इंफोसिस के अध्यक्ष राजेश मूर्ति ने दिया इस्तीफा
नई दिल्ली। आईटी क्षेत्र की बड़ी कंपनी इंफोसिस के अध्यक्ष राजेश मूर्ति ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। मूर्ति कंपनी के सबसे ज्यादा वेतन पाने वाले एग्जेक्यूटिव में से एक हैं। हालांकि राजेश के. मूर्ति 31 जनवरी 2018 तक कंपनी से जुड़े रहेंगे। राजेश मूर्ति अक्टूबर 2016 में कंपनी के अध्यक्ष बने थे। मूर्ति ने रिजाइन के पीछे निजी वजह बताई है। राजेश ने कुछ महीने पहले ही कंपनी को इस बाबत जानकारी दे दी थी। उन्होंने कहा है कि वो कुछ निजी वजहों से कंपनी को समय नहीं दे पा रहे थे इसलिए रिजाइन किया है।
इंफोसिस का मुनाफा 5129 करोड़ बढ़ा
राजेश मूर्ति के इस्तीफे के साथ ही कंपनी के लिए अच्छी खबर भी आई है। देश की दूसरी बड़ी आईटी कंपनी इंफोसिस का समग्र मुनाफा चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में 38.3 प्रतिशत बढ़कर 5,129 करोड़ रुपए पर पहुंच गया है। पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में यह 3,708 करोड़ रुपए रहा था। दिसंबर तिमाही के अंत तक कंपनी के कुल कर्मचारियों की संख्या 2.01 लाख रही।
राजस्व तीन प्रतिशत बढ़ा
इस तिमाही के दौरान इंफोसिस का राजस्व 17,273 करोड़ रुपए की तुलना में तीन प्रतिशत बढ़कर 17,794 करोड़ रुपए पर पहुंच गया है। कंपनी ने वित्त वर्ष 2017-18 के लिए राजस्व वृद्धि 5.5 से 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान दिया है। सलिल पारेख के कंपनी के नये मुख्य कार्यकारी अधिकारी व प्रबंध निदेशक बनाये जाने के बाद यह कंपनी का पहला तिमाही परिणाम है। पारेख ने इस पर कहा है कि परिणाम उत्साह बढ़ाने वाले हैं, हम स्थिरता की ओर बढ़ रहे हैं।
कंपनी का प्रतिशेयर मूल लाभ 6.29 रुपए बढ़ा
इंफोसिस ने बयान जारी कर कहा है कि उसने अमेरिकी प्रशासन के साथ अनुबंध के चलते कंपनी को1,432 करोड़ रुपए के कर प्रावधानों से छूट मिली, जिसके चलते इस तिमाही के दौरान उसका मुनाफा बढ़ा है। कंपनी का प्रतिशेयर मूल लाभ बढ़कर 6.29 रुपए हो गया है।
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