भारत के इस पड़ोसी देश में मचा हाहाकार, 700 रुपए किलो बिक रही हरी मिर्च, लोग चाय की चुस्की तक के मोहताज
भारत के इस पड़ोसी देश में मचा हाहाकार, 700 रुपए किलो बिक रही हरी मिर्च, लोग चाय की चुस्की तक के मोहताज
नई दिल्ली, 12 जनवरी। भारत के पड़ोसी देश श्रीलंका की अर्थव्यवस्था चरमचा गई है। देश दिवालिया होने के कगार पर पहुंच गया है। भारी कर्ज के बोझ तले श्रीलंका में हरी मिर्च की कीमत 700 रुपए प्रति किलो बिक रहा है तो वहीं खाद्य वस्तुओं की कीमत में महीने में 15 फीसदी से अधिक का इजाफा हो चुका है। श्रीलंका में महंगाई ने लोगों की कमर तोड़ दी है। सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं तो देश में आवश्यक वस्तुओं की किल्लत हो गई है।
हरी सब्जियों की कीमत में भारी बढ़ोतरी
चीन
के
कर्ज
के
जाल
में
फंसकर
दिवालिया
होने
की
कगार
पर
पहुंच
चुके
श्रीलंका
दिवालियापन
के
शिकार
पर
पहुंच
चुका
है।
देश
में
आर्थिक
इमरजेंसी
के
हालात
है।
श्रीलंका
में
लगभग
सभी
आवश्यक
वस्तुओं
का
संकट
पैदा
हो
गया
है।
इस
संकट
से
उबरने
के
लिए
अब
यह
द्वीपीय
देश
अपने
पड़ोसी
देशों
से
मदद
मांग
रहा
है।
श्रीलंका
ने
भारत
से
एक
अरब
डॉलर
का
कर्ज
मांगा
है।
भारी
कर्ज
के
बोझ
तले
दबे
इस
देश
में
महंगाई
चरम
पर
पहुंच
गई
है।
यहां
सब्जियों
और
मिल्क
प्रोडक्ट्स
के
दाम
में
भारी
बढ़ोतरी
हुई
है।
वहीं
यहां
मिल्क
प्रोडक्ट्स
की
भारी
कमी
हो
रही
है।
यहां
मिल्क
पाउडर
की
कीमत
में
12.5
फीसदी
की
तेजी
आई
है।
यहां
मिर्च
की
कीमत
710
रुपए
प्रति
किलोग्राम
पर
पहुंच
गया।
जबकि
बैंगन
की
कीमत
में
51
फीसदी
की
तेजी
आ
चुकी
है।
वहीं
प्याज
की
कीमत
में
40
फीसदी
की
तेजी
आई
है।
यहां
आलू
200
रुपए
प्रति
किलो
बिक
रहा
है।
करेला
160
रुपए,
गाजर
200
रुपए
प्रति
किलो,
टमाटर
200
रुपए
किलो
बिक
रहा
है।
आपको
बता
दें
कि
चीन
का
श्रीलंका
पर
5
अरब
डॉलर
से
अधिक
कर्ज
है।
चाय की चुस्की पर भी संकट
श्रीलंका में पैदा हुए आर्थिक संकट के कारण यहां खाद्य पदार्थों की किल्लत हो गई है। बाजार में मिल्क प्रोडक्ट की कीमत में 12.5 फीसदी से अधिक की तेजी आई है तो वहीं यहां सामानों की किल्त होने लगी है। हालात ये है कि बाजार में दूध की चाय बिकनी बंद हो गई है। श्रीलंका में खाने-पीने के सामानों की कीमत आसमान छू रही हैं। अगर बात कुकिंग गैस की करें तो यहां गैस सिलेंडर की कीमतों में दोगुनी बढ़ोतरी हो गई है।
भारी कर्ज के बोझ तले दबा देश
श्रीलंका में भारी कर्ज के कारण यहां के लोगों को भर पेट खाना तक नसीब नहीं हो रहा है। लोग तीन वक्त के बजाए एक या दो वक्त का खाना खाकर अपना वक्त गुजार रहे हैं। जहां की 5 लाख की आबादी गरीबी रेखा के नीचे पहुंच गई है। नवंबर के अंत तक श्रीलंका का विदेशी मुद्रा भंडार 1.6 अरब डॉलर रह गया था। क्षीलंका के पास कुछ ही हफ्तों का राशन और आयात के लिए पैसा बचा है। हालात ये है कि अगले कुछ हफ्तों में अगर स्थिति नहीं सुधरी तो यहां का आईटी सिस्टम बंद हो जाएगा, क्योंकि ये देश इसके लिए भी पैसे देने की स्थिति में नहीं होगा। यहां बढ़ती महंगाई को देखते हुए राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने देश में आर्थिक आपातकाल लगा दिया है।
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