टाटा समूह के पास पर्याप्त कैश, निवेश बेचने की कोई योजना नहीं: चंद्रशेखरन
नई दिल्ली। टाटा समूह का कहना है कि उसके पास पर्याप्त मात्रा में नकदी मौजूद है और उसकी अपने किसी भी निवेश को बाजार में बेचने की कोई योजना नहीं है। चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने कोरोना वायरस के समूह पर पड़ने वाले प्रभाव संबंधी अटकलों को नकार दिया है। उन्होंने कहा कि समूह की जो भी कंपनियां हैं, उनको समर्थन देने के लिए हमारे पास पर्याप्त नकदी मौजूद है। शुक्रवार को समूह की कंपनियों को कोष आवंटन करने को लेकर टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी टाटा संस के निदेशक मंडल की बैठक भी हुई है। इस दौरान उन क्षेत्रों को प्राथमिकता देने पर बात हुई है, जिन्हें फिलहाल नकदी की जरूरत है।
चंद्रशेखरन ने बयान में कहा, 'टाटा संस की वित्तीय स्थिति बिल्कुल ठीक है। समूह की कंपनियों के लिए पर्याप्त मात्रा में नकदी है।' उन्होंने कहा कि बाकी कंपनियों की तरह ही टाटा समूह की कंपनियां भी कोरोना वायरस की चुनौतियों का सामना कर रही हैं। वह चुनौतियों और अवसरों दोनों का सामना कर रही हैं। कंपनियां नए अवसरों का लाभ उठाने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। हमारी कंपनियां और मजबूत होकर उभरेंगी। बता दें चंद्रशेखरन साल 2017 के फरवरी माह में टाटा समूह के चेयरमैन बने थे। जिसके बाद उन्होंने समूह की सारी कंपनियों के बीच सही तालमेल बिठाने की पूरी कोशिश की।
गौरतलब है कि कोरोना वायरस लॉकडाउन का असर विभिन्न क्षेत्रों की कंपनियों पर पड़ा है। इनमें होटल, विमानन, वाहन और कई अन्य तरह की कंपनियां भी शामिल हैं। इन क्षेत्रों में टाटा समूह की भी मौजूदगी है। रिपोर्ट्स के अनुसार सबसे ज्यादा प्रभावित टाटा स्टील और जेएलआर हुई हैं। इसके अलावा टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) भी वायरस के चलते प्रभावित हुई है। हालांकि उनके बयान में बोर्ड की बैठक को लेकर कोई जिक्र नहीं था।
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