बड़ी राहत: 24 अप्रैल से लगेगा SBI के खाताधारकों पर मिनिमम बैलेंस न रखने पर जुर्माना
SBI के इन खाताधारकों को बड़ी राहत मिली है। अकाउंट में मिनिमम बैलेंस नहीं रखने पर उनपर जुर्माना लगाने की तारीख को 1 अप्रैल से बढ़ाकर 24 अप्रैल कर दिया गया है।
नई दिल्ली। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने 1 अप्रैल से अकाउंट में मिनिमम बैलेंस नहीं रखने पर जुर्माना और सर्विस चार्जेस की घोषणा की है, लेकिन एसबीआई के सहयोगी बैंकों के अकाउंट होल्डर्स के लिए राहत की खबर आई है। 1 अप्रैल से स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में विलय होने वाले पांच सहयोगी बैंकों के अकाउंट होल्डर्स पर मिनिमम बैलेंस का नियम 1 अप्रैल से नहीं बल्कि 24 अप्रैल से लागू होगा।
यानी की एसबीआई में विलय होने वाले स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, स्टेट बैंक ऑफ पटियाला और स्टेट बैंक और त्रावणकोर और भारतीय महिला बैंक के खाताधारकों पर मिनिमम बैलेंस न रखने पर जुर्माना लगाने का नियम 24 अप्रैल से लागू होगा। वहीं नए सर्विस चार्जेस भी 24 अप्रैल से ही लागू होंगे।
ऐसा इसलिए क्योंकि 1 अप्रैल को एसबीआई में विलय होने वाले इस बैंकों के डाटा को मर्ज करने में 24 अप्रैल तक का वक्त लगेगा, इसलिए इन पांचों बैंकों पर मिनिमम बैलेंस का नियम भी 24 अप्रैल से ही लागू किया जाएगा। एसबीआई के प्रवक्ता के मुताबिक इन बैंकों के डाटा को एसबीआई के डाटा के साथ मर्ज करने में बैंक को 24 अप्रैल तक का वक्त लगेगा, इसलिए इन खाताधारकों को 24 अप्रैल तक की छूट दी गई है। इसके बाद जब सभी बैंकों के डाटा एक प्लेटफॉर्म पर आ जाएंगे तो उन बैंकों के खाताधारकों पर भी एसबीआई के मिनिमम बैलेंस के नियम लागू होंगे।
उन्होंने कहा कि एक प्लेटफॉर्म पर सभी डाटा आ जाने के बाद खाताधारकों के मिनिमम बैलेंस महीने के आखिरी में ऑटोमेटिकली कैलकुलेट हो जाएंगे। गौरतलब है कि 1 अप्रैल को देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक में विलय हो गया। इसके साथ ही स्टेट बैंक दुनिया के 50 बड़े बैंकों में शामिल हो गया है।अब भारतीय स्टेट बैंक के खाताधारकों की कुल संख्या 37 करोड़ हो गई है, जबकि विलय के बाद बैंक की जमा राशि 26 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गई है।