कार से ज्यादा प्रदूषण फैलाती हैं बाइक, फिर भी सब्सिडी क्यों, मारुति सुजुकी ने उठाया सवाल
नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में खतरनाक स्तर पहुंच चुके प्रदूषण के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार सड़कों पर दौड़ती कारों को ठहराया जाता है। इसी वजह से एक ओर जहां देश की सर्वोच्च न्यायालय ने दिल्ली की सड़कों से 10 साल पुरानी डीजल गाड़ियों को हटाने का फैसला किया तो सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक कारों को बढ़ावा देने पर जोर दिया है। प्रदूषण के लिए कारों को दोषी ठहराए जाने पर कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी ने सवाल खड़ा किया है। मारुति सुजुकी के चेयरमैन आरसी भार्गव ने सवाल खड़ा करते हुए कहा कि कार से ज्यादा प्रदूषण बाइक फैलती हैं, लेकिन इसके बावजूद सरकार की ओर से बाइक पर सब्सिडी दी जा रही है जबकि कारों पर नहीं। देश में खपत का एक तिहाई हिस्सा पेट्रोल बाइकों में जाता है, लेकिन बाइक पर कोई उंगली नहीं उठाता।
दिल्ली में आयोजित मारुति सुजुकी की सालाना बैठक में भार्गव ने कहा कि टू-व्हीलर वाहनों को सरकारी सब्सिडी दी जाती है, जबकि प्रदूषण फैलाने में उनका भी बड़ा योगदान है। उन्होंने कहा कि शायद सरकार ऐसा मानना है कि बाइक खरीदने वाले लोग आर्थिक रूप से कमजोर होते हैं। भार्गव ने कहा कि भारत में इलेक्ट्रॉनिक वाहनों के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जा रहा है ताकि वायु प्रदूषण को कम किया जा सके। ये बात बाइकों पर भी लागू होने चाहिए। उन्होंने कहा कि इस साल के चौथे क्वार्टर में कार की बिक्री निराशाजनक रही। कंपनी के लिए डबल डिजिट ग्रोथ हासिल करना मुश्किल होगा। भार्गव ने बताया कि कंपनी ने तीसरे क्वार्टर में 5 फीसदी ग्रोथ रेट हासिल की है, जबकि इससे पहले के दो क्वार्टर में कंपनी की ग्रोथ काफी अच्छी रही थी।
उन्होंने कहा कि इस साल फेस्विटल सीजन के दौरान कारों की बिक्री पिछले सालों के मुकाबले कम रही। उनके मुताबिक चुनावी साल में कारों की बिक्री पर असर पड़ता है। उन्होंने कहा कि रुपए में कमजोरी समेत कई मुद्दों की वजह से कारों की बिक्री फिलहाल कोई असर नहीं पड़ रहा है।