"सिद्धू जी, आप जान-बूझकर तो ऐसे शेर नहीं सुना रहे जो मुझे समझ में ना आएं"
यूं तो मेरे तरकश में हैं तीर बहुत, वक्त आने दो निकालूंगा सारे। देखो कांग्रेस मेरी मां है और आप उसके बेटे तो आप मेरे भाई हुए। इसी बात पर जादू की झप्पी दे गुरू...
नई दिल्ली। पंजाब में चुनाव की बाजी पलट गई है। भाजपा के पंजाब में स्टार प्रचारक अब कांग्रेस के बेटे हैं। हन बात कर रहे हैं नवजोत सिंह सिद्धू की। सिद्धू के पार्टी मे आने के बाद कांग्रेस को बड़ी उम्मीदें हैं। राहुल गांधी ने अभी तक उनको टीवी शो पर ही ज्यादा देखा था, इसलिए वो मिलना चाहते थे और सिद्धू अपने शायराना मूड में पहुंचे राहुल गांधी के घर। दोनों के बीच जो बातचीत हो रही थी वो हमने सुनने की कोशिश की है। आप भी जानिए.. कि क्या बात हुई है।
राहुल: सिद्धू जी आइए.. बहुत इंतजार कराया आपने हमें और पार्टी को, अब आप आए हैं तो आपका स्वागत है।
सिद्धू-
ओ
गुरू,
धन्यवाद
जी।
पांच
नदियों
से
है
जो
घिरा,
हरियाली
जहां
हर
ओर
है।
ऐसा
है
पंजाब
मेरा,
ओह्ह
ऐसा
मेरा
प्रदेश
है.
और
राहुल
जी
धन्यवाद
कैसा,
अब
तक
तो
मैं
गैरों
के
यहां
था,
असली
मां
तो
मेरी
कांग्रेस
है।।
तो
गुरू
ठोको
ताली...
राहुल- हैं हैं.. आप तो फट से बना देते हो ये सब साइरी, मुझे तो दो बार भाषण में लिख कर शेर दिए गए. उन्हें भी मुश्किल से याद कर पाया।
सिद्धू-
राहुल
बाबा,
घबराओं
नहीं
मैं
आ
गया
हूं
तो
सब
ठीक
कर
दूंगा।
मैं
इतना
बोलता
हूं
कि
किसी
की
जरूरत
ही
नहीं
पड़ेगी
सबको
देख
लूंगा,
मोदी
हो
या
केजरीवाल।
आप
फिक्र
ना
करो।
वैसे
आपको
देख
कर
शेर
याद
आता
है..
नए
दीवानों
को
देखें
तो
खुशी
होती
है,
हम
भी
ऐसे
ही
थे
जब
आए
थे
वीराने
में।
राहुल- पहला शेर तो मुझे समझ आ भी गया था लेकिन ये तो सिर के ऊपर से उतर गया है। इसे समझा दो सिद्धू जी।
सिद्धू-
कभी-कभी
यूं
भी
हमने
अपने
दिल
को
समझाया
है,
जिन
बातों
को
खुद
नहीं
समझे
औरों
को
समझाया
है।।
राहुल- लगता है आप जान बूझ कर हमसे ऐसे बात कर रहे हैं जो हमे समझ में ही ना आएं। आज उस तरह के शेर क्यों नहीं कह रहे कि 'मकी दि रोटी ते सरसों दा साग ते कुड़ी पटाखा'... उस टाइप के?
सिद्धू- यूं तो मेरे तरकश में हैं तीर बहुत, वक्त आने दो निकालूंगा सारे। घबराओ नहीं प्यारे... जैसा कि मैंने कहा कि कांग्रेस मेरी मां है और आप उसके बेटे तो आप मेरे भाई हुए। जादू की झप्पी दे गुरू... मेले के बिछडे़ भाई मिले हैं।
राहुल- देखो भैया, ये बातें तो होती ही रहेंगी। पंजाब इलेक्शन का बताओ कैसे पार होगी हमारी नाव?
सिद्धू- राहुल जी, बड़ी जल्दी है? कहीं फिर लंबी छुट्टी का इराद है क्या.. हम्म?
राहुल- आप फिर मजाक की तरफ चले गए, अरे अब कांग्रेस में हो पुरानी पार्टी के जैसी हरकत मत करो। बताओं इन 'बादलों' का क्या करना है?
सिद्धू-
बादलों
का
क्या
है
ये
आवारा
यहां
बरसेंगे,
वहां
बरसेंगे
चले
चले
जाएंगे.
बात
अगर
पंजाब
की
है
तो
डोंट
वरी..
हम
उन्हें
छठी
का
दूध
याद
दिलाएंगे।।
कैसा
लगा
गुरू?
राहुल- वाह भैया, मुझे आपसे यही उम्मीद थी। अब तो पंजाब हमारा है। वैसे आप एक बात बताइए, आपको इतना सब याद कैसै रह जाता है. ये कविताएं और शायरी?
सिद्धू- इस सवाल से एक सवाल मेरे भी दिमाग में आया। मुझे ये बताओं आप इतनी जल्दी भूल कैसे जाते हैं सब?
राहुल- हें हें. आप हैं बड़े मजाकिया... अब आप साथ हैं तो मजाक तो चलता ही रहेगा। आइए बैठिए. चाय पीएंगे?
सिद्धू- एक गिलास लस्सी अगर हो जाए तो बहुत बढ़िया।
राहुल- मंगाता हूं। सिद्धू जी, मुझे जहां तक याद आता है ये हमारी इस तरह से पहली मुलाकात है? कैसा लगा हमसे मिलकर?
सिद्धू-
मजा
आ
गया,
तेरा
शो
तो
कपिल
के
शो
को
भी
मात
देता
है।
अच्छा
तो
राहुल
जी
अब
चलता
हूं..
पग
कर
ली
है
टाइट,
पंजाब
में
फाइट....
(यह एक व्यंग्य लेख है)
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