खत्म होगी महंगे तेल की टेंशन! रूस में मिला कच्चे तेल का विशाल भंडार, भारत के लिए खुश होने वाली खबर
खत्म होगी महंगे तेल की टेंशन! रूस में मिला कच्चे तेल का विशाल भंडार, भारत के लिए खुश होने वाली खबर
नई दिल्ली। रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के दौरान जहां दूसरे देशों ने रूस पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए तो वहीं भारत ने अपने पुराने दोस्त के साथ दोस्ती बरकरार रखी। भारत ने रूस के साथ तेल के कारोबार को जारी रखा। दुनियाभर के विरोध के बावजूद भारत ने रूस के साथ तेल के कारोबार को जारी रखने के फैसला किया और आज ये फैसला भारत के लिए फायदेमंद साबित हो रहा है। जल्द ही इतना असर भी दिखने लगेगा। आने वाले समय भारत में तेल की कीमतों में गिरावट आएगी।
रूस में मिला कच्चे तेल का विशाल भंडार
रूस की बड़ी कंपनी रोसनेफ्ट ने कहा है कि उसे कच्चे तेल का विशाल भंडार मिला है। कंपनी की ओर से इसकी जानकारी दी गई है। कंपनी ने कहा है कि पेचोरा सागर में उसे कच्चे तेल का बड़ा भंडार मिला है। तेल का ये भंडार आर्कटिक क्षेत्र में मिला है, जिसके सप्लाई के शुरू होने में थोड़ा वक्त लग सकता है।
कितना बड़ा तेल भंडार
रूस की तेल कंपनी की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक पेचोरा में मिला कच्चे तेल का भंडार पाखी विशाल है। इस भंडार में 8.2 करोड़ टन कच्चा तेल हो सकता है। रोसनेफ्ट के मुताबिक उनके ड्रिलिंग प्रोग्राम के दौरान ये खाजान उन्हें मिला है। इस तेल भंडार में 220 वर्ग मीटर प्रति दिन के अधिकतम फ्लो रेट के साथ इस तेल के भंडार का पता चला है। कंपनी ने कहा है कि इस भंडार में मिले कच्चे तेल की गुणवत्ता काफी बेहतर है।
भारत के लिए अच्छी खबर
रूस में मिले इस तेल भंडार को भारत के लिए अच्छी खबर माना जा रहा है, क्योंकि भारत न केवल रूस के साथ तेल का व्यापार करता है बल्कि रूस के सुदूर पूर्वी हिस्सों में भारत ने निवेश भी किया है। भारत रूस के तेल का बड़ा खरीदार है। ऐसे में रूस में मिले इस तेल भंडार का भारत को भी लाभ मिलेगा। भारत में महंगे तेल की टेंशन कम होगी।
तेल में दिखी भारत और रूस की दोस्ती
यूक्रेन के साथ युद्ध के बीच कई देशों ने रूस पर प्रतिबंध लगाए हैं, लेकिन भारत ने अपने इस दोस्त के साथ दोस्ती निभाई है। कच्चे तेल के कारोबार में भी भारत रूस का बजड़ा सहयोगी है। अप्रैल से अब तक भारत ने रूस से तेल के आयात को 50 गुना अधिक बढ़ा दिया है। वहीं कुल आयात में इसकी हिस्सेदारी 10 फीसदी बढ़ गई है, जबकि रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू होने से पहले ये 0.2 फीसदी था।
खत्म होगी टेंशन
भारतीय रिफाइनरी खास कर रिलायंस, नायरा एनर्जी जैसी बड़ी कंपनियों ने रूसी तेल का बड़ा हिस्सा खरीदा है। वहीं रूस ने भी इस मौके पर भारत का साथ दिया और बड़े छूट के साथ भारत को कच्चा तेल उपलब्ध करवाय़ा है। अब एक बार फिर से भारत को उम्मीद है कि रूस में मिले इस विशाल तेल भंडार से भारत में महंगे तेल की टेंशन कम होगी।
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