चंडीगढ़ BJP मेयर के चयन को हाइकोर्ट में चुनौती, AAP ने लगाया चयन में धांधली का आरोप
नगर निगम चुनाव चंडीगढ़ के नतीजे घोषित होने के बाद आम आदमी पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बन कर उभरी थी।
चंडीगढ़,
18
जनवरी
2022।
नगर
निगम
चुनाव
चंडीगढ़
के
नतीजे
घोषित
होने
के
बाद
आम
आदमी
पार्टी
सबसे
बड़ी
पार्टी
बन
कर
उभरी
थी।
सबसे
ज्यादा
सीटें
जीतने
के
बावजूद
भी
आम
आदमी
पार्टी
अपना
मेयर
नहीं
बना
सकी।
आम
आदमी
पार्टी
का
आरोप
है
कि
मेयर
के
चयन
में
भारतीय
जनता
पार्टी
ने
धांधली
की
है।
इस
बाबत
मेयर
पद
की
दावेदार
पार्टी
पार्षद
अंजू
कात्याल
समेत
प्रेम
लता
और
राम
चंद्र
यादव
ने
पंजाब
एवं
हरियाणा
हाईकोर्ट
का
रुख
किया
है।
दायर
की
गई
याचिका
में
मेयर
के
चुनावों
को
गैर
कानूनी
घोषित
करने
की
मांग
की
गई
है।
इसके
साथ
ही
राज्य
चुनाव
अधिकारी,
नगर
निगम
और
दूसरे
प्रतिवादियों
को
मेयर
पद
के
ताजा
चुनाव
करवाए
जाने
के
आदेश
देने
की
भी
मांग
की
गई
है।
इस
मामले
में
हाईकोर्ट
19
जनवरी
को
सुनवाई
करेगा।
राजनीतिक षड्यंत्र रचने का आरोप
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में दायर की गई याचिका में रूलिंग पार्टी पर राजनीतिक षड्यंत्र रचने का आरोप लगाया है। याचिका में कहा गया है कि नगर निगम के चुनाव में आम आदमी पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बन कर आई थी और सबसे ज़्यादा 14 सीटें भी हासिल की थी। इसके साथ ही भारतीय जनता पार्टी के अच्छा प्रदर्शन नहीं करने के साथ पार्षदों की खरीद-फरोख्त का भी दावा किया गया है। आम आदमी के चंडीगढ़ के सह-प्रभारी प्रदीप छाबड़ा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने आप के पार्षदों को खरीदने की पुरज़ोर कोशिश की लेकिन कामयाब नहीं हो पाई। इसी वजह से भाजपा ने दूसरे तरीक़ों से नतीजों को अपने हक़ में करने की कोशिशें और प्रशासन की अथॉरिटी पर दबाव भी बनाया।
'BJP का प्रेजाइडिंग अफसर था'
हाईकोर्ट में दायर याचिका में कांउटिंग के दौरान एक बैलेट स्लिप बाईं तरफ नीचे से फटे होने की बात कही गई है। उसमें लिखा गया है कि आम आदमी पार्टी की तरफ़ फटी हुई स्लिप की जानकारी तुरंत प्रेजाइडिंग अफसर को दी गई जो भाजपा का चुना हुआ पार्षद था। 28 पोल की गिनती के दौरान 8 वोटों को ग़लती की वजह के अलग कर दिया गया था। 2 वोटों के फ़र्क से आम आदमी पार्टी जीत गई थी। 11 वोट अंजू कात्याल को और भाजपा के कैंडिडेट को 9 वोट मिले थे। आप पार्षदों ने कहा कि वीडियोग्राफी भी हुई थी, जिसमें साफ तौर पर यह दिख रहा है कि संबंधित अथॉरिटी ने पहले 28 वैध्य वोटों को लिया और 8 खराब वोटों को एक तरफ रख दिया था। जिसे लेकर पहले ही आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी प्रतिनिधि विरोध जता चुके थे।
'काउंटिंग में की गई गड़बड़ी'
आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने आरोप लगाते हुए कहा कि प्रेजाइडिंग अफसर और डिविजनल कमिश्नर ने षड्यंत्र के तहत 8 वोटों पर विचार किया। फटी हुई वोटर स्लिप को प्रेजाइडिंग अफसर ने भाजपा बताते हुए उसे कांउटिंग में जोड़ दिया। जिसके बाद 14 पर टाई हो गया। इसके बाद पेटिशनर के हक में दिए गए एक वोट के पीछे एक निशान बना होने की बात कह कर उसे ख़ारिज कर दिया गया। वोट के पीछे बनाए गए निशान को दिखाया भी नहीं गया। इस तरह साजिश रच के भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार को एक वोट से विजेता घोषित कर दिया। आपको बता दें कि 8 जनवरी को जब भाजपा कैंडिडेट सरबजीत कौर को मेयर घोषित किया गया तो आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने इसका पुरजोर विरोध किया था।
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