क्या 31 जुलाई को बंद हो जाएंगे ये 9 बैंक, डूब जाएगा पैसा?
नई दिल्ली। इन दिनों सोशल मीडिया पर एक मैसेज खूब वायरल हो रहा है, जिसने लोगों को डरा रखा है। इस मैसेज में कहा जा रहा है कि भारतीय रिजर्व बैंक 31 जुलाई से देश के 9 बैंक बंद करने वाला है। मैसेज में दावा है कि अगर इनके बंद होने से पहले आपने अपने खाते से पैसे नहीं निकाले तो आपके पैसे डूब जाएंगे।
ये है मैसेज का सच
वायरल मैसेज में दावा किया गया है कि 31 जुलाई के बाद RBI के आदेश से यूको बैंक, कॉर्पोरेशन बैंक, आईडीबीआई, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, आंध्रा बैंक, आईओबी, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, देना बैंक और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया हमेशा के लिए बंद हो जाएंगे। आपको बता दें न तो भारतीय रिजर्व बैंक ने ऐसा कोई नोटिफिकेशन जारी किया है ना ही किसी बैंक ने इस बात की पुष्टि की है। वहीं भारतीय रिजर्व बैंक के प्रवक्ता जोस कट्टुर ने कहा है कि 31 जुलाई से 9 बैंकों के बंद होने वाला वायरल मैसेज झूठा है। सभी लोगों का पैसा पूरी तरह सुरक्षित है।
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मोदी सरकार जल्द ही कई सरकारी बैंकों के विलय की योजना बना रही है। केंद्र सरकार सरकारी स्वामित्व वाले बैंकों की संख्या को 21 से घटाकर करीब 10 से 12 करना चाहती है। इस तरह देखा जाए तो जल्द ही 9 सरकारी बैंक खत्म होकर अन्य बैंकों में मिल सकते हैं। केंद्र सरकार वैश्विक आकार के 3 से 4 बैंक तैयार करना चाहती है। इसके लिए वो विलय की योजना पर काम कर रही है। आइए जानते हैं अगर इन बैंकों में से किसी में आपका भी खाता है तो आपको क्या करना चाहिए।
1- क्या है सरकार की योजना?
सरकार चाहती है कि पूरे देश में एसबीआई की तरह कम से कम 3-4 बैंक हों। इस योजना के मुताबिक पंजाब एंड सिंध बैंक और आंध्रा बैंक जैसे कुछ क्षेत्र विशेष के बैंक अपनी स्वतंत्र पहचान को बनाए रखेंगे और मध्यम आकार कुछ बैंक भी बने रहेंगे। वहीं पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, केनरा बैंक, बैंक ऑफ इंडिया जैसे बड़े बैंक अधिग्रहण के लिए छोटे बैंकों का समायोजन करने की तैयारी कर सकते हैं।
2- आपके बैंक का अधिग्रहण हो तो क्या करें?
अगर सरकार की इस योजना के तहत आपके बैंक का भी अधिग्रहण हो रहा हो तो आपको चिंतित होने की जरूरत नहीं है। जो बैंक आपके बैंक का अधिग्रहण करेगा, आपका खाता उसमें अपने आप ही ट्रांसफर हो जाएगा। हालांकि, बैंकिंग प्रक्रिया के मुताबिक जिस बैंक का अधिग्रहण हो रहा होता है, उसे अपने ग्राहकों को इस बारे में एक नोटिफिकेशन के जरिए सूचना देनी होती है।
3- क्या होता है बैंक के इस नोटिफिकेशन में?
अधिग्रहण हो रहे बैंक की तरफ से ग्राहकों के एक नोटिफिकेशन भेजा जाता है, जिसमें उन्हें सूचित किया जाता है कि उस बैंक का अधिग्रहण हो रहा है। सूचना में कहा गया होता है कि ग्राहकों का खाता अपने आप ही दूसरे बैंक में ट्रांसफर हो जाएगा। इस पर ग्राहकों की सहमति भी मांगी जाती है। यूं तो अगर कोई ग्राहक इस सूचना के जवाब में कुछ नहीं कहता है तो उसकी सहमति समझा जाता है, लेकिन अगर कोई ग्राहक चाहे तो वह अपनी असहमति भी दर्ज कर सकता है।
4- नोटिफिकेशन से असहमत होने पर क्या करें?
अगर आप बैंक के अधिग्रहण पर अपनी असहमति जताते हैं तो आपको उस बैंक से अपना खाता बंद करने का निवेदन किया जाएगा, क्योंकि उस बैंक का अधिग्रहण होना है। इसके बाद आप उस बैंक से अपना खाता बंद करवा कर अपनी बकाया राशि निकाल सकते हैं। हालांकि, अगर आप ऐसा नहीं करेंगे तो आपका खाता अपने आप ही नए बैंक में ट्रांसफर हो जाएगा।
5- पुराने बैंक की पासबुक और एटीएम कार्ड का क्या?
अगर आपके बैंक का अधिग्रहण हो चुका है और आपके पास पुराने बैंक की पासबुक और एटीएम है, तो आपको घबराने की कोई जरूरत नहीं है। आप अपनी पुरानी पासबुक और एटीएम कार्ड से ही नए बैंक की सुविधाएं ले सकते हैं। आपको नई पासबुक और एटीएम कार्ड मुहैया कराने की जिम्मेदारी नए बैंक की है। जब तक आपको नई पासबुक और नया एटीएम कार्ड नहीं मिल जाता, तब तक आपको पुरानी पासबुक और एटीएम पर ही नए बैंक की सभी सुविधाएं मिलेंगी।