। किसानों की सोसाइटी पैकेट बनाकर भी बेच रही है। किसान 100 रुपए किलो तक लाभ कमा रहे है। पश्चिम बंगाल की एक ट्रेडिंग कंपनी ने 25 टन ब्लैक राइस का ऑर्डर किया है। दक्षिण भारत की ट्रेड कंपनियां भी ब्लैक राइस के लिए संपर्क कर रही हैं। बड़े शहरों में यह चावल 400 रुपये किलोग्राम तक बिक रहा है।
काले चावल खाने का फायदा
सफेद चावल की तुलना काला चावल काफी फायदेमंद है। स्थानीय बाजार में यह चावल भले ही 150 से 200 रुपये प्रति किग्रा बिक रहा, लेकिन फ्लिपकार्ट पर ऑनलाइन 399 रुपए प्रति किलो मूल्य है।
गुणकारी काले चावल की डिमांड महानगरों में अच्छी खासी है। कार्बोहाइड्रेट से मुक्त काले चावल को शुगर पेशेंट और हृदय रोगों के लिए काफी फायदेमंद है। ब्लैक राइस के सेवन से कोलेस्ट्राल के स्तर को भी नियंत्रित किया जा सकता है। इसमें भरपूर मात्रा में फाइबर होने की वजह से अपच की समस्या को भी दूर करने और एंटी ऑक्सीडेंट तत्व की वजह से आंख के लिए भी फायदेमंद है।
छत्तीसगढ़ में काले चावल की का पुराना इतिहास
बता दें कि छत्तीसगढ़ में काले चावल की खेती होना कोई नई बात नहीं है। पहले भी यहां ब्लैक राइस उगाया जाता रहा है, मगर इसी खेती आधुनिक तरीकों से हो रही है।
ब्लैक राइस को छत्तीसगढ़ में करियाझिनी के नाम भी जाना जाता है। यह प्रजाति काफी पुराना है। किवदंति है कि खोदाई के दौरान हंडी में धान मिला था। उसके बाद से इसकी फसल लेनी शुरू की गई। सैनिकों को यह चावल खिलाया जाता था, ताकि उनकी सेहत बेहतर रहे और युद्ध में अच्छा प्रदर्शन कर सकें।
इंडोनेशिया समेत कई देशों में भी खपत
समाजसेवी संस्था बुखरी गांव विकास शिक्षण समिति के अध्यक्ष सूर्यकांत सोलखे ने बताया कि यह सामान्य चावल के मुकाबले ब्लैक राइस को पकने में ज्यादा वक्त लगता है। करीब छह से सात घंटे पानी में भिगोकर रखा जाए, तो जल्दी पक जाता है। इंडोनेशिया समेत कई देशों में भी इस ब्लैक राइस की डिमांड तेजी से बढ़ रही। कोरोना काल की वजह से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की सलाह चिकित्सक दे रहे हैं। ब्लैक राइस स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी है, इसलिए न केवल भारत में बल्कि विदेश में भी इस चावल की खपत बढ़ गई है।
हर सहयोग कर रहा कृषि विभाग
कोरबा कृषि विभाग के सहायक उप संचालक एमजी श्यामकुंवर बताते हैं कि काले चावल की खेती के अच्छे परिणाम सामने आ रहे हैं। किसानों का इस तरफ लगातार रुझान बढ़ता जा रहा है। अलग-अलग चार से पांच प्रजाति के ब्लैक राइस किसान लगा रहे हैं। 90 से 110 दिन में फसल पक कर तैयार हो जाता है। ब्लैक राइस की पैदावार लेने वाले किसानों को विभाग की तरफ से सहयोग किया जा रहा। आने वाले समय में इसे बढ़ावा देने किसानों को और अधिक प्रेरित किया जाएगा, ताकि व्यावसायिक लाभ उठा सकें।
काले चावल के क्या-क्या हैं फायदे
-ब्लैक राइस एकमात्र ऐसा चावल है, जिससे बिस्किट भी तैयार किए जाते हैं।
-हृदय
को
स्वस्थ
और
मजबूत
रखने
के
लिए
इनका
इस्तेमाल
फायदेमंद
है।
-इसमें
मौजूद
फायटोकेमिकल
कोलेस्ट्राल
के
स्तर
को
नियंत्रित
करते
हैं
और
बुरे
कोलेस्ट्राल
को
घटाते
हैं।
-हृदय
की
धमनियों
में
अर्थोस्क्लेरोसिस
प्लेक
फर्मेशन
की
संभावना
कम
करता
है,
जिससे
हार्ट
अटैक
और
स्ट्रोक
की
संभावना
भी
कम
होती
है।
-मोटापा
कम
करने
के
लिए
काले
चावल
खाना
बेहद
फायदेमंद
है।
-भरपूर
मात्रा
में
फाइबर
मौजूद
होने
से
कब्ज
जैसी
समस्याओं
को
समाप्त
करता
है।
-पेट
फूलना
या
पाचन
से
जुड़ी
अन्य
समस्याओं
में
लाभ
देता
है।
-काले
चावल
में
मौजूद
एंथोसायनिन
नामक
एंटीऑक्सीडेंट
की
वजह
से
कार्डियोवेस्कुलर
और
कैंसर
जैसी
बीमारियों
भी
बचा
जा
सकता
है।
-काले
चावल
में
मौजूद
विशेष
एंटीऑक्सीडेंट
तत्वों
के
कारण
यह
त्वचा
व
आंखों
के
साथ
ही
दिमाग
के
लिए
फायदेमंद।
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